मंडावा गैसकांड के प्रभावित परिवार को मिलेगा क्लेम:झुंझुनूं उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग का फैसला; 2021 में 2 लोगों की हुई थी मौत
मंडावा गैसकांड के प्रभावित परिवार को मिलेगा क्लेम:झुंझुनूं उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग का फैसला; 2021 में 2 लोगों की हुई थी मौत
झुंझुनूं : झुंझुनूं के मंडावा में 2021 में गैस सिलेंडर ब्लास्ट में मारे गए 2 लोगों के परिवारों को क्लेम मिलेगा। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने मंगलवार को फैसला सुनाया। आयोग ने पीड़ित परिवार को बीमा क्लेम का भुगतान न करने पर गैस वितरक मैसर्स आर. के. भारत गैस मंडावा और एलपीजी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) को संयुक्त रूप से जिम्मेदार ठहराया।
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग अध्यक्ष मनोज कुमार मील और प्रमेंद्र कुमार सैनी की पीठ ने दोनों कंपनियों को सर्वे के उपरांत बीमा कंपनी द्वारा जारी की गई 15 लाख 84 हजार 119 रुपए की क्षतिपूर्ति राशि परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ चुकाने का आदेश दिया।
कंपनी ने 2022 में ही ट्रांसफर कर दी थी राशि
आयोग ने फैसले में यह साफ किया कि बीमा कंपनी आईसीआईसीआई लोंबार्ड जनरल ने 17 मई 2022 को ही क्लेम की राशि भारत पेट्रोलियम के खाते में स्थानांतरित कर दी थी। इसके बावजूद गैस वितरक और एलपीजी कंपनी ने पीड़ित परिवार को भुगतान करवाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। पीड़ित परिवार ने मजबूर होकर अप्रैल 2023 को जिला आयोग में परिवाद प्रस्तुत किया।
45-45 हजार रुपए अलग से देने के भी आदेश
आयोग ने क्षतिपूर्ति राशि को ब्याज के साथ चुकाने के अलावा, पीड़ित परिवार के सदस्यों को मानसिक व शारीरिक संताप पेटे भी बड़ी राहत दी है। आयोग ने प्रत्येक परिवादी को 45-45 हजार रुपए अतिरिक्त देने के आदेश दिए हैं। आयोग ने अपने फैसले में लिखा-पीड़ित परिवार को बीमा क्लेम का भुगतान दिलवाना एलपीजी कंपनी और गैस वितरक दोनों का नैतिक दायित्व है, जिसका निर्वहन करने में वे विफल रहे। अपने निर्णय में आयोग ने गैस वितरक और एलपीजी कंपनी को एक व्यापक सामाजिक दायित्व भी सौंपा है। पीठ ने कहा-
- एलपीजी उपभोक्ताओं के मानवीय जीवन को सुरक्षित एवं संरक्षित करने के लिए गैस सिलेंडर से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव की जानकारी देना कंपनी और वितरक का काम है।
- दुर्घटना के बाद मिलने वाली बीमा क्लेम राशि की जानकारी देने का दायित्व कंपनी और वितरक का है।
- एलपीजी कंपनी व गैस वितरक विशेष अभियान चलाएं।
- उपभोक्ताओं के कनेक्शन स्थल, रेगुलेटर, गैस पाइपलाइन इत्यादि की समयबद्ध जांच करें।
- आवश्यक होने पर बदलाव से संबंधित सूचनाएं लिखित रूप से दें।
- उपभोक्ताओं को दी जाने वाली रसीद के साथ स्पष्ट रूप से बीमा क्लेम की जानकारी दें।
- दुर्घटना होने पर बीमा क्लेम प्राप्त करने के संबंध में बीमा कंपनी से संबंधित स्पष्ट जानकारी उपभोक्ताओं को दें।
- गैस वितरक अपने कार्यालय में भी बीमा क्लेम भुगतान की स्पष्ट जानकारी का बोर्ड लगाएं।
निर्देश की अवहेलना पर लगेगा 50 हजार का जुर्माना
आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि यह जागरूकता अभियान चलाने और अन्य निर्देशों की पालना निर्णय होने की दिनांक से 30 दिन की अवधि में नहीं की जाती है तो वितरक व एलपीजी कंपनी को 50 हजार रूपए राज्य उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करवाने होंगे और इसकी पालना रिपोर्ट जिला आयोग में प्रस्तुत करनी होगी।
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