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Israel-Hamas War: अजमेर दरगाह के दीवान की मांग- यूएन और केंद्र दखल दें, इस्राइल को गाजा पर हमले रोकें


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Israel-Hamas War: अजमेर दरगाह के दीवान की मांग- यूएन और केंद्र दखल दें, इस्राइल को गाजा पर हमले रोकें

अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदिन ने गुरुवार को यूनाइटेड नेशंस और केंद्र सरकार से इस्राइल के गाजा पट्टी पर हमलों को रुकवाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है।

अजमेर : इस्राइल और फिलीस्तीन के बीच हो रहे युद्ध को लेक अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के दीवान व आध्यात्मिक धर्म गुरु सैयद जैनुअल अली आबेदीन ने भारत सरकार से दोनों देशों के बीच हो रहे युद्ध में हस्तक्षेप करने की अपील की है। आबेदीन ने कहा कि मैं संयुक्त राष्ट्र और भारत सरकार से अपील करता हूं कि तुरंत हस्तक्षेप करें और इस्राइल और फिलिस्तीन में शत्रुता को रोकें।

अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख और वंशानुगत सज्जादानशीन हज़रत दीवान सैयद ज़ैनुल आबेदीन ने कहा कि निर्दोष लोगों की जान का नुकसान अनुचित और अत्यधिक निंदनीय है। यह इस्लाम और यहूदी धर्म दोनों की शिक्षाओं के खिलाफ है। मैं दोनों पक्षों से अपील करता हूं कि वे अपने-अपने धर्म और मानवता की खातिर इस खून-खराबे को रोकें। प्रत्येक धर्म किसी भी रूप में हिंसा से घृणा करता है। इस्लाम में निर्दोष लोगों की जान गंवाना सख्त वर्जित है। निर्दोष लोगों की जान बचाने के लिए यह युद्ध बंद होना चाहिए। यह युद्ध का युग नहीं है, शांतिपूर्ण बातचीत ही एकमात्र रास्ता है। यह इस बारे में नहीं है कि कौन जीता या हारा। यह मानवता को नष्ट होने से बचाने के लिए एक-दूसरे के अधिकारों और सीमाओं का सम्मान करने के बारे में है। मुसलमान होने के नाते, हम मुसलमानों के जीवन की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं, लेकिन हमें यह भी याद रखना चाहिए, चाहे मुसलमान हों या न हों, मानव जीवन अल्लाह को बहुत प्रिय है। कई हत्याएं हमें अल्लाह की कृपा नहीं प्रदान करेंगी। आध्यात्मिक प्रमुख ने कहा कि एक मुस्लिम होने के नाते मैं फिलिस्तीनी लोगों के वैध अधिकार के साथ खड़ा हूं, लेकिन उन लोगों के साथ नहीं जो बंदूकें अपने हाथों में लेते हैं। निर्दोष लोगों को मारते हैं। विश्व समुदाय को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और वहां पर शांति बनाए रखनी चाहिए।

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