‘रूह अफ़ज़ा’ मामले में बाबा रामदेव को बड़ी राहत, दिल्ली हाईकोर्ट ने बंद किया केस
‘रूह अफ़ज़ा’ मामले में बाबा रामदेव को बड़ी राहत, दिल्ली हाईकोर्ट ने बंद किया केस

नई दिल्ली : योग गुरु रामदेव को ‘रूह अफ़ज़ा’ मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है बता दे कि उनके खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल मुकदमा बंद कर दिया गया है। बता दे कि योग गुरु बाबा रामदेव ने बीते दिनों अपने एक वीडियो में रूह अफजा को लेकर एक टिप्पणी कर दी थी, जिसके चलते विवाद उत्पन्न हो गया था। इसी मामले में के चलते न्यायालय ने यह आदेश हमदर्द नेशनल फाउंडेशन इंडिया द्वारा रामदेव और उनकी पतंजलि फूड्स लिमिटेड के खिलाफ दायर मामले की सुनवाई करते हुए दिया गया है। यह आदेश न्यायालय द्वारा हमदर्द के ‘रूह अफजा’ के खिलाफ रामदेव की “शरबत जिहाद” टिप्पणी को “असहाय” बताए जाने के कुछ सप्ताह बाद आया है।
हमदर्द ने दावा किया है कि रामदेव ने पतंजलि के “गुलाब शरबत” को बढ़ावा देने वाले वीडियो में आरोप लगाया कि हमदर्द के ‘रूह अफजा’ (एक गाढ़ा स्क्वैश) से अर्जित धन का उपयोग मदरसों और मस्जिदों के निर्माण के लिए किया गया था।
आज दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया गया कि रामदेव ने एक हलफनामा दायर कर कहा है कि रूह अफज़ा के खिलाफ वीडियो हटा दिए गए हैं। रामदेव के वकील ने अदालत को बताया कि न्यायिक आदेशों के अनुपालन में रामदेव और पतंजलि द्वारा हलफनामा पेश किया गया है।
अदालत ने 22 अप्रैल को उनसे हलफनामा मांगा, जिसमें आश्वासन दिया गया कि “वे भविष्य में प्रतिस्पर्धियों के उत्पादों के संबंध में वर्तमान मुकदमे के विषय के समान कोई बयान, सोशल मीडिया पोस्ट या अपमानजनक वीडियो/विज्ञापन जारी नहीं करेंगे।” अदालत ने यह भी कहा कि हमदर्द के रूह अफ़ज़ा पर रामदेव की “शरबत जिहाद” टिप्पणी “अस्वीकार्य” थी और “उसने उसकी अंतरात्मा को झकझोर दिया”। हमदर्द की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी द्वारा किसी अन्य राहत के लिए दबाव न डाले जाने के बाद मामला बंद कर दिया गया।
1 मई को, जब अदालत ने रामदेव के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी, तो उनके वकील ने आश्वासन दिया कि बाद में प्रकाशित कुछ आपत्तिजनक सामग्री को भी 24 घंटे के भीतर हटा दिया जाएगा।