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झुंझुनूं में स्कूली-बच्चों ने पर्यावरण के लिए निकाली रैली:सिंगल-यूज प्लास्टिक के नुकसान बताएं, 5,000 कपड़े के थैले बांटने का लक्ष्य


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झुंझुनूं में स्कूली-बच्चों ने पर्यावरण के लिए निकाली रैली:सिंगल-यूज प्लास्टिक के नुकसान बताएं, 5,000 कपड़े के थैले बांटने का लक्ष्य

झुंझुनूं में स्कूली-बच्चों ने पर्यावरण के लिए निकाली रैली:सिंगल-यूज प्लास्टिक के नुकसान बताएं, 5,000 कपड़े के थैले बांटने का लक्ष्य

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिला मुख्यालय पर जिला प्रशासन एवं वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक भव्य ‘पर्यावरण जागरूकता प्रभात रैली’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल सरकार की उपलब्धियों का उत्सव मनाया गया, बल्कि आमजन को प्रकृति से जुड़ने और पर्यावरण बचाने का आह्वान भी किया गया।

रैली का शुभारंभ शहर के जेपी जानू स्कूल से हुआ। जिला कलेक्टर अरुण गर्ग, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) राजेश मील, जिला परिषद सीईओ, नगर परिषद आयुक्त देवीलाल बोचल्या तथा उपवन संरक्षक गुलजारीलाल ने सामूहिक रूप से हरी झंडी दिखाकर स्टूडेंट्स को रवाना किया। रैली जेपी जानू स्कूल से शुरू होकर शहर के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए शहीद स्मारक तक पहुंची।

प्रभात रैली में स्काउट गाइड और विभिन्न स्कूलों के सैकड़ों स्टूडेंट्स ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। हाथों में पर्यावरण संरक्षण की तख्तियां लिए बच्चे जोश के साथ “नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे, पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ” जैसे नारे लगा रहे थे। रैली के दौरान शहरवासियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया गया और शहीद स्मारक पर समापन के दौरान सभी उपस्थित लोगों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई गई।

सिंगल-यूज प्लास्टिक के खिलाफ मुहिम: कपड़े के थैलों का वितरण

इस अवसर पर आमजन को 1000 कपड़े के थैले वितरित किए गए। नगर परिषद आयुक्त देवीलाल बोचल्या ने बताया कि “सिंगल-यूज प्लास्टिक के उपयोग को जड़ से खत्म करने के उद्देश्य से नगर परिषद द्वारा वन विभाग को 5000 कपड़े के थैले उपलब्ध कराए गए हैं। इन थैलों को राशन की दुकानों के माध्यम से आम नागरिकों तक पहुंचाया जाएगा ताकि वे बाजार जाते समय प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग न करें।”

नागरिकों को निभानी होगी अपनी जिम्मेदारी: शिक्षा अधिकारी

जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) राजेश मील ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा केवल सरकारी योजनाओं या आयोजनों से संभव नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक हर नागरिक इसे अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं समझेगा, तब तक हम आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित भविष्य नहीं दे पाएंगे।

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