हरियाणा-नूंह : नूंह में जातीय सफाया क्यों, समुदाय विशेष निशाने पर क्योंः हाईकोर्ट
नूंह में जातीय सफाया क्यों, समुदाय विशेष निशाने पर क्योंः हाईकोर्ट

पिछले दो हफ्तों में गिराई गई बिल्डिंगों की संख्या और क्या कार्रवाई से पहले नोटिस जारी किए गए थे, इस पर एक हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए, एक डिवीजन बेंच ने यह भी फैसला सुनाया कि कानून में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना विध्वंस नहीं किया जा सकता है।
बेंच ने कहा, ”मुद्दा यह भी उठता है कि क्या किसी विशेष समुदाय की इमारतों को कानून और व्यवस्था की समस्या की आड़ में गिराया जा रहा है और राज्य द्वारा जातीय सफाए की कवायद की जा रही है। यदि उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया तो यदि आज (7 अगस्त) कोई कार्य किया जाना है तो रोक दिया जाए।
जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन की बेंच ने इतिहासकार लॉर्ड एक्टन के कोट का हवाला देते हुए कि “सत्ता भ्रष्ट होती है और पूर्ण सत्ता उसे पूरी तरह भ्रष्ट बना देती है। बेंच ने कहा कि उनका सुविचारित मत है कि संविधान नागरिकों की विध्वंसों से रक्षा करता है। कानून में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किये बिना ऐसा नहीं किया जा सकता।
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