श्रीसरदारपुरा से चारावास तक 3 किमी सड़क खराब:लोयल प्रशासक ने कलेक्टर को पत्र लिखा, बोले- निर्देश दिए दो महीने बीते, ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी
श्रीसरदारपुरा से चारावास तक 3 किमी सड़क खराब:लोयल प्रशासक ने कलेक्टर को पत्र लिखा, बोले- निर्देश दिए दो महीने बीते, ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी
जनमानस शेखावाटी सवंददाता : विजेन्द्र शर्मा
खेतड़ी : खेतड़ी उपखंड के जसरापुर क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायत लोयल के प्रशासक महेंद्र सिंह काजला ने श्री सरदारपुरा से चारावास तक लगभग 3 किलोमीटर लंबी जर्जर सड़क के पुनर्निर्माण की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता और जिला कलेक्टर को पत्र लिखा है। काजला के अनुसार यह सड़क पूरी तरह टूट चुकी है और ग्रामीणों के लिए गंभीर खतरा बन गई है।
रात्रि चौपाल में ग्रामीणों ने उठाई थी मांग
महेंद्र काजला और संदीप कुमार ने बताया कि हाल ही में आयोजित रात्रि चौपाल के दौरान जिला कलेक्टर ने पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता खेतड़ी को मौके पर ही सड़क का निरीक्षण कर तुरंत निर्माण कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए थे। हालांकि, इन स्पष्ट निर्देशों के बावजूद दो माह बीत जाने पर भी विभाग की ओर से अब तक कोई प्रारंभिक कार्रवाई शुरू नहीं की गई है, जिससे ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है।
ग्रामीणों ने बताया कि सड़क की स्थिति इतनी खराब है कि जगह-जगह बने बड़े गड्ढों में आए दिन वाहन चालक फंसते रहते हैं। वाहनों के आवाजाही से उड़ने वाली धूल ने आमजन का चलना-फिरना भी दूभर कर दिया है। यह रास्ता बच्चों, बुजुर्गों, स्कूली विद्यार्थियों और दुपहिया वाहन चालकों के लिए लगातार दुर्घटना का कारण बन रहा है।
शिविर में प्रार्थना पत्र दिए दो महीने बीते
काजला ने बताया कि इस संबंध में शिविर में दिया गया प्रार्थना पत्र दो माह से अधिक समय पहले जमा कराया जा चुका है। इसके बावजूद सार्वजनिक निर्माण विभाग ने न तो तकनीकी स्वीकृति जारी की है और न ही सड़क की अस्थायी मरम्मत के लिए कोई कदम उठाया है। इस लापरवाही के कारण सड़क के चौड़ीकरण और गुणवत्तापूर्ण पुनर्निर्माण की मांग अब और तेज होती जा रही है।
ग्रामीण आंदोलन की दे रहे चेतावनी
ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से आग्रह किया है कि पीडब्ल्यूडी को तत्काल कार्रवाई के निर्देश जारी किए जाएं। उनका उद्देश्य है कि श्री सरदारपुरा से चारावास के बीच आवाजाही सुचारू, सुरक्षित और धूल-धक्कड़ से मुक्त हो सके। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि समय पर कार्य शुरू नहीं हुआ, तो वे आंदोलन का रास्ता भी अपना सकते हैं।
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