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गोपाल गौशाला के सामने धरने का चौथा दिन


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झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

गोपाल गौशाला के सामने धरने का चौथा दिन

प्रबंधक और जिला प्रशासन अब भी मौन

जनमानस शेखावाटी सवंददाता : चंद्रकांत बंका

झुंझुनूं : गोपाल गोशाला में कथित अनियमितताओं और कार्यकारिणी की मनमानी के खिलाफ चल रहा धरना बुधवार को चौथे दिन भी जारी रहा। धीरज कुमार ने बताया कि तीन दिनों से धरना जारी है, लेकिन न तो गौशाला प्रबंधन और न ही जिला प्रशासन ने अब तक कोई प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा कि गौशाला संचालक अपनी गलतियों को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं और धरनास्थल पर एक बार भी नहीं पहुंचे। शहर के विभिन्न संगठनों का समर्थन लगातार मिल रहा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी खामोश बने हुए हैं।

धीरज ने चेतावनी दी कि यदि जल्द सुनवाई नहीं हुई तो आंदोलन उग्र किया जाएगा। उन्होंने कहा, “जरूरत पड़ी तो झुंझुनूं बंद का आह्वान करेंगे। जिम्मेदारी गौशाला प्रबंधक की होगी। हमारी मांगे पूरी होने तक धरना जारी रहेगा, जरूरत होने पर अनशन भी करेंगे।”

उन्होंने कहा कि बढ़ती सर्दी में सड़क पर बैठे गौ-रक्षक केवल गौमाता के अधिकारों और गौशाला में सुधार की मांग कर रहे हैं, पर प्रशासन धैर्य की परीक्षा ले रहा है।

धरने को लेकर प्रमुख मांगें

धरना गोपाल गौशाला की कथित कार्यकारिणी की मनमानी के खिलाफ है। मुख्य मांगें इस प्रकार हैं : गोपाल गौशाला की वर्तमान कमेटी को भंग किया जाए।, नई कमेटी का गठन संवैधानिक तरीके से चुनाव कर करवाया जाए।, गौशाला में बनी लैब को तुरंत चालू किया जाए और ऑपरेटर नियुक्त हो।, चिकित्सालय को सुचारू चलाने के लिए सर्जन चिकित्सक की नियुक्ति की जाए व रिपोर्ट कार्ड बनाया जाए।, जिले के सभी गोवंश का उपचार गोपाल गौशाला में हो; हरियाणा और नागौर भेजने पर रोक लगे।, झुंझुनूं के गोरक्षकों को गौशाला में प्रवेश और चिकित्सालय के रिकॉर्ड की जांच की अनुमति मिले।, शहर में आवारा घूम रहे गोवंश को गौशाला में प्रवेश दिया जाए।, गौशाला की कमेटी का एक पदाधिकारी हमेशा उपस्थित रहे और उसकी निगरानी में उपचार हो।, गौशाला की CCTV फुटेज ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाए।, अंदर से गोवंश बाहर न निकाले जाएं; यदि निकलें तो जिम्मेदारी कमेटी की हो।, इलाज का पूरा रिकॉर्ड हेयर नंबर सहित रजिस्टर में दर्ज किया जाए।, मृत गोवंश का तुरंत अंतिम संस्कार (मिस्टी) कराया जाए।, गौशाला में प्रवेश करते ही प्रत्येक गोवंश को टैग लगाना अनिवार्य किया जाए।

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