पूर्व विधायक बोले- राजा-महाराजाओं का शासनकाल अन्यायपूर्ण रहा-VIDEO:कहा- छोटी-छोटी बात पर उल्टा पटककर चपेट लगाते थे, राजपूत समाज में नाराजगी
पूर्व विधायक बोले- राजा-महाराजाओं का शासनकाल अन्यायपूर्ण रहा-VIDEO:कहा- छोटी-छोटी बात पर उल्टा पटककर चपेट लगाते थे, राजपूत समाज में नाराजगी

आसीन्द : निर्दलीय पूर्व विधायक हगामी लाल मेवाड़ा एक बार फिर अपने विवादास्पद बयान से चर्चा में है। इस बार उन्होंने आजादी से पहले राजा-महाराजाओं के शासनकाल को अन्यायपूर्ण बताया है। पूर्व विधायक के बयान का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसके बाद राजपूत संगठनों ने नाराजगी जताई है।
ये पहला मामला नहीं है, जब पूर्व विधायक अपने बयान से विवाद में आए है। करीब एक महीने पहले भाषण देते-देते वे गाली दे बैठे थे। फिलहाल सामने आया वीडियो एक अक्टूबर को महात्मा गांधी दर्शन और संगोष्ठी समारोह का है। भीलवाड़ा शहर के आरो वाटिका में 2 अक्टूबर को समारोह के समापन पर आसींद हुरडा के पूर्व विधायक हगामी लाल मेवाड़ा भी पहुंचे थे।
राजा-महाराजाओं के शासनकाल को अन्यायपूर्ण बताया
समापन समारोह में पूर्व विधायक ने ‘आजादी से पहले राजा-महाराजाओं के शासनकाल को अन्यायपूर्ण बताया। भाषण में कहा-‘आजादी से पहले गांव में कुछ भी छोटी-मोटी बात हो जाने पर लोगों को गढ़ महलों में ले जाकर उल्टा पटककर चपेटे लगाई जाती थीं।’ मगर आज हम किसी को भी भला-बुरा कह सकते हैं।
राजपूत समाज ने की माफी की मांग
पूर्व विधायक का वीडियो सामने आने के बाद राजपूत समाज ने नाराजगी जाहिर की। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के भीलवाड़ा जिलाध्यक्ष बबलू बन्ना ठुमिया ने पूर्व विधायक से माफी की मांग की है। ऐसा नहीं करने पर ज्ञापन देकर विरोध जताने की बात कही। मामले में पूर्व विधायक से जब बात करने के लिए फोन किया तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया।
पहले भाषण में दे चुके हैं गाली
करीब एक महीने पहले कांग्रेस की बैठक में पूर्व विधायक मंच पर भाषण देते-देते अपना आपा खो बैठे और जोश में गाली देने लगे। उन्हें ध्यान भी नहीं रहा कि मंच पर महिला नेत्री भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा था कि ‘हम दो भाइयों के लड़ने के कारण आसींद में कांग्रेस हारती आ रही है। अब मैं और मांडल से विधायक तथा राजस्थान सरकार में राजस्व मंत्री रामलाल जाट एक हो गए हैं’। इसके बाद विधायक ने गाली देते हुए कहा कि अब किसी में दम नहीं कि हमें हरा दे।
2003 में जीते थे चुनाव
हगामी लाल साल 2003 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़े और जीते थे। इसके बाद साल 2008 में कांग्रेस ने इन्हें प्रत्याशी बनाया, लेकिन बीजेपी के रामलाल गुर्जर ने उन्हें 4 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। इसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने हगामी लाल के बेटे को प्रत्याशी बनाया, लेकिन बीजेपी के जब्बर सिंह सांखला ने उन्हें 154 वोटों से हराया। अब 2023 चुनाव को लेकर हगामी लाल फिर से कांग्रेस के टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।