दो दिवसीय ब्लॉक स्तरीय सत्रारंभ वाकपीठ का हुआ शुभारंभ, 218 विद्यालयों के प्रधानों ने लिया भाग, शिक्षकों का दायित्व है की बच्चों में अच्छे संस्कार रूपी शिक्षा प्रदान करें…..इंजीनियर धर्मपाल गुर्जर
दो दिवसीय ब्लॉक स्तरीय सत्रारंभ वाकपीठ का हुआ शुभारंभ, 218 विद्यालयों के प्रधानों ने लिया भाग, शिक्षकों का दायित्व है की बच्चों में अच्छे संस्कार रूपी शिक्षा प्रदान करें…..इंजीनियर धर्मपाल गुर्जर

खेतड़ी नगर : केसीसी के दीनबंधु मैरीज पैलेस में सोमवार को दो दिवसीय ब्लॉक स्तरीय सत्रारंभ संस्था प्रधान वाकपीठ का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक इंजीनियर धर्मपाल गुर्जर थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीबीईईओ अनुकंपा अरड़वातिया ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में एसीबीओ राजेश कुमावत, सुमित्रा झाझङिया डाइट झुंझुनूं, वाकपीठ अध्यक्ष करण सिंह, एडवोकेट रोहतास मनकस, दीपक कुमार, प्रदीप मेहरङा, जले सिंह, दीपिका सिंह, ब्रह्मानंद दोचानिया, वेद प्रकाश, धर्मपाल खटाना, संतोष, विमला देवी, सुमन, अनीता चौधरी, भानु प्रकाश मौजूद थी। अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दिप प्रज्जवल्लित कर कार्यक्रम का विधिवत रूप से शुभारंभ किया।
मुख्य अतिथि इंजी. धर्मपाल गुर्जर ने संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों की तरक्की के लिए अभिभावकों के बाद गुरू ही प्रयास करते है, बच्चों में अच्छे संस्कार भी अभिभावक व गुरूजन ही दे सकते है इस लिए शिक्षकों का दायित्व है कि उनमें अच्छे संस्कार व शिक्षा प्रदान करें। गुरू ही पूरे समाज व देश को बदलने की ताकत रख सकता है। इसलिए बच्चों के सर्वांगीण विकास में अध्यापकों की ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने खेतड़ी ब्लॉक में साडे 15 करोड रुपए खर्च किए हैं तथा आने वाले वर्ष में 20 लख रुपए की लागत से हर स्कूल में दरी प्रदान की जाएगी जिससे सरकारी स्कूलों में नामांकन भी बढ़ेगा और अच्छी शिक्षा भी मिलेगी। सीबीईओ अनुकंपा अरड़वातिया ने कहा कि सत्रारंभ वाकपीठ का मुख्य उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता, गुणवत्ता और नवाचार को बढ़ावा देना है।

उन्होंने सभी प्रधानाध्यापकों से विद्यालयों में शैक्षिक माहौल को बेहतर बनाने तथा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर जोर देने की अपील की। सुरेंद्र बड़ेसरा ने नई शैक्षणिक नीतियों, शिक्षण पद्धतियों और तकनीकी संसाधनों के समुचित उपयोग पर विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव समय की आवश्यकता है और हर विद्यालय प्रधान को इसे अपनी कार्यप्रणाली में शामिल करना होगा। वाकपीठ में शामिल प्रधानाध्यापकों ने कहा कि इस तरह के आयोजन से न केवल उन्हें नई जानकारियां प्राप्त होती हैं, बल्कि अन्य विद्यालयों के अच्छे कार्यों से प्रेरणा लेकर अपने विद्यालयों में लागू करने का अवसर भी मिलता है। पहले दिन दो सत्रों में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। वाकपीठ में प्राइमरी से लेकर उमावि के 218 प्रधानाध्यापकों ने भाग लिया। इस मौके पर स्कूल की छात्राओं ने एक से बढ कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुती दी। संचालन चंद्र प्रकाश शर्मा व वीरेंद्र अवाना ने किया। इस मौके पर जुगल किशोर धाबाई, सुरेंद्र बडेसरा, अजय कुमार, महेंद्र धायल, जुगल किशोर, राजवीर, आशा निलू, माया सांगवान, मंजू शेरावत सहित विभिन्न स्कूलों के प्रधानाध्यपकों ने भाग लिया।