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बेटे का किडनैप करके टॉर्चर किया, पिता को फोन पर सुनाई उसकी चीखें; धमकी- 20 लाख दो नहीं तो…


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बेटे का किडनैप करके टॉर्चर किया, पिता को फोन पर सुनाई उसकी चीखें; धमकी- 20 लाख दो नहीं तो…

Jaipurs coaching student kidnapping case: राजस्थान के जयपुर में स्टूडेंट के किडनैपिंग मामले में चौंकाने वाली बातें सामने आई है। बदमाश 20 लाख लेकर भी उसका मर्डर करने वाले थे। स्टूडेंट को पहले लाइटर से दागा गया था। बाद में उसकी चीखें पिता को फोन पर सुनाई गई थीं।

जयपुर : जयपुर में जिस स्टूडेंट का अपहरण हुआ। उसको बदमाश 20 लाख रुपये मिलने के बाद भी मारने वाले थे। स्टूडेंट को ऐसे प्रताड़ित किया गया कि जानकर रूह कांप जाए। उसे लाइटर से दागा गया, घावों पर सैनिटाइजर डाला गया। इसके बाद वाट्सएप कॉल करके परिवार को सुनाई गई। 15 घंटे तक बदमाशों ने जुल्म किया। 20 साल का विकास अब भी आपबीती को बताते हुए कांप उठता है। उसके शरीर पर इलेक्ट्रिक लाइटर से दागे जाने के निशान हैं। बदमाशों ने परिवार को डराने के लिए उसे रॉड और डंडों से जमकर पीटा। जयपुर पुलिस मदद नहीं करती, तो बदमाश उसका मर्डर कर सकते थे।

बदमाशों ने स्टूडेंट को ऐसे जख्म दिए कि देखने वालों की रूह कांप जाए। उसके चिल्लाने की आवाज सुनने के लिए शरीर को सिगरेट लाइटर से दागते रहे। दर्द ज्यादा हो इसलिए घावों पर सैनिटाइजर डालते रहे। व्हाट्सऐप कॉल कर परिवार वालों को चीखें भी सुनाई।

करीब 15 घंटे किडनैपर्स के चंगुल में रहने के बाद पुलिस की मदद से छूटकर आए विकास ने पूरी दास्तां मीडिया को बताई….

पढ़िए- एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में…

अपहरण कांड के पीड़ित विकास (20) से हमारी मुलाकात सांगानेर थाने में हुई। हमने उस खौफनाक मंजर के बारे में सवाल किया विकास ने रोते हुए अपनी शर्ट उतारी और खुद के साथ हुई दरिंदगी के सबूत दिखाए। कार में जिस इलेक्ट्रिक लाइटर से सिगरेट जलाते हैं, उसे बार-बार गर्म कर पूरी बॉडी को दाग रखा था। शायद ही शरीर का कोई हिस्सा बचा हो जहां बुरी तरह से जलने के निशान नहीं हों।

5 दिन बाद भी जख्म हरे थे। शरीर पर भी और इस अपहरण कांड के पीड़ित विकास के जेहन में भी। अपने साथ 15 घंटे की दरिंदगी की विकास ने पूरी कहानी बताई…

जिंदा लौटे विकास अपने अपहरण की कहानी बताते हुए...
जिंदा लौटे विकास अपने अपहरण की कहानी बताते हुए…

बहुत खौफनाक मंजर था। मैंने वेब सीरीज और फिल्मों में ही किडनैपिंग के सीन देखे थे। सोचा नहीं था कि मेरे साथ भी ऐसा होगा। किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। ऐसे बेहरम लोग पहली बार देखे। सिगरेट लाइटर से शरीर को जगह-जगह से जला रहे थे। दर्द के मारे मेरी आवाज नहीं निकली तो बदमाशों ने सैनिटाइजर लगा दिया। ताकि मैं चिल्लाऊं। बदमाश यहीं नहीं रुके इन लोगों ने डंडे और रॉड से मुझे बेरहमी से पीटा। मैं कल्पना भी नहीं कर सकता। अगर जयपुर पुलिस मौके पर मेरी मदद नहीं करती तो इन्होंने तो मुझे मारने का प्लान भी बना रखा था।

अचानक से स्विफ्ट कार आकर रुकी…

सांगानेर थाना इलाके से शनिवार (23 सितंबर) दोपहर 11.50 बजे का वक्त था। मैं पिछले तीन साल से जगदंबा नगर में रहकर एक कोचिंग सेंटर पर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा हूं। उस दिन अपने दोस्त विजय चौधरी के साथ 6 नंबर बस स्टैंड के पास प्रभु दयाल मार्ग पर पानी का कैंपर भरने गया था। तभी एक स्विफ्ट कार से अचानक 3 बदमाश निकले और मुझे जबरन किडनैप कर ले जाने लगे। मैं और मेरा साथी विजय चौधरी इससे पहले कुछ समझ पाता बदमाश मेरे ऊपर बैठ गए और वहां से कार भगा ली।

