सिंघाना, बुहाना व खेतड़ी के शिक्षक-शिक्षिकाओं की चेंज मेकर लैब पर दो दिवसीय गैर आवासीय कार्यशाला का आयोजन
सिंघाना, बुहाना व खेतड़ी के शिक्षक-शिक्षिकाओं की चेंज मेकर लैब पर दो दिवसीय गैर आवासीय कार्यशाला का आयोजन

जनमानस शेखावाटी संवाददाता: योगेश कुमार
झुंझुनूं : पिरामल फाउंडेशन व कनेक्टिंग ड्रीम फाउंडेशन द्वारा झुंझुनूं जिले के सरकारी विद्यालयों में पिछले साल चेंज-मेकर नामक परियोजना का शुभारम्भ किया गया था जिसमें बच्चों व शिक्षक-शिक्षिकाओं का पिरामल स्कूल ऑफ़ लीडरशिप में बूटकैम्प आयोजित किया गया था । इस परियोजना को सर्वप्रथम झुंझुनू जिले के तीन ब्लॉक नवलगढ़, उदयपुरवाटी, एवं झुंझुनू में शुरू किया गया था। इस परियोजना के तहत इन ब्लॉक के शिक्षक-शिक्षिकाओं की क्षमता संवर्धन की गई थी जिसके परिणामस्वरुप विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों ने सतत विकास के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए एक चेंज-मेकर के रूप में स्थानीय संदर्भ में कई तरह की समस्याओं को खोजना, उनके हलों को जानना, एवं उनके हलो को लागू करना सीखा था। इसी क्रम में पिरामल फाउंडेशन व सहयोगी संस्था कनेक्टिंग ड्रीम फाउंडेशन द्वारा इस वर्ष झुंझुनू जिले के ब्लॉक सिंघाना, बुहाना व खेतड़ी में इस परियोजना का शुभारम्भ कर दिया है जिसके लिए सर्वप्रथम शिक्षक-शिक्षिकाओं की दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन पिरामल स्कूल ऑफ़ लीडरशिप बगड़ में आजसे किया जा रहा है। इस कार्यशाला में में मुख्य रूप से एक चेंज मेकर कौन होता है, एक चेंज मेकर बनने के लिए किस प्रकार के कौशलों व दक्षताओं की आवश्यकता होती है, एवं इसकी एक पूर्ण प्रक्रिया किया है उस पर क्षमता संवर्धन किया जा रहा है।
इस कार्यशाला में शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अब तक जाना कि कैसे इस परियोजना को दूसरे ब्लॉक में किया गया, वहां की प्रस्तिथियों को बच्चों व विद्यालय के चेंज-मेकर ने किस प्रकार से देखा और उन्हें हल करने के लिए किस तरह के प्रयास किये। साथ ही साथ कार्यशाला में सत्रों के माध्यम से ये भी जानने का अवसर मिला कि समस्या की खोज, उसके पहचान, उसकी छानबीन कर उसके हलों को कैसे ढूंढते एवं उन्हें लागू करते हैं। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को एक चेंज-मेकर के रूप में तैयार करना है जिससे वह अपने अपने विद्यालयों में जाकर कक्षा 6 से कक्षा 8 के विद्यार्थियों के साथ चेंज-मेकर बूटकैम्प के आयोजन कर सकें और बच्चों को 3-C मॉडल (कलेक्ट प्रॉब्लम, क्रिएट सलूशन, एवं क्रिएट इम्पैक्ट) के तहत एक चेंज-मेकर के रूप में तैयार होने के अवसर प्रदान कर सकें।
पिरामल फाउंडेशन में प्रोग्राम लीडर के रूप में कार्यरत मोहम्मद अशगाल खान व नूरुल अली खान ने बताया कि ये परियोजना न सिर्फ बच्चों बल्कि शिक्षक-शिक्षिकाओं को उनके स्थानीय सन्दर्भ में स्वंय की व दूसरों की समस्याओं की पहचान करने की रणनीतियों के बारे में जानने में मदद करती है बल्कि उनके हेलो को खोजकर उन्हें सुचारू रूप से लागू करने के लिए भी प्रेरित करती है। इसके साथ साथ ये बच्चों को उनके स्थानीय सन्दर्भ में समुदाय में घटित समस्याओं को एक नए चश्में से देखने और उन्हें समूह के रूप में हल करने की और अग्रसर करती है। नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार बच्चों को करके सीखने के अवसर के रूप में चेंज-मेकर लैब एक बहुत ही महत्वपूर्ण विकल्प है जिसे सरकारी स्कूलों के बच्चों को आगे बढ़ने और एक प्रॉब्लम सॉल्वर बनने की प्रेरणा मिलती है