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1 अक्टूबर से बाल संरक्षण इकाई संभालेगी चाइल्डलाइन:बच्चों को बालश्रम, भिक्षावृत्ति से मुक्त करवाने के लिए बनेगी टीम


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1 अक्टूबर से बाल संरक्षण इकाई संभालेगी चाइल्डलाइन:बच्चों को बालश्रम, भिक्षावृत्ति से मुक्त करवाने के लिए बनेगी टीम

1 अक्टूबर से बाल संरक्षण इकाई संभालेगी चाइल्डलाइन:बच्चों को बालश्रम, भिक्षावृत्ति से मुक्त करवाने के लिए बनेगी टीम

सीकर : सीकर में अब चाइल्डलाइन कोई संस्था नहीं बल्कि बाल संरक्षण इकाई संभालेगी। एक अक्टूबर से केंद्र सरकार के निर्देश पर यह व्यवस्था लागू होने जा रही है। आज बाल संरक्षण इकाई और 8 सालों तक चाइल्डलाइन संभालने वाली संस्था के पदाधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।

8 साल से चाइल्डलाइन संभाल रहे आशा का झरना संस्था के सुदीप गोयल ने बताया कि सीकर में चाइल्ड लाइन का संचालन आशा का झरना संस्था द्वारा किया जा रहा था। संस्था ने अब तक 3816 बच्चों को सेवा दी है। अब भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने डिसीजन लिया है कि चाइल्डलाइन सेवा राज्य सरकार के सहयोग से जिला बाल संरक्षण इकाई चलाएगी।

इसके लिए बाल अधिकारिता विभाग की ओर से टीम भी बनेगी। सीकर में 15 जुलाई 2015 से इसकी शुरुआत हुई। जिसके बाद 23 सितंबर 2023 तक कुल 3816 बच्चों और उनके परिवारों को सहायता दी गई। जिसमें 461 बच्चे बाल श्रम से मुक्त करवाए गए जबकि 566 बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त करवाया गया। इसके अलावा बाल विवाह, मानसिक शोषण से बचाव सहित तमाम कार्य किए गए। गोयल ने बताया कि जयपुर में चाइल्ड लाइन का कंट्रोल रूम बनने जा रहा है। जहां से सूचना सीकर जिला बाल संरक्षण इकाई को मिलेगी और फिर बाल संरक्षण इकाई की टीम उस पूरे मामले की मॉनिटरिंग करेगी।

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