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मनुमुक्त ‘मानव’ ट्रस्ट द्वारा रामनिवास मानव की माता-पिता की पुण्य स्मृति में स्मृति-समारोह आयोजित


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राज्यहरियाणा

मनुमुक्त ‘मानव’ ट्रस्ट द्वारा रामनिवास मानव की माता-पिता की पुण्य स्मृति में स्मृति-समारोह आयोजित

त्रिलोचन ढकाल को मिला 21,000/- का मातादीन-मूर्तिदेवी जीवन-साधना पुरस्कार

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : डॉ अनिल शर्मा

नारनौल : देश के स्वाधीनता-संग्राम में नामचीन नेताओं के साथ पंडित मातादीन जैसे उन लाखों कार्यकर्ताओं का भी महत्त्वपूर्ण योगदान था, जिन्होंने स्वाधीनता की मीनार का कंगूरा बनने की बजाय, नींव का पत्थर बनना स्वीकार किया। यह कहना है नेपाल के पूर्व कृषि मंत्री और वरिष्ठ साहित्यकार त्रिलोचन ढकाल का। मनुमुक्त ‘मानव’ मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा स्थानीय सैक्टर-1, पार्ट-2 स्थित अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र मनुमुक्त भवन में, प्रजामंडल-आंदोलन के योद्धा और प्रमुख समाजसेवी पंडित मातादीन तथा उनकी धर्मपत्नी मूर्तिदेवी की स्मृति में आयोजित 27वें वार्षिक समारोह में, बतौर मुख्य अतिथि अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि पंडित मातादीन तथा उनके साथियों ने, अंग्रेजों के साथ-साथ उनके पिट्ठू राजाओं के खिलाफ भी, प्रजामंडल-आंदोलन के माध्यम से दोहरी लड़ाई लड़ी, जिसे हमेशा याद रखा जायेगा। अटलबिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल (मध्यप्रदेश) के कुलपति डॉ. खेमसिंह डहेरिया, सिंघानिया विश्वविद्यालय, पचेरी बड़ी (राजस्थान) के कुलपति तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी डॉ. मनोजकुमार गर्ग तथा नगर परिषद्, नारनौल की चेयरपर्सन कमलेश सैनी ने भी, स्वतंत्रता-संग्राम और समाजसेवा के क्षेत्र में पंडित मातादीन के योगदान की चर्चा करते हुए, उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। पंडित के सुपुत्र और चीफ ट्रस्टी डॉ. रामनिवास ‘मानव’ ने माता-पिता पर केंद्रित दोहे प्रस्तुत किये। उनका एक दोहा देखिये-जीवन में जब भी मिले, खुशियांँ या अवसाद। अम्मा-बाबूजी सदा, रह-रह आये याद।। उद्योग विकास अधिकारी डॉ. सुनील भारद्वाज द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना-गीत के उपरांत डॉ. पंकज गौड़ के कुशल संचालन में सम्पन्न हुए इस समारोह के प्रारंभ में संयुक्त भारतीय धर्म-संसद के प्रांतीय अध्यक्ष राकेश मेहता ने पंडित मातादीन के जीवन और कार्यों पर प्रकाश डाला, वहीं वरिष्ठ कवयित्री डॉ. कृष्णा मणिश्री, मैसूर (कर्नाटक) और प्रो. मुकुट अग्रवाल (रेवाड़ी) ने, कविताओं के माध्यम से, पंडित की उपलब्धियों को रेखांकित किया।

ये हुए पुरस्कृत-सम्मानित : ट्रस्टी डॉ. कांता भारती द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार समारोह में नेपाल के पूर्व कृषि मंत्री त्रिलोचन ढकाल (आँधी खोला) को अंगवस्त्र, स्मृति-चिह्न, सम्मान-पत्र और 21,000/- की राशि भेंट कर मातादीन-मूर्तिदेवी जीवन-साधना पुरस्कार से तथा महाकाली साहित्य-संगम, महेंद्रनगर (नेपाल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरीशप