माकपा नेता बोले- भाजपा की नीतियां मजदूर विरोधी:केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, पूर्व विधायक बोले- मजदूर समाज की रीढ़
माकपा नेता बोले- भाजपा की नीतियां मजदूर विरोधी:केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, पूर्व विधायक बोले- मजदूर समाज की रीढ़

सीकर : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सीकर में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मजदूरों की एकजुटता को मजबूत करने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए नारेबाजी की गई। मजदूरों ने अपनी मांगों को बुलंद करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ ‘मुर्दाबाद’ के नारे लगाए।
इसके साथ ही शिकागो में मजदूर आंदोलन के दौरान हुई ऐतिहासिक हत्याओं को याद किया गया और मजदूरों के महत्व पर विचार-विमर्श किया गया। माकपा ने ढाका भवन पर पार्टी का झंडा फहराकर अपनी एकजुटता और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया।

धोद के पूर्व विधायक पेमाराम ने कहा- मजदूर समाज की रीढ़ हैं और उनके बिना किसी भी राष्ट्र का विकास संभव नहीं है। पेमाराम ने 1886 में शिकागो में हुए हेमार्केट नरसंहार को याद करते हुए बताया कि कैसे मजदूरों ने अपने अधिकारों के लिए बलिदान दिया। इस घटना ने विश्व स्तर पर मजदूर आंदोलन को नई दिशा दी और 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई।
एसएफआई के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष जाखड़ ने केंद्र सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की। जाखड़ ने कहा- सरकार की नीतियां मजदूर विरोधी हैं और कॉरपोरेट हितों को बढ़ावा दे रही हैं। श्रम कानूनों में बदलाव और मजदूरों के अधिकारों पर कथित हमले के खिलाफ वक्ताओं ने एकजुटता का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मजदूरों को अपने हक के लिए संगठित होकर संघर्ष करना होगा।
कार्यक्रम के दौरान ढाका भवन पर माकपा का झंडा फहराया गया जो मजदूरों और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच उत्साह का प्रतीक बना। इस अवसर पर माकपा ने एकजुटता के गीत गाए और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संकल्प लिया। माकपा ने इस आयोजन के माध्यम से मजदूरों के योगदान ही नहीं बल्कि उनके हितों के लिए निरंतर संघर्ष की प्रतिबद्धता भी दोहराई। यह कार्यक्रम मजदूर वर्ग के लिए एकता और प्रेरणा का संदेश लेकर समाप्त हुआ।