शिक्षकों का कैरियर मार्गदर्शन पर क्षमता संवर्धन की कार्यशाला का हुआ आयोजन
शिक्षकों का कैरियर मार्गदर्शन पर क्षमता संवर्धन की कार्यशाला का हुआ आयोजन

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका
झुंझुनूं : नई शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को विद्यालय स्तर तक प्रभावी रूप से लागू करने और विद्यार्थियों के समग्र विकास में शिक्षकों की भूमिका को सशक्त बनाने के उद्देश्य से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट)में तीन दिवसीय कैरियर मार्गदर्शन आधारित क्षमता संवर्धन कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला की प्रभारी मोना वर्मा ने बताया कि जिले के विभिन्न ब्लॉकों से चयनित 40 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लिया। साथ ही डाइट के पेस्ट प्रभाग के छात्रध्यापकों ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज कराई।साथ ही कहा की आज का शिक्षक केवल विषय का अध्यापक नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के जीवन में दिशा देने वाला उत्प्रेरक है। हमें उन्हें सिर्फ परीक्षा की तैयारी नहीं करानी, बल्कि जीवन की तैयारी हेतु मार्गदर्शन देना है।
डाइट प्राचार्या सुमित्रा झाझड़िया ने सभी संभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं शिक्षकों को नवाचारों के प्रति संवेदनशील बनाती हैं और उन्हें अपने विद्यालयों में लागू करने हेतु प्रेरित करती हैं। उन्होंने डाइट रिसोर्स सेंटर की परिकल्पना को साझा करते हुए कहा कि यह केंद्र शिक्षकों, विद्यार्थियों और समुदाय को जोड़ने वाली एक महत्त्वपूर्ण शैक्षिक पहल है, जिसे नई शिक्षा नीति के धरातलीकरण हेतु सुदृढ़ रूप में विकसित किया जा रहा है।
पेस्ट प्रभागाध्यक्ष प्रमेन्द्र कुल्हार ने बताया की तीन दिनों तक चले इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को करियर मार्गदर्शन, जीवन कौशल, सामाजिक-भावनात्मक व नैतिक शिक्षण, तथा परियोजना आधारित शिक्षण की विधाओं से परिचित कराया गया। प्रशिक्षकों ने यह स्पष्ट किया कि कक्षा 6 से ही विद्यार्थियों में व्यावसायिक समझ, निर्णय लेने की क्षमता और रुचि आधारित विषय चयन की प्रवृत्ति विकसित करना आवश्यक है, जिससे वे भविष्य को लेकर आत्मविश्वासी बन सकें।
डब्ल्यूई प्रभागध्यक्ष अजय प्रेमी ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान डायल फ्यूचर’ कार्यक्रम, करियर वर्कबुक, जॉब कार्ड और करियर बुकलेट जैसे नवाचारों के माध्यम से शिक्षकों को बताया गया कि वे स्थानीय परिवेश को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों को संभावित करियर विकल्पों की जानकारी किस प्रकार दे सकते हैं। साथ ही यह भी बताया गया कि कैसे अनुभव आधारित सीखने के माध्यम से विद्यार्थी नेतृत्व, संवाद, योजना निर्माण और आत्मनिर्भरता जैसे कौशलों का विकास कर सकते हैं।
कार्यशाला के समापन पर डाइट प्राचार्या के नेतृत्व में एवं स्टाफ सदस्यों द्वारा पीरामल फाउंडेशन के तत्वावधान में किचन गार्डन व मेरा सोलर गांव नामक परियोजनाओं का जिला स्तरीय विमोचन किया गया जिसके माध्यम से विद्यार्थियों में स्थानीय संदर्भ में वैश्विक कौशलों को उजागर करने का प्रयास किया जा सके साथ ही साथ उनमे वैज्ञानिक दृष्टिकोण, गणितीय साक्षरता, एवं भाषा के ज्ञान को सीखने के अवसर अनुभवात्मक ढंग से प्रदान किये जा सके।
कार्यशाला के समापन समारोह में गजेन्द्र कुमार, शिल्पा, संगीता झाझडिया, आरपी सुरेन्द्र यादव एवं पिरामल फाउंडेशन से अशगाल, शेरसिंह सहित समस्त स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।