झुंझुनूं-खेतड़ी : खेतड़ी के लालगढ़ में मनाया शहादत दिवस:सहायक कमांडेंट बजरंग लाल मीणा को पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि, ग्रामीणों ने वीरांगना का किया सम्मान
खेतड़ी के लालगढ़ में मनाया शहादत दिवस:सहायक कमांडेंट बजरंग लाल मीणा को पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि, ग्रामीणों ने वीरांगना का किया सम्मान
झुंझुनूं-खेतड़ी : खेतड़ी के लालगढ़ में गुरुवार को सहायक कमांडेंट शहीद बजरंग लाल मीणा का शहादत दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बसपा नेता मनोज कुमार घुमरिया, विशिष्ट अतिथि सुरेंद्र सिंह फौजी, बलबीर सिंह छापोला थे, जबकि अध्यक्षता मक्खन लाल मीणा ने की। कार्यक्रम के दौरान सर्वप्रथम अतिथियों ने शहीद बजरंग लाल मीणा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वहीं 2 मिनट का मौन धारण कर उन्हें नमन किया गया।
देश की सेवा के लिए प्राणों को किया त्याग
मुख्य अतिथि मनोज कुमार घुमरिया ने कहा कि देश की सेवा करने को लेकर अपने प्राणों का त्याग करने वाला हमेशा अमर रहता है। बजरंग लाल मीणा ने भी देश सेवा व अपनी मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देकर गांव का नाम रोशन किया है। इस देश के लिए प्राणों की आहुति देने वाले वीर योद्धा हमारे लिए पूजनीय होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को मांगलिक कार्य में उन्हें याद कर उचित धारणा के लिए प्रेरित करना चाहिए। झुंझुनू जिले के शौर्य की मिट्टी में जोश और साहस का प्रतीक माना जाता है। देश के लिए सबसे अधिक सैनिक देने का गौरव झुंझुनू के जिले के नाम से जाना जाता है। यहां के युवाओं को बचपन से ही सेना में जाने के लिए तैयार किया जाता है जो सरहद पर किसी प्रकार की हलचल होने पर बहादुरी का परिचय देते हैं।
ग्रामीणों ने शहीद की प्रतिमा पर किया माल्यापर्ण
साथ ही कहा कि युवाओं को शहीदों के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे पढ़ना चाहिए। शहीद बजरंग लाल मीणा सीआरपीएफ की 62वीं बटालियन में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सहायक कमांडेंट के पद पर तैनात थे। इस दौरान 6 अप्रैल 2010 में नक्सलियों की सूचना पर उनके नेतृत्व में विशेष ऑपरेशन चलाया गया।
इस दौरान ऑपरेशन में अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए बजरंग लाल मीणा नक्सलियों को मार गिराते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे। कार्यक्रम में अतिथियों व ग्रामीणों ने शहीद की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया। वहीं शहीद की माता तीजा देवी व वीरांगना रूकमा देवी का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर ओमप्रकाश मीणा, ओमपाल मीणा, मुकेश मीणा, सतपाल सिंह, सुरेश मीणा, फतेहचंद मीणा, रोहतास, रिया छापोला, सुशीला देवी सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।