उत्तर प्रदेश-गाजियाबाद : दरिंदे को सजा-ए-मौत: ऐसे अपराधी को जीवित रखना बच्चों के लिए खतरा, फैसला सुनाने के बाद जज ने की टिप्पणी
गाजियाबाद के मोदीनगर के गांव में 18 अगस्त 2022 को दुष्कर्म के बाद की गई नौ साल की बच्ची की हत्या के मामले में दोषी कपिल कश्यप (25) को पॉक्सो कोर्ट के जज अमित कुमार प्रजापति ने बुधवार को फांसी की सजा सुनाई। उस पर 61 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है।

उत्तर प्रदेश-गाजियाबाद : सजा-ए-मौत सुनाने से पहले जज अमित कुमार प्रजापति ने टिप्पणी की, दोषी पाए गए युवक ने सामाजिक एवं नैतिक मूल्यों का घोर हनन किया है। ऐसी मानसिकता वाले अपराधी को समाज में जीवित रखना अन्य बालक अथवा व्यक्ति को खतरा उत्पन्न करता है।
ऐसी दुर्दांत मानसिकता वाले व्यक्ति के द्वारा किए गए अपराध के लिए अधिकतम दण्ड दिए जाने से ही कोमल वय बालकों के प्रति लैंगिक अपराधों से संरक्षण का लक्ष्य पूरा होगा तथा समाज में न्यायिक प्रक्रिया एवं न्याय प्रणाली के प्रति सद्भाव एवं विश्वास उत्पन्न होगा।
जज ने कहा, कोमलवय बालकों के प्रति किए गए अपराध के लिए विशेष रुप से दण्ड का प्रावधान जरूरी है। अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत अपराध का दोषी पाया गया है। कपिल मृतका के पड़ोस का रहने वाला है।
उसने सुनियोजित तरीके से अपहरण किया। कोमलवय बच्चों के प्रति उत्पन्न होने वाले सहज प्रेम, उदारता एवं दयाभाव भी उसके हृदय में उत्पन्न नहीं हुआ। उसका अपराध मृत्युदण्ड से दंडित किए जाने योग्य है।
बच्चियां देवी का स्वरूप उनका सम्मान जरूरी