जिस बस में ट्रॉफी लानी थी, उसी में मौत:स्टूडेंट की जिद्द पर साथ गए थे प्रिंसिपल, मौत से पहले कहा था- अब राजस्थान जीतना है
जिस बस में ट्रॉफी लानी थी, उसी में मौत:स्टूडेंट की जिद्द पर साथ गए थे प्रिंसिपल, मौत से पहले कहा था- अब राजस्थान जीतना है

बच्चो! हमारी मेहनत रंग लाई…हमारा एक सपना पूरा हो गया है….जिला जीत चुके हैं और अब राजस्थान जीतने की तैयारी करनी है।
ये आखिरी शब्द उन प्रिंसिपल के थे जो डेढ़ महीने से अपने स्कूल को बैंड कॉम्पिटिशन जीतने का सपना देख रहे रहे थे। उनके लिए ये कॉम्पिटिशन सबसे बड़ी खुशी थी। उनका सपना था कि उनकी स्कूल के बच्चे स्टेट बैंड कॉम्पिटिशन जीतें और बाड़मेर का नाम रोशन करे।
यही वजह थी कि आखिरी तीन दिनों तक वह बच्चों के साथ 4 से 5 घंटे एक्स्ट्रा रुकते थे। जब तब बच्चियां स्कूल में प्रैक्टिस करतीं, खुद उस सेशन में मौजूद रहते थे। इस कॉम्पिटिशन के दौरान प्रिंसिपल से इतना जुड़ाव हो गया कि बच्चों ने साथ चलने की बात कही तो वह मना नहीं कर पाए।
लेकिन…किसी को नहीं पता था कॉम्पिटिशन की ये खुशी मातम में बदल जाएगी। घर पहुंचने से पहले ही प्रिंसिपल और एक स्टूडेंट की मौत हो जाएगी। ये हादसा शनिवार रात करीब 8 बजे भारत माला रोड पर बाड़मेर जिले के सेहलाऊ गांव के पास हुआ। रोड पर खड़े ट्रक से बस टकरा गई।
पढ़िए इस हादसे की पूरी कहानी….कैसे एक हादसे ने एक जीत की खुशी को मातम में बदल दिया…।

मैं (म्यूजिक टीचर स्वरूप खान) स्वामी विवेकानंद गर्वमेंट मॉडल स्कूल देताणी (बाड़मेर) में 8 सालों से हूं। बाड़मेर-जालोर स्कूल के कलस्टर बने हुए हैं। हर साल म्यूजिक कॉम्पिटिशन हाेते हैं। पिछली बार ये कॉम्पिटिशन पचपदरा (बाड़मेर) में हुआ था। हमारी स्कूल की टीम भी इसमें हिस्सा लेने गई थी, लेकिन हम लोग जीत नहीं पाए थे। इसी के बाद प्रिंसिपल मोहम्मद इब्राहिम (50) ने तय कर लिया था कि इस बार होने वाले कॉम्पिटिशन को जीतना भी है। एक साल से तैयारी कर रहे थे।
स्टूडेंट्स ने प्रिंसिपल को भरोसा दिलाया था कि अब कैसे भी जीत हासिल करेंगे।

हादसे की सुबह निकले थे रानीवाड़ा, जीत हासिल करते ही फेसबुक पर भी पोस्ट किया
स्वरूप खान ने बताया कि हम शनिवार सुबह करीब 7 बजे स्कूल से रानीवाड़ा (जालोर) से निकले थे। रास्ते में प्रिंसिपल बार-बार बच्चियों का हौंसला बढ़ाते हुए कह रहे थे कि-देखो हमें किसी भी हाल में जीतना है। आप जीतेंगे तो पूरी स्कूल जीतेगी। रानीवाड़ा में हमारी टीम ने वहां की मॉडल स्कूल को हरा स्टेट में एंट्री की। इसके बाद उन्होंने फेसबुक पर बच्चियों की फोटो भी शेयर करते हुए लिखा…बेटियों को ढेर सारी बधाई…। म्यूजिक टीचर की मेहनत रंग लाई। वे खुश थे क्योंकि इस पूरे कॉम्पिटिशन में वे प्रैक्टिस से लेकर लास्ट तक हम लोगों के साथ रहे।