मैं चिल्लाता रहा- आपको गलतफहमी हुई है…

किडनैप करते ही बदमाशों ने हथियार निकाल लिए और मुझे बोले- चुप रहो वरना गोली मार देंगे। बदमाशों ने कहा हमें 20 लाख रुपए चाहिए। तेरे घरवालों को बोल जल्दी से पेमेंट करें। मेरे दो छोटे भाई और माता-पिता टोंक जिले के उनियारा में रहते हैं। पिता घनश्याम मीणा खेती कर हम तीनों भाइयों को पढा रहे हैं।

मैंने कई बार बदमाशों से कहा कि पिता खेती करते हैं। हमारे पास इतना पैसा नहीं है कि वह 20 लाख रुपए दे सकें। आपको कोई गलतफहमी हुई है, मुझे छोड़ दो, लेकिन बदमाशों ने एक न सुनी।

बदमाशों ने 700 किलोमीटर कार चलाई

बदमाशों ने कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगा रखी थी। दिलखुश गुर्जर, सागर गुर्जर, चंद्रशेखर गुर्जर और राकेश चौधरी नाम के इन बदमाशों को मैं पहले कभी नहीं जानता था। सांगानेर से किडनैप कर मुझे महला रोड ले गए। फिर रिंग रोड़ पर चढ़े, जहां बदमाशों ने टोल से पहले गाड़ी की सही नंबर प्लेट लगाई।

फिर बगरू टोल से पहले चोर रास्ते से किशनगढ़ पहुंचे, जहां से नसीराबाद, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, मंडपिया, कोटा बाइपास होते हुए ये बदमाश टोंक पहुंचे। ये करीब 700 किलोमीटर का 15 घंटे का सफर था, जिसे मैं जिंदगी भर नहीं भूल सकता।

वॉट्सऐप कॉल कर सुनाई मेरे चिल्लाने की आवाजें

बदमाशों ने 20 लाख की फिरौती के लिए मेरे फोन से नंबर निकाले और वॉट्सऐप पर कॉल मेरे दोस्त को मेरे चिल्लाने की आवाजें सुनाईं। उससे कहा कि वह उसके परिवार वालों को बताए कि देख उनके बेटे को कैसे प्रताड़ित कर रहे हैं।

कार में लगे सिगरेट लाइटर से इस तरह पूरी जख्म दिए गए।
कार में लगे सिगरेट लाइटर से इस तरह पूरी जख्म दिए गए।

15 घंटे में चार कॉल किए फिरौती के लिए

बदमाशों ने अपहरण के चार घंटे बाद दोस्त विजय चौधरी को वॉट्सऐप कॉल किया। बताया कि वह लोग बदमाश हैं। विकास के परिवार को फोन कर बोले कि 20 लाख रुपए की व्यवस्था कर दो वरना बेटे की जान से हाथ धो बैठोगे। फोन आते ही विजय डर गया और उसने तुरंत विकास के पिता को फोन कर के जानकारी दी। यह बात सुनते ही गांव में बैठे विकास के पिता भी घबरा गए। तुरंत उनियारा से जयपुर के लिए रवाना हुए।

उधर, विजय चौधरी सांगानेर थाने पहुंचा और पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी। सांगानेर थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर साइबर टीम को काम पर लगा दिया। विकास का मोबाइल चालू होने के कारण पुलिस बदमाशों की लोकेशन ट्रेस करने लगी। बदमाशों ने पहला फोन 4 बजे करने के बाद शाम 7 बजे दूसरा कॉल, रात को 9 बजे तीसरा और आखिरी बार रात को 12 बजे कॉल कर फिरौती के पैसे मांगे। तब तक पुलिस टीमें बदमाशों की कार के पीछे लग चुकी थी।

विकास ने अपनी शर्ट उतारकर पीठ के जख्म दिखाए। बदमाश इन जख्मों पर दर्द उठाने के लिए सैनेटाइजर डालते थे।
विकास ने अपनी शर्ट उतारकर पीठ के जख्म दिखाए। बदमाश इन जख्मों पर दर्द उठाने के लिए सैनेटाइजर डालते थे।

ऐसे पकड़े गए बदमाश

डीसीपी ईस्ट ज्ञानचंद यादव ने बताया कि शाम को करीब 5 बजे विजय चौधरी थाने पहुंचा था। मामला गंभीर था इसलिए सांगानेर सीआई अमित कुमार शर्मा ने पूरी टीम लगा दी। सबसे पहले जिस नंबर से कॉल आई उसे सर्विलांस पर लिया।

बदमाशों के पीछे एक स्पेशल टीम को तत्काल रवाना किया। हमारे लिए प्लस पॉइंट ये था कि बदमाशों की लोकेशन लगातार ट्रेस हो रही थी। पुलिस टीम भी बदमाशों की एक एक मूवमेंट अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़, टोंक, कोटा, बूंदी पुलिस के साथ साझा कर रही थी। ये बदमाश इन जिलों से निकलते हुए आखिरकार बूंदी जिले में पुलिस की रडार पर आ गए।

