ऑफिस में बैठे कंडक्टर-ड्राइवर को भी चलानी होगी बस:तीन हजार किलोमीटर का टारगेट रखा, पूरा नहीं हुआ तो सैलरी भी कटेगी
ऑफिस में बैठे कंडक्टर-ड्राइवर को भी चलानी होगी बस:तीन हजार किलोमीटर का टारगेट रखा, पूरा नहीं हुआ तो सैलरी भी कटेगी

झुंझुनूं : राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) ने रोडवेज बसों के संचालन को लेकर बड़ा बदलाव किया है। अब डिपो में बैठकर ऑफिस का काम करने वाले ड्राइवर और कंडक्टर को भी बसें चलानी होगी।
निगम के इस आदेश के तहत डिपो में कार्यरत इन कर्मचारियों को हर महीने कम से कम 3000 किलोमीटर बस चलाने का टारगेट दिया है। यदि कोई कर्मचारी इस टारगेट को पूरा नहीं करता है तो उसकी सैलरी में भी कटौती की जएगी।
चीफ मैनेजर गिरिराज स्वामी ने बताया कि निगम के कार्यकारी निदेशक चांदमल वर्मा के आदेश मिले है। झुंझुनूं डिपो में करीब ऐसे 15 ड्राइवर और कंडक्टर है, जो ऑफिस काम में लगे हुए है।
झुंझुनूं डिपो में 15 कर्मचारी होंगे प्रभावित
झुंझुनूं डिपो में फिलहाल 15 कंडक्टर और ड्राइवर ऐसे है जो अपना मूल कार्य छोड़कर कार्यालय में ड्यूटी कर रहे हैं। ये कर्मचारी स्मार्ट कार्ड, पूछताछ, ईटीआईएम (इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन), राजस्व, सांख्यिकी और डीजल जैसी महत्वपूर्ण शाखाओं के प्रशासनिक कार्यों में लगे हुए हैं
डिपो के चीफ मैनेजर गिरिराज स्वामी ने बताया कि डिपो के पास इन कार्यों को करने के लिए पर्याप्त प्रशासनिक कर्मचारी नहीं हैं, जिसके कारण उन्हें ड्राइवर और कंडक्टर पर निर्भर रहना पड़ता है।
नई नीति से इन 15 कर्मचारियों को भी रूटों पर चलाना सुनिश्चित होगा, जिससे डिपो की 84 बसों (जिनमें 62 निगम की और 19 अनुबंध पर) का संचालन और अधिक प्रभावी हो सकेगा। वर्तमान में डिपो के कुल परिचालकों में से 129 रूटों पर संचालित हो रही है।
मेडिकली अनफिट कर्मचारियों को मिलेगी छूट
निगम के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जो परिचालक और चालक मेडिकली अनफिट हैं, उन्हें इस बदलाव में शामिल नहीं किया जाएगा। उन्हें रूटों पर चलने की आवश्यकता नहीं होगी। ऐसे कर्मचारियों के लिए नया मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा और दोबारा स्वास्थ्य जांच कराई जाएगी।
केवल वे कर्मचारी जिन्हें मेडिकल रूप से सक्षम पाया जाएगा, उन्हें ही रूटों पर बस चलाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। वर्तमान में झुंझुनूं डिपो में 4 कर्मचारी मेडिकली अनफिट हैं। यह व्यवस्था यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर सुनिश्चित की गई है।
चीफ मैनेजर गिरिराज स्वामी ने बताया कि डिपो कार्यालय में बैठे कर्मचारी विभिन्न आवश्यक प्रशासनिक कार्यों में शामिल हैं, जिनमें स्मार्ट कार्ड अपडेट करना, ईटीआईएम रिकॉर्ड बनाना, राजस्व संबंधी कार्य और डीजल की खपत का लेखा-जोखा शामिल है।
अब रूटों पर बस चलाने की जिम्मेदारी बढ़ने से कर्मचारियों को अपनी नियमित ड्राइविंग/कंडक्टिंग ड्यूटी के अलावा इन प्रशासनिक कार्यों का संतुलन भी बनाए रखना होगा। यह क़दम डिपो के संचालन को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए उठाया गया है, जिससे कर्मचारियों की जवाबदेही बढ़ेगी और रूटों पर समय पर बस संचालन सुनिश्चित होगा।