जयपुर में चाइनीज मांझे से हुई थी बच्चे की मौत:कोर्ट ने कहा- कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर मृतक की मां को ब्याज सहित 5.50 लाख रुपए दें
जयपुर में चाइनीज मांझे से हुई थी बच्चे की मौत:कोर्ट ने कहा- कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर मृतक की मां को ब्याज सहित 5.50 लाख रुपए दें

जयपुर : जयपुर के त्रिपोलिया बाजार में दिसंबर 2019 के दौरान मोटरसाइकिल पर बैठे साढ़े चार साल के बच्चे फैजुदीन की प्रतिबंधित चाइनीज मांझे से गर्दन कटने से मौत हो गई थी। इसके लिए जयपुर मेट्रो-द्वितीय की एडीजे कोर्ट 7 ने जिला कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर जयपुर व एसडीओ एसएचओ माणक चौक को जिम्मेदार माना है।
दिसंबर 2019 में त्रिपोलिया बाजार में हुआ था हादसा
कोर्ट ने इन्हें निर्देश दिया है कि वे मृतक बच्चे की मां फरहानाज को मुआवजा राशि 5.50 लाख रुपए दावा दायर करने की तारीख से नौ फीसदी ब्याज सहित दें। कोर्ट के जज नीरज गुप्ता ने फैसले में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अविवाहित बेटे की मौत की स्थिति में केवल उसकी माता को ही आश्रित की श्रेणी में माना है। इसलिए मुआवजा राशि मां को ही दिलवाई जा रही है। कोर्ट ने यह आदेश मृतक बच्चे के पिता दिल्ली रोड, ईदगाह निवासी अजीजुदीन व मां सहित अन्य परिजनों के क्षतिपूर्ति दावे पर दिया।
अधिवक्ता बसंत सैनी ने बताया कि 22 दिसंबर 2019 को फैजुदीन अपने पिता व भाई के साथ त्रिपोलिया बाजार से होता हुआ किशनपोल बाजार जा रहा था। शाम पांच बजे करीब जब वे रेड लाइट पर रुके तो वादी को उसकी जैकेट पर कुछ रगड़ने व कटने का अहसास हुआ। तभी आगे बैठा फैजुदीन चिल्लाया तो उसने मोटरसाइकिल रोकी। वे रुकते तब तक चाइनीज मांझे ने उसके बेटे की गर्दन काट दी। उसने मांझा तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन टूटा नहीं। मांझे ने उसके बेटे की गर्दन को बुरी तरह से काट दिया था। बच्चे को तुरंत एसएमएस अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड ले जाया गया, लेकिन खून नहीं रुकने के चलते उसकी मौत हो गई।
इसे प्रार्थियों ने कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि फैजुदीन की मौत प्रतिबंधित चाइनीज मांझे से हुई है। राज्य सरकार व जिला कलेक्टर ने इसके उपयोग व स्टोर करने पर रोक लगा रखी थी। इस आदेश का पालन करने की जिम्मेदारी पुलिस कमिश्नर व अन्य अफसरों की थी, लेकिन राज्य सरकार व अफसरों के कर्तव्य में विफल रहने के कारण ही प्रतिबंधित चाइनीज मांझे का उपयोग हुआ और इसके चलते ही उसके बेटे की मौत हुई है। इसलिए उन्हें राज्य सरकार व संबंधित पक्षकारों से मुआवजा दिलवाया जाए।