बगड़ कस्बे में बेटी के लिए बिंदोरी निकालकर समाज को दिया बेटा-बेटी समानता का संदेश
बगड़ कस्बे में बेटी के लिए बिंदोरी निकालकर समाज को दिया बेटा-बेटी समानता का संदेश
बगड़ : सामाजिक सोच को झकझोरते हुए प्रताप आल्हा ने एक ऐतिहासिक पहल की। उन्होंने अपनी बेटी राजकुमारी आल्हा की बिंदोरी घोड़ी पर बैठाकर निकाली, ठीक वैसे ही जैसे आमतौर पर बेटों की निकाली जाती है। डीजे की धुनों पर परिवार व रिश्तेदारों ने झूमकर नाचते हुए इस पल को यादगार बना दिया।
जोगेंद्र निवास कॉलोनी से पार्क व्यू होटल तक निकाली गई यह बिंदोरी सिर्फ एक पारिवारिक खुशी का जश्न नहीं थी, बल्कि यह समाज को यह स्पष्ट संदेश देने की कोशिश थी कि बेटियां भी बेटों से कम नहीं हैं।
राजकुमारी के भाई विक्रम आल्हा ने कहा, “लड़का एक घर को संवारता है, लेकिन लड़की दो घरों को संवारती है। जब समाज बेटियों को समान अवसर देगा तभी असल समानता संभव है।”
राजस्थान जैसे राज्य में जहाँ लिंगानुपात एक चिंता का विषय है, ऐसे प्रयास समाज में बेटियों के प्रति नजरिए को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकते हैं। इस अवसर पर भीम आर्मी जिला अध्यक्ष विकास आल्हा, डॉ. राजेंद्र कुमार, NRI रामकिशन आल्हा, ओमप्रकाश आल्हा, विनोद आल्हा, शिवकुमार, व्याख्यता शीशराम आल्हा, अनिल राजेश, अनिल, सज्जन रांगेय, महेंद्र, जोगेंद्र, विक्षेप जोगेंद्र, सचिन सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
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