पुलिस के सामने चुनौती ये थी कि बदमाश बार-बार अपनी कार की नंबर प्लेट बदल रहे थे। पुलिस ने हाईवे पर लगे हुए कई सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला। बूंदी में रडार पर आने के बाद पुलिस ने बड़ी सावधानी से बदमाशों का पीछा किया। टोंक के घेरोली थाना क्षेत्र में हथियारबंद किडनैपर्स को दबोच लिया।

पुलिस की गिरफ्त में अपहरण करने वाले तीन आरोपी। एक अभी फरार है।
पुलिस की गिरफ्त में अपहरण करने वाले तीन आरोपी। एक अभी फरार है।

पुलिस थोड़ी सी भी चूक करती तो मार डालते

पुलिस टीम ने अपहरण के 15 घंटे बाद रात 3 बजे बदमाशों को पकड़ लिया। बदमाशों ने विकास को पीछे वाली सीट पर लेटा रखा था। दोनों हाथ और मुंह बंधा हुआ था। दो बदमाश उसके ऊपर बैठे हुए थे और विकास दर्द से चिल्ला रहा था।

बदमाशों ने पिछले 15 घंटे से उसे पीने के लिए पानी तक नहीं दिया। सिगरेट हीटर की जलन, उस पर सैनेटाइजर और फिर डंडों से पिटाई के बाद विकास बदहवास हालत में था। दो कॉन्स्टेबल ने बड़ी मुश्किल से उसे बाहर निकाला। विकास की हालत इतनी खराब थी की वह जमीन पर बैठ तक नहीं पा रहा था।

डीसीपी ज्ञानचंद यादव ने बताया कि जब पुलिस ने गिरफ्तार बदमाशों से पूछताछ की तो हम हैरान थे। फिरौती का पैसा मिलता या नहीं, वे लोग युवक को मारने वाले थे।

इनकी हुई गिरफ्तारी

1. सागर उर्फ दिलखुश गुर्जर (22) पुत्र देवकरण जाति गुर्जर निवासी ग्राम ओन पोस्ट काघरा थाना मेहंदवास जिला टोंक

2. दिलखुश गुर्जर (24) पुत्र हंसराज गुर्जर जाति गुर्जर उम्र 24 साल निवासी ग्राम रमजानगुज थाना बनेठा जिला टोंक

3. चन्द्रशेखर नागर (28) पुत्र बद्रीलाल नागर जाति धाकड उम्र 28 साल निवासी ग्राम रतनपुरा थाना नगर फोर्ट जिला टोंक

डीसीपी ज्ञानचंद यादव ने बताया किडनैपर्स विकास को मारने की प्लानिंग कर रहे थे।
डीसीपी ज्ञानचंद यादव ने बताया किडनैपर्स विकास को मारने की प्लानिंग कर रहे थे।

पिस्टल और जिंदा कारतूस मिले

पुलिस ने बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद तत्काल आरोपी बदमाशों कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। आरोपियों के कब्जे से एक पिस्टल और दो जिंदा कारतूस भी बरामद हुए हैं। कोर्ट के आदेश पर पीड़ित विकास मीणा और परिवादी विजय चौधरी को पुलिस शिनाख्त परेड के लिए जेल लेकर जाएगी। इसके बाद पुलिस बदमाशों को जेल से गिरफ्तार कर रिमांड पर लेगी। इस पूरे प्रकरण में शामिल एक बदमाश राकेश चौधरी अभी फरार चल रहा है। गैंग के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें काम कर रही हैं।

मैंने पीछा किया लेकिन पकड़ नहीं पाया : विजय चौधरी, दोस्त

विकास के दोस्त विजय चौधरी ने बताया कि जिस समय बदमाशों ने अपहरण किया, उस दौरान वह वहीं मौजूद था। बदमाश जब विकास को पकड़ कर कार में डाल रहे थे उस दौरान बदमाशों को रोकने का प्रयास किया। इस दौरान विशाल के गले और पैर में भी चोट लगी। लाख प्रयास के बाद भी बदमाश उसे किडनैप कर ले गए। विजय ने बताया कि उसने कुछ दूर तक बदमाशों का अपनी बाइक से पीछा भी किया, लेकिन वह तेजी से निकल गए।

सांकेतिक तस्वीर : कार में इस तरह का लाइटर होता है जो बिजली पर चलता है। इसी से विकास की बॉडी पर जख्म बनाए गए।
सांकेतिक तस्वीर : कार में इस तरह का लाइटर होता है जो बिजली पर चलता है। इसी से विकास की बॉडी पर जख्म बनाए गए।

अपहरण कांड में अब भी कई सवाल

आमतौर पर बदमाश अपहरण से पहले रेकी करते हैं। ये पता लगाते हैं कि वह कितना पैसे वाला है। जरूर इस कांड में भी बदमाशों ने विकास की रेकी की होगी। बदमाशों ने विकास को ही क्यों टारगेट किया? टोंक जिले के रहने वाले आरोपियों के आपराधिक हिस्ट्री भी मिली है। यहां बड़ा सवाल यही है कि बदमाश विकास को क्यों मारने वाले थे? इन सभी सवालों के जवाब पुलिस को रिमांड के दौरान पूछताछ में ही मिलेंगे।

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