[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

विदेश में 80,000 की नौकरी का झांसा:एजेंट महेश कुमार को दबोचा, पीड़ित युवक म्यांमार में साइबर ठगी रैकेट से छूट कर पहुंचा भारत


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

विदेश में 80,000 की नौकरी का झांसा:एजेंट महेश कुमार को दबोचा, पीड़ित युवक म्यांमार में साइबर ठगी रैकेट से छूट कर पहुंचा भारत

विदेश में 80,000 की नौकरी का झांसा:एजेंट महेश कुमार को दबोचा, पीड़ित युवक म्यांमार में साइबर ठगी रैकेट से छूट कर पहुंचा भारत

झुंझुनूं : कोतवाली पुलिस ने एक ऐसे अंतर्राष्ट्रीय धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसने बैंकॉक में अच्छी सैलरी वाली नौकरी का लालच देकर एक स्थानीय युवक को म्यांमार के जंगलों में चल रहे साइबर अपराध सिंडिकेट के हवाले कर दिया। कोतवाली पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी महेश कुमार को गिरफ्तार किया है, जो स्वयं आठवीं कक्षा पास है और टैंपो चलाता है।

2 लाख की ठगी, फिर म्यांमार में बंधक

पुलिस थाना कोतवाली में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित युवक का संपर्क लगभग 3 माह पहले आरोपी महेश कुमार पुत्र ग्यारसीलाल मेघवाल, निवासी मण्ड्रेला रोड झुंझुनूं से हुआ था। महेश ने उसे थाईलैंड में प्रति माह 80,000 रुपये वेतन वाली आकर्षक नौकरी दिलाने का वादा किया। इस “डील” के तहत, पीड़ित ने आरोपी महेश कुमार को 30,000 गूगल-पे और 1,70,000 नकद, कुल 2 लाख की राशि दी।

आरोपी ने युवक को थाईलैंड भेज दिया, जहां महेश के एजेंटों ने उसे रिसीव किया। चौंकाने वाली बात यह है कि एजेंटों ने युवक को थाईलैंड में नौकरी दिलाने के बजाय, उसे जंगलों के रास्ते से अवैध रूप से म्यांमार पहुंचा दिया।

साइबर ठगी का टारगेट: म्यांमार में पहाड़ों के बीच युवक को बंधक बनाया गया। वहां कई अन्य देशों के लड़के भी थे। पीड़ित को अमेरिकी नागरिकों से साइबर ठगी (ऑनलाइन स्कैम) करने के लिए मजबूर किया गया। उन्हें रोज़ाना तीन लोगों को ठगने का लक्ष्य दिया जाता था।

ठगी का टारगेट पूरा न कर पाने पर महेश के एजेंटों द्वारा उनके साथ मारपीट और प्रताड़ना की जाती थी। उन्हें इस काम के लिए कोई पैसा नहीं दिया गया।

साहसिक पलायन और गिरफ्तारी

कुछ समय बाद, बंधक बनाने वाले मौका पाकर उन्हें छोड़कर भाग गए। इस अवसर का लाभ उठाकर पीड़ित युवक म्यांमार से भागकर थाईलैंड आर्मी के पास पहुंचने में सफल रहा। थाईलैंड आर्मी की मदद से उसे सुरक्षित भारत वापस भेजा गया। भारत लौटने पर पीड़ित ने तुरंत महेश कुमार और उसके एजेंटों के खिलाफ 2 लाख की धोखाधड़ी और विदेश में बंधक बनाकर साइबर अपराध में धकेलने की गंभीर धाराओं के तहत पुलिस थाना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई।

मामले की गंभीरता को देखते हुए DSP गोपाल सिंह ढाका के मार्गदर्शन में कोतवाली थानाधिकारी श्रवण कुमार नील के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया।

गठित टीम ने आरोपी महेश कुमार (40) पुत्र ग्यारसीलाल मेघवाल, निवासी वार्ड नंबर 54 मण्ड्रेला रोड, गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार, आरोपी महेश कुमार मात्र आठवीं कक्षा तक पढ़ा है और टैंपो चलाता है।

Related Articles