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झुंझुनूं-खेतड़ी : ग्रामीणों ने एसडीएम कार्यालय के सामने किया प्रदर्शन:नीमकाथाना जिले में शामिल नहीं करने की मांग, आगामी चुनाव का बहिष्कार करने की दी चेतावनी


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झुंझुनूं-खेतड़ी : ग्रामीणों ने एसडीएम कार्यालय के सामने किया प्रदर्शन:नीमकाथाना जिले में शामिल नहीं करने की मांग, आगामी चुनाव का बहिष्कार करने की दी चेतावनी

ग्रामीणों ने एसडीएम कार्यालय के सामने किया प्रदर्शन:नीमकाथाना जिले में शामिल नहीं करने की मांग, आगामी चुनाव का बहिष्कार करने की दी चेतावनी

झुंझुनूं-खेतड़ी : खेतड़ी के 11 गांव के ग्रामीणों ने मंगलवार को एसडीएम को ज्ञापन देकर नवगठित नीमकाथाना जिले में शामिल नहीं करने की मांग की है। इस दौरान सैकड़ों ग्रामीणों ने एसडीएम कार्यालय के सामने नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन कर झुंझुनूं जिले में ही रहने की मांग की है।

नीमकाथाना जिले में शामिल नहीं करने की मांग

पूर्व प्रधान बजरंग सिंह चारावास के नेतृत्व में एसडीएम जयसिंह चौधरी को दिए ज्ञापन मे बताया कि खेतड़ी तहसील के ढाणी बाढ़ान, मानोता जाटान, लोयल, सरदारपुरा, चारावास, हरिनगर, नंगली सलेदीसिंह, चरणसिंह नगर, बडाऊ, कृष्ण नगर, श्योलपुरा, सुंदरनगर, शिवनगर आदि गांव भौगोलिक स्थिति को देखते हुए झुंझुनू जिले से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि राज्य सरकार की ओर से हाल ही में गठित किए गए 19 जिलों में नीमकाथाना को जिला बनाया गया है। इस दौरान इन गांव से नीमकाथाना करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर है, जिससे यहां के लोगों के लिए नीमकाथाना जाना काफी मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने बताया कि झुंझुनू जिले से उनका व्यापार व शिक्षण संस्थानों में कार्य अच्छे तरीके से हो रहा है। यदि नीमकाथाना में उन्हें शामिल कर दिया जाता है तो उन्हें जाने के लिए संसाधनों का भी अभाव हो जाएगा।

झुंझुनू जिला वीरों की भूमि माना जाता है, जिसमें अनेक सैनिक देकर देश में अपना गौरव बढ़ाया है। झुंझुनू जिला अपनी शान के प्रतीक के कारण पूरे देश में अपनी अलग पहचान रखता है, जो प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व की बात है। इसलिए इन सभी गांवों को झुंझुनू जिले में ही रहना दिया जाए। यदि इनको झुंझुनू जिले से हटाकर नीमकाथाना में शामिल किया गया तो आने वाले चुनाव में इन गांवों के ग्रामीणों की ओर से मतदान प्रक्रिया का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया जाएगा, जिसका खामियाजा गहलोत सरकार को उठाना पड़ेगा।

ये रहे मौजूद

इस मौके पर महिपाल सिंह, ओमप्रकाश, शिवप्रसाद, पूर्ण सिंह, सुभाष, अमर सिंह, मदन सिंह, होशियार सिंह, मंगलाराम, इंद्राज सिंह, हवा सिंह, बाबूलाल शर्मा, महेंद्र सिंह, रामकुमार, चंदगीराम, देवकरण सिंह, अमर सिंह, सुमेर सिंह, सुरेंद्र काजला, भंवर सिंह, गुरदयाल सिंह, भीम सिंह, करण सिंह सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।

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