गैंगवार में बची गैंगस्टर की जान,ऑनलाइन ठगी का रहा मास्टरमाइंड:रिश्तेदारों-दोस्तों के अकाउंट में ट्रांसफर करता था पैसे, फिर खरीदता था जमीन
गैंगवार में बची गैंगस्टर की जान,ऑनलाइन ठगी का रहा मास्टरमाइंड:रिश्तेदारों-दोस्तों के अकाउंट में ट्रांसफर करता था पैसे, फिर खरीदता था जमीन
राजस्थान के झुंझुनूं में हुई गैंगवार गैंगस्टर रविंद्र कटेवा को मारने के लिए की गई थी। उसकी किस्मत अच्छी थी कि वह बच गया। रविंद्र कटेवा शेखावाटी में जमीनों पर जबरन कब्जा, मारपीट, जानलेवा हमला जैसी वारदातों से जुड़ा हुआ है। ऐसा भी कहा जाता है कि लोकल पॉलिटिशियंस के सपोर्ट के कारण इसका कद मजबूत होता गया। सीकर और झुंझुनूं में कई वारदात की। एक समय पर ऑनलाइन ठगी का मास्टरमाइंड भी रह चुका है।

पढ़िए रविंद्र कटेवा कौन है और किस गैंग से जुड़ा है-
आरके ग्रुप 0056 गैंग को बनाया
रविंद्र कटेवा झुंझुनूं जिले के खिरोड़ गांव का रहने वाला है। कटेवा के पिता राजू बिजली विभाग में लाइनमैन है। उसका एक भाई इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में ऑफिसर है। रविंद्र कटेवा ने 2023 में अपनी खुद की गैंग आरके ग्रुप 0056 को बनाया था। रुपयों का लालच देकर कई लड़कों को अपनी गैंग से जोड़ा था। वर्तमान में इसकी गैंग में करीब 100 से 150 लड़के जुड़े हैं। ये गैंग जमीनों पर जबरन कब्जा, जमीन विवाद में मारपीट, जानलेवा हमला करना जैसी वारदातों को अंजाम देते हैं।
ऑनलाइन फ्रॉड का मास्टरमाइंड रह चुका
जमीनों पर कब्जा करने से पहले रविंद्र कटेवा ऑनलाइन फ्रॉड का मास्टरमाइंड भी रह चुका है। वह लोगों के क्रेडिट कार्ड से पैसा निकालकर ऑनलाइन ठगी करता था। ऐसी ही एक ठगी के मामले में कोटा के अनंतपुरा थाना पुलिस ने मई 2022 में गिरफ्तार किया था। उस दौरान प्रोबेशन आईपीएस और तत्कालीन अनंतपुरा CI मनीष चौधरी ने इस रैकेट का पर्दाफाश किया था।

ऐप से करता था ऑनलाइन फ्रॉड
18 अप्रैल 2022 को कोटा के रहने वाले व्यापारी पवन गुप्ता के क्रेडिट कार्ड से तीन बार में 2 लाख 18 हजार 988 का ऑनलाइन फ्रॉड हुआ था। पवन के क्रेडिट कार्ड में कोई अमाउंट आने वाला था। अमाउंट नहीं आने पर पवन ने इस संबंध में क्रेडिट कार्ड कस्टमर केयर से ऑनलाइन संपर्क किया था।
रविंद्र के गिरोह ने एक ऐप बना रखा था। जैसे ही कोई क्रेडिट कार्ड संबंधी शिकायत करने के लिए उस पर कॉन्टैक्ट करता था, तब ही रविंद्र और उसकी गैंग के चक्कर में फंस जाता था।
मोबाइल पर ऐप डाउनलोड करवाकर करता था ठगी
रविंद्र और उसकी गैंग के लोग शिकायत करने वाले से बातचीत करके उसके मोबाइल में अपना ऐप डाउनलोड करवाते थे। ऐप डाउनलोड होने के बाद मोबाइल को रिमोट पर लेकर क्रेडिट कार्ड से पैसे निकाल लेते थे।
वह पैसा रविंद्र खुद के, अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के अकाउंट में ट्रांसफर करवा देता था। इसके बाद पेट्रोल पंप और फोन-पे से वह अमाउंट निकाल लेते थे। इसके बदले लोगों को कमीशन भी देते थे।

डेढ़ करोड़ रुपए की ठगी कर चुका
ऐसे में कोटा का व्यापारी भी उसके संपर्क में आ गया था। गैंग ने पीड़ित के अकाउंट से पैसा निकाल लिया था, जिसकी पुलिस में शिकायत की थी। जांच में पता चला था कि सीकर में ही किसी व्यक्ति के अकाउंट में रुपए ट्रांसफर हुआ है।
इसके बाद कोटा पुलिस ने मई हिस्ट्रीशीटर रविंद्र कटेवा, उसके साथी चंद्र प्रकाश पूनिया, सुनील झाझड़िया, रविंद्र उर्फ रवि को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में करीब 100 लोगों से डेढ़ करोड़ रुपए की ठगी करना कबूला था। ऑनलाइन फ्रॉड से कमाए हुए पैसे से उसने कई जगह जमीनों में इन्वेस्टमेंट किया। इस मामले में जमानत पर बाहर आ गया था।
सोशल मीडिया पर भी एक्टिव ऑनलाइन फ्रॉड के मामले में जमानत के बाद रविंद्र ने 2023 में अपनी गैंग आरके ग्रुप 0056 तैयार की थी। इसके साथ ही कई लड़कों को पैसों का लालच देकर अपने साथ शामिल कर लिया था। अपने साथियों के साथ जबरन लोगों की जमीनों पर कब्जे करने लगा। सीकर और झुंझुनूं में ऐसी कई वारदात की।
रविंद्र कटेवा सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहता था। उसके नाम से कई अकाउंट सोशल मीडिया पर मौजूद हैं। जिन पर कई घटनाओं के वीडियो और खुद के वीडियो भी अपलोड करता था।

इस गैंगवार में बची रविंद्र कटेवा की जान देवर-भाभी के जमीन विवाद में भाभी का दिया था साथ
रविंद्र कटेवा सीकर के भादवासी में स्थित 24 बीघा जमीन पर कब्जा करने की फिराक में था। इस जमीन को लेकर श्रवण फगेड़िया और उसकी भाभी शारदा के बीच विवाद चल रहा था। इस लड़ाई में रविंद्र कटेवा शारदा का साथ दे रहा था।
विवाद में कटेवा ने श्रवण के साथी सुरेश पर जानलेवा हमला किया था। हालांकि बाद में दोनों के बीच राजीनामा हो गया था। राजीनामे में भी रविंद्र कटेवा ने श्रवण के नाम जमीन नहीं करवाई। इसको लेकर श्रवण ने सुपारी देकर बदमाशों को रविंद्र का मर्डर करने के लिए भेजा।

बदमाश रविंद्र कटेवा को मारने आए थे
रविंद्र कटेवा को मारने के लिए बदमाशों ने करीब 3 से 4 दिन तक उसकी पूरी रेकी की थी। इसके बाद शुक्रवार सुबह उसके घर झुंझुनूं जिले के खिरोड़ गांव में मारने पहुंचे थे। स्विफ्ट गाड़ी में बदमाश कृष्णकांत, पिंटू, राजेंद्र और एक अन्य साथी पिस्टल लेकर आए थे।
रविंद्र कटेवा हथियारों के साथ आए बदमाशों को देखकर नीचे झुक गया था और उसकी जान बच गई थी। बदमाशों को पकड़ने के चक्कर में रविंद्र के साथी सुनील सुंडा की गोली लगने से मौत हो गई थी। पुलिस को एक आरोपी कृष्णकांत की भी लाश मिली थी।
गैंगस्टर का परिवार बोला- हमारी रिपोर्ट दर्ज नहीं की
कटेवा के परिवार का कहना है कि बदमाश उनके घर के बाहर आए थे। पुलिस को रिपोर्ट दी, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। वहीं दोनों मृतक सुनील सुंडा और कृष्णकांत के परिवार का मुकदमा दर्ज हो गया है।
देश
विदेश
प्रदेश
संपादकीय
वीडियो
आर्टिकल
व्यंजन
स्वास्थ्य
बॉलीवुड
G.K
खेल
बिजनेस
गैजेट्स
पर्यटन
राजनीति
मौसम
ऑटो-वर्ल्ड
करियर/शिक्षा
लाइफस्टाइल
धर्म/ज्योतिष
सरकारी योजना
फेक न्यूज एक्सपोज़
मनोरंजन
क्राइम
चुनाव
ट्रेंडिंग
Covid-19







Total views : 1966470