प्रिंसिपल सर बोले- अभी से राजस्थान जीत की तैयारी कर लो
- मैं (कविता,स्टूडेंट) ड्राइवर सीट के पास बैठी थी। प्रिंसिपल सर भी वहीं पास बैठे थे। वह हमसे बात कर रहे थे। 12 अक्टूबर को उदयपुर में स्टेट कॉम्पिटिशन होना था। वह उदयपुर जाने की प्लानिंग कर रहे थे। बोले- जिला स्तर पर जीत गए, लेकिन अभी स्टेट जीतना बाकी है। यही बस लेकर उदयपुर जाएंगे। अभी से राजस्थान जीत की तैयारी कर लो। इतनी बात हुई थी कि तेज धमाके के साथ आवाज आई और मैं बेहोश हो गई।
- मैं (सुनीता,स्टूडेंट) सो रही थी, बाकी स्टूडेंट प्रिंसिपल सर से बात कर रहे थे। एक्सीडेंट होते ही तेज धमाके की आवाज आई तो सभी चिल्लाने लगे। मेरी नींद खुली तो देखा कि मेरे साथ की दूसरी स्टूडेंट बस की सीटों के नीचे बुरी तरह फंसी हुई थीं। वहां कुछ ग्रामीण भी थे….वे हमें निकाल रहे थे। प्रिंसिपल सर के साथ उनकी 21 साल की बेटी नजीरा भी थीं। वह स्कूल में सहायक वॉर्डन हैं। उन्होंने जैसे ही अपने पिता को खून से सना हुआ देखा तो देख कर जोर-जोर से चिल्लाने लगी। उसकी आंख से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। खुद भी बुरी तरह से घायल हो गई थीं।
बस के अंदर चीखने और चिल्लाने की थी
म्यूजिक टीचर स्वरूप खान का कहना है कि बस के अंदर चारों तरफ चीखने और चिल्लाने की आवाज आ रही थी। मेरे सिर से खून निकल रहा था। पहले मेरे शर्ट को खोलकर सिर पर बाधा और बच्चियों को बाहर निकाला। करीब 6-7 बच्चियां सीटों के अंदर फंस गई। मुझसे निकली नहीं। प्रिसिंपल भी गंभीर हालात में बेहोश थे। उनकी बेटी पापा कहकर चिल्ला रही थी। ग्रामीणों ने बस के अंदर से लोगों को बाहर निकालने में मदद की। एंबुलेंस में बैठने के बाद एक बच्ची समीना की हालात नाजुक थी। समीना ने डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया।

बच्चे बोले- हमारी जिद्द पर साथ चले थे
हादसे में घायल स्टूडेंट अनीशा ने बताया- 15 अगस्त से हमने कॉम्पिटिशन के लिए प्रैक्टिस को बढ़ा दिया था। स्कूल पूरा होने के बाद तीन से चार घंटे एक्स्ट्रा प्रैक्टिस करते थे। इसके लिए खुद प्रिंसिपल भी स्कूल में रुकते थे। वह हमारे साथ ही प्रैक्टिस रूम में रहते थे। तीन दिनों तक तो प्रैक्टिस के दौरान वह एक ही बात कहते थे- इस बार हमारे स्कूल को जीताना होगा। जब रानीवाड़ा जाने की बात आई तो वे उन्होंने चलने से मना कर दिया था। लेकिन, हम स्टूडेंट्स ने जिद्द की तो वे मान गए और हमारे साथ रवाना हो गए।

समीना ने कहा था- मैं म्यूजिक टीचर बनूंगी
स्टूडेंट ने बताया- मैं टीम में बांसुरी बजाती हूं। अंधेरा होने की वजह से मुझे नींद आ गई थी। एम्बुलेंस से मुझे लेकर बाड़मेर पहुंचे तो मुझे होश आया। तब तक मुझे नहीं पता था कि ये हुआ कैसे। किसी ने बताया कि समीना की मौत हो गई। हादसे के दौरान समीना मेरे पास ही बैठी थी। वह बहुत ज्यादा खुश थी। वह बैंड में ढोलक बजाती थी। मुझे कहा था कि मैं तो अब म्यूजिक टीचर ही बनूंगी। पता नहीं था कि अब उसका ये सपना अधूरा रह जाएगा। इधर, कई बच्चियों को पता भी नहीं है कि इस हादसे में वे अपने प्रिंसिपल और एक साथी को खो चुकी हैं। जिन्हें पता है, उनके आंसू नहीं रुक रहे हैं। बार-बार एक ही बात कह रही हैं कि बिना प्रिंसिपल के कैसे अब राजस्थान को जीतेंगे और कौन हमें उदयपुर ले जाएगा।

ऐसे हुआ था हादसा
पुलिस के अनुसार स्वामी विवेकानंद गर्वमेंट मॉडल स्कूल देताणी (बाड़मेर) की टीम रानीवाड़ा में टूर्नामेंट जीत कर अपने स्कूल देताणी लौट रही थी। शनिवार रात करीब 8 बजे भारत माला रोड पर सेहलाऊ गांव में रोड पर खड़े ट्रक से बस टकरा गई। बताया जा रहा है कि इस ट्रक पार्किंग लाइट बंद थी। सामने से आ रहे वाहनों की लाइट के कारण बस ड्राइवर को रोड पर खड़ा ट्रक नहीं दिखा और बस इससे टकरा गई। इस हादसे में प्रिसिंपल, एक छात्रा की मौत हो गई। वहीं तीन गंभीर छात्राओं को जोधपुर रेफर किया है। 10 छात्राओं का बाडमेर हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।

टूर्नामेंट जीत कर आई थीं छात्राएं
बस में कुल 29 पैसेंजर्स थे। इनमें 24 छात्राएं, 3 टीचर, प्रिंसिपल और ड्राइवर शामिल थे। टूर्नामेंट स्कूल की टीम जीत कर आई थी, इसलिए बस में हंसी खुशी का माहौल था। हादसा देख आस-पास के लोग भागकर मौके पर पहुंचे और सभी घायलों बाहर निकला। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से घायल बच्चियों और स्कूल स्टाफ हॉस्पिटल पहुंचाया।