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100 दिवसीय ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान’ का शुभारंभ, पोस्टर विमोचन व हस्ताक्षर अभियान आयोजित


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100 दिवसीय ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान’ का शुभारंभ, पोस्टर विमोचन व हस्ताक्षर अभियान आयोजित

100 दिवसीय ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान’ का शुभारंभ, पोस्टर विमोचन व हस्ताक्षर अभियान आयोजित

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका

झुंझुनूं : जिले में बाल विवाह जैसी सामाजिक कुप्रथा के उन्मूलन एवं बाल अधिकारों के संरक्षण के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित 100 दिवसीय ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान’ का मंगलवार को शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर पोस्टर विमोचन एवं हस्ताक्षर अभियान आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ जिला कलक्टर डॉ. अरुण गर्ग की अध्यक्षता में हुआ। पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार उपाध्याय एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महेंद्र सिंह सोलंकी ने हस्ताक्षर कर अभियान का विधिवत शुभारंभ किया। इस दौरान “बाल विवाह करना एवं करवाना कानूनन अपराध है” विषयक पोस्टर का विमोचन भी किया गया।

जिला कलक्टर डॉ. अरुण गर्ग ने कहा कि बाल विवाह समाज की प्रगति में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक है। इससे बच्चों, विशेषकर बालिकाओं की शिक्षा बाधित होती है और उनके स्वास्थ्य, मानसिक एवं सामाजिक विकास पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह कानूनन अपराध है, लेकिन इसके उन्मूलन के लिए सामाजिक सहभागिता एवं जन-जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सभी विभागों को अभियान के तहत व्यापक स्तर पर जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए।

पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार उपाध्याय ने कहा कि बाल विवाह की रोकथाम में पुलिस की भूमिका अहम है। उन्होंने आमजन से अपील की कि कहीं भी बाल विवाह की जानकारी मिलने पर तुरंत प्रशासन या पुलिस को सूचित करें, ताकि समय रहते सख्त कानूनी कार्रवाई कर बच्चों का भविष्य सुरक्षित किया जा सके।

सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि जिले में बाल विवाह की अधिक घटनाओं वाले क्षेत्रों का चिन्हिकरण कर वहां विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे नागरिकों को कानून एवं इसके दुष्परिणामों की जानकारी दी जा सके।

कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अरविन्द कुमार ओला ने बाल विवाह के दुष्परिणामों, कानूनी प्रावधानों तथा बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और सशक्तिकरण से जुड़ी सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह अभियान जिले के प्रत्येक ब्लॉक, पंचायत, विद्यालय, आंगनवाड़ी केंद्र एवं शहरी वार्डों तक विस्तारित किया जाएगा।

हस्ताक्षर अभियान के दौरान उपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों एवं आमजन ने बोर्ड पर हस्ताक्षर कर यह संकल्प लिया कि वे स्वयं बाल विवाह नहीं करेंगे और न ही अपने आसपास होने देंगे। साथ ही “बाल विवाह मुक्त जिला” और “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसे संदेशों के माध्यम से समाज में जागरूकता का संदेश दिया गया।

इस अवसर पर सेवानिवृत्त आईएएस प्रदीप कुमार बोरड़, एपीआरओ विकास चाहर, संरक्षण अधिकारी विकास राहड़, वरिष्ठ सहायक मनोज खीचड़, समन्वयक महेश कुमार मांजू, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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