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तालछापर अभयारण्य में प्रवासी पक्षियों का आगमन:कजाकिस्तान, रूस से मांटेग्यू हैरियर सहित कई प्रजातियां पहुंचीं


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तालछापर अभयारण्य में प्रवासी पक्षियों का आगमन:कजाकिस्तान, रूस से मांटेग्यू हैरियर सहित कई प्रजातियां पहुंचीं

तालछापर अभयारण्य में प्रवासी पक्षियों का आगमन:कजाकिस्तान, रूस से मांटेग्यू हैरियर सहित कई प्रजातियां पहुंचीं

सुजानगढ़ : सुजानगढ़ के काले हिरणों के लिए मशहूर तालछापर अभयारण्य में दुनियाभर के प्रवासी पक्षी पहुंच गए हैं। अब यहां अगले छह माह तक इन मेहमान परिंदों की कलरव सुनने को मिलेगी। क्षेत्रीय वन अधिकारी उमेश बागोतिया ने बताया कि क्षेत्र में इस वर्ष हुई रिकॉर्ड बारिश से अभयारण्य का ग्रासलैंड शानदार हो गया है। जो प्रवासी पक्षियों को आकर्षित कर रहा है। यूरोप व मध्य एशिया में सितंबर से मार्च तक धरातल के बर्फ से ढक जाने के कारण वहां पक्षियों परेशानी होती है। यही कारण है कि छह माह के लिए वहां के परिंदे बरसों से तालछापर को अस्थाई आवास बना रहे हैं। इस बार हैरियर प्रजाति के पक्षी रिकॉर्ड संख्या में आए हैं।

डीएफओ वीरेंद्र कृष्णिया ने बताया कि तालछापर का सुरक्षित भौगोलिक परिवेश प्रवासी पक्षियों के अनुकूल होने व 800 हैक्टेयर में फैले सपाट भूभाग की घास में पाए जाने वाले कीट-पतंगे को मेहमान परिंदे आहार बनाते हैं। यह उनके भरण-पोषण में काफी सहायक होता है। अभयारण्य में मोथिया घास के अलावा दो दर्जन से ज्यादा प्रजाति की घास हैं। इस कारण हर साल प्रवासी पक्षियों की प्रजाति की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

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