डोटासरा बोले- विधायकों की SDM-तहसीलदार-चपरासी नहीं सुन रहा:CMR में बैठकर थोथी गाल बजाई बंद करें, 70 साल में इतनी बुरी स्थिति नहीं हुई
डोटासरा बोले- विधायकों की SDM-तहसीलदार-चपरासी नहीं सुन रहा:CMR में बैठकर थोथी गाल बजाई बंद करें, 70 साल में इतनी बुरी स्थिति नहीं हुई

सीकर : विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। डोटासरा ने कहा- इस सरकार में मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों की चपरासी, एसडीएम, तहसीलदार तक नहीं सुनता। CMR में बैठकर थोथी गाल बजाई करना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा- 70 साल के इतिहास में इतनी बुरी स्थिति नहीं हुई कि कोई विकास नहीं है। कोई विजन नहीं है। जनता का कोई काम नहीं हो रहा है।
डोटासरा ने कहा- विधानसभा में सरकार की नाक में नकेल डालकर इनको मजबूर कर देंगे कि जनता की आवाज सुननी पड़ेगी और जनता के काम करने पड़ेंगे।
डोटासरा रविवार को सीकर के लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र में बीदसर गांव में पंचायत भवन का लोकार्पण करने पहुंचे थे। कार्यक्रम में सीकर सांसद अमराराम भी शामिल हुए।
डोटासरा ने कही ये 4 बड़ी बातें….
1. सरकार की मंशा चुनाव कराने की नहीं
डोटासरा ने मीडिया से बातचीत में कहा- सरकार 5 साल बाद भी चुनाव नहीं करवा पा रही है। एक तरफ तो दिसंबर में चुनाव कराने की बात कही जा रही है, वहीं दूसरी तरफ 2027 में चुनाव कराने की बात हो रही है।
डोटासरा ने परिसीमन में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कहा- सरकार ने अपनी मर्जी से सब कुछ किया है। उन्होंने कहा- उनके नगर में जबरदस्ती नरोदड़ा और मानासी को मिला दिया गया। लेकिन आज तक यह नहीं पता चल पाया कि उसके वार्ड कितने हुए।
डोटासरा ने कहा- जो काम मई में होना चाहिए था, वह अब अगस्त तक नहीं हुआ है। सरकार की मंशा चुनाव कराने की नहीं है और ये सरकार चलाने के लिए भी सक्षम नहीं हैं, इसलिए यह दिक्कत आ रही है।

2. सरकार के पास दिल्ली से पर्ची नहीं आई
सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा मामले पर डोटासरा ने कहा- सरकार के पास दिल्ली से पर्ची नहीं आई, इसलिए अपने-अपने मन के टोरे लगा रहे हैं। किसी को कुछ पता नहीं है और कुछ करना नहीं है। बस, इनका काम तो कांग्रेस सरकार की शुरू की गई अच्छी योजनाओं को बंद करना, केवल उनको गाली देना और भ्रामक दुष्प्रचार करना है।
3. पौने 2 साल तक भर्ती को निरस्त क्यों नहीं किया?
डोटासरा ने मुख्यमंत्री से पूछा कि जब आपने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया, जिसने लिख दिया कि भर्ती निरस्त होनी चाहिए। तो फिर आपने पौने दो साल तक इसे निरस्त क्यों नहीं किया? अब जब हाईकोर्ट कह रहा है कि भर्ती निरस्त कर दी, तब आपका मंत्री कह रहा है कि भर्ती निरस्त नहीं की। सरकार को एक बात लेकर तो जनता के बीच में जाना चाहिए।
4. मुख्यमंत्री और मंत्री की कंट्रोवर्सी है
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा- वे यह नहीं कहते कि सरकार यह करो या वह करो। वे तो यह चाहते हैं कि सरकार कम से कम निर्णय तो ले। लेकिन सरकार निर्णय तक नहीं ले सकती। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने निर्णय ले लिया। अब उस पर भी मुख्यमंत्री और मंत्री की कंट्रोवर्सी है। इससे बड़ा दुर्भाग्य प्रदेश का कोई हो नहीं सकता।