नागौर : नागौर में नाबालिग लड़की से सामूहिक दुष्कर्म, पांच आरोपी गिरफ्तार
राजस्थान में जोधपुर जिले के बाद अब नागौर जिले से भी दरिंदगी का मामला सामने आया है। नागौर में एक नाबालिग लड़की से सामूहिक दुष्कर्म हुआ है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दुष्कर्म में शामिल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।

नागौर : जोधपुर में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में अभी ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। पुलिस और परिजनों के बीच वार्ता अभी सफल हो ही नहीं पाई। इतने में नागौर में पांच दरिंदों ने मासूम को हवस का एक बार नहीं कई बार शिकार बना लिया। आरोपी पिछले तीन साल से डरा धमकाकर कर कभी अलग-अलग तो कभी सामूहिक अपनी हवस मिटाते थे।
18 जुलाई को परिवादी द्वारा खुनखुना थाने में उपस्थित होकर एक रिपोर्ट दी, जिस रिपोर्ट में बताया कि पिछले ढाई तीन साल से शिवराम, प्रदीप, सुरेश कुमार, नरेंद्र भिंचर और अशोक कुमार व अन्य के द्वारा उसकी नाबालिग पुत्री के साथ कई बार अलग-अलग जगह पर डरा धमकाकर कभी अलग-अलग तो कभी सामूहिक रूप से दुष्कर्म किया गया। उसकी बेटी के अश्लील फोटो भी खींच लिए। खुनखुना थाना पुलिस ने परिवादी की रिपोर्ट पर प्रकरण दर्ज कर आईपीसी की धारा-456 384 376 (2) (एन) 376d IPC व 5L/6एक्ट में 67 आईटी एक्ट में मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी, जिसमें गुरुवार को पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
जिला पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी के निर्देशानुसार, योगेंद्र फौजदार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डीडवाना के निकटतम सुपरविजन में नाबालिग बालिका के सामूहिक दुष्कर्म मामले में कार्रवाई करते हुए 48 घंटे के भीतर पांच नामजद आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
वहीं, दुष्कर्म से संबंधित ताजा गंभीर प्रवृत्ति का अपराध होने पर खुनखुना थाना अधिकारी बनवारीलाल उपनिरीक्षक सूरजमल हेड कांस्टेबल पुलिस थाना खुनखुना दशरथ सिंह हेड कांस्टेबल पुलिस थाना डीडवाना द्वारा अलग-अलग टीमों का गठन कर नामजद आरोपी शिवराज पुत्र रामकरण जाति जाट उम्र 21 साल निवासी शिव नगर पुलिस थाना खूनखुना, प्रदीप पुत्र भंवरलाल जाति जाट उम्र 20 साल, सुरेश कुमार 32 पुत्र शोभाराम जाति जाट निवासी, नरेंद्र पुत्र रामेश्वर लाल जाति जाट उम्र 19 साल निवासी शिवनगर पीडवा, अशोक भुवाल पुत्र हनुमान आराम जाति जाट उम्र 18 साल निवासी देवरी पुलिस थाना मकराना को गिरफ्तार किया है। पूरी कार्रवाई में बनवारीलाल उप निरीक्षक थाना अधिकारी पुलिस थाना खुनखुना सहित थाने के स्टाफ का पूरा योगदान रहा।