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झुंझुनूं के काजड़ा में 12.36 लाख की फर्जी-वसूली का मामला:जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन; 3 दिन के अल्टीमेटम-आमरण अनशन की चेतावनी


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झुंझुनूं के काजड़ा में 12.36 लाख की फर्जी-वसूली का मामला:जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन; 3 दिन के अल्टीमेटम-आमरण अनशन की चेतावनी

झुंझुनूं के काजड़ा में 12.36 लाख की फर्जी-वसूली का मामला:जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन; 3 दिन के अल्टीमेटम-आमरण अनशन की चेतावनी

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले की काजड़ा ग्राम पंचायत में कुंड निर्माण के नाम पर हुई 12.36 लाख रुपए की फर्जी वसूली को लेकर ग्रामीणों ने रविवार को जिला कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने सरपंच के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। तीन दिन में कार्रवाई की मांग की। मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत 103 ग्रामीणों से प्रति व्यक्ति 12 हजार रुपए की दर से राशि वसूली गई। आरोप है कि यह वसूली सरकारी रसीदों से नहीं बल्कि फर्जी पर्चियों के जरिए की गई और पैसा पंचायत खाते में जमा करने के बजाय बर्तन बैंक समिति के निजी खाते में ट्रांसफर किया गया।

पैसा लौटाया, पर अपराध खत्म नहीं

विरोध के दबाव में प्रशासन ने सभी 103 ग्रामीणों को पूरी राशि वापस दिलवाई। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि पैसा लौटाना अपराध को समाप्त नहीं करता, क्योंकि यह धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग का मामला है। 28 जुलाई को जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने सरपंच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे, लेकिन 13 दिन बीतने के बाद भी न तो एफआईआर दर्ज हुई और न ही गिरफ्तारी हुई। इससे ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति अविश्वास और आक्रोश बढ़ा है।

भ्रष्टाचार के विरोध में ज्ञापन सौंपते ग्रामीण प्रतिनिधि
भ्रष्टाचार के विरोध में ज्ञापन सौंपते ग्रामीण प्रतिनिधि

पूर्व उप सरपंच मदन गुर्जर ने बताया कि सरपंच ने कुंड निर्माण के नाम पर 103 ग्रामीणों से 12.36 लाख रुपए वसूले और फर्जी रसीदें काटीं। शिकायत के बाद प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव ने एफआईआर और निलंबन के आदेश दिए थे, लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने चेतावनी दी कि अब ग्रामीण चुप नहीं बैठेंगे और बड़ा आंदोलन करेंगे।

कैलाश पारीक ने कहा कि कई बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन मौन है, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन को समझना चाहिए कि यह मामला केवल पैसों की वसूली का नहीं बल्कि सरकारी व्यवस्था पर जनता के विश्वास का है।

समाजसेवी विक्रम कुमार शर्मा ने बताया कि इस प्रकरण की जानकारी जिला कलेक्टर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव को दी गई है। उन्होंने आदेश भी दिए हैं, लेकिन निचले स्तर पर कार्रवाई ठप है। यह प्रशासनिक मशीनरी में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को दर्शाता है।

ग्रामीण सूबे सिंह खटाना ने कहा कि रविवार को तो सीमित संख्या में ग्रामीण प्रदर्शन करने आए हैं, लेकिन अगर तीन दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो गुरुवार को बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष कलेक्ट्रेट पहुंचेंगे और आमरण अनशन शुरू करेंगे।

प्रदर्शन में ये रहे मौजूद

इस मौके पर पंच पहलवान मेघवाल, पूर्व पंच रामसिंह, पंच प्रतिनिधि पवन गुर्जर, पूर्व उप सरपंच मदन चनेजा, पटेल गुर्जर, पोकरमल खटाना, अशोक खटाना, संत कुमार हलवाई, पवन जोशी, महेंद्र कुमार, रोशन खटाना, बजरंग जागिड़, केसर देव चनेजा, गजेन्द्र खेड़लीया, दिनेश नागवान, अशोक स्वामी, शशिकांत नागवान, जयसिंह यादव, रामनिवास यादव, धन सिंह चनेजा, सुभाष नागवान, भंवर सिंह चनेजा, सावरमल चनेजा, महावीर प्रसाद शास्त्री, इंद्राज खेड़लिया, नन्द किशोर सैनी, सुरेन्द्र मेघवाल, अजय शर्मा, सावरमल शास्त्री, सुभाष खेड़लीया, रमेश यादव, नवल मेघवाल, गणेश कुमार शर्मा, सुदर्शन शर्मा, सुमित गुर्जर, कैलाश पारीक, संतोष कुमार प्रजापत, किशन खटाना, गोकुल, कृष्ण शर्मा, कृष्ण प्रजापत, गजेन्द्र शर्मा, बाबूलाल कुमावत, सोमवीर मेघवाल, मनोज स्वामी समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

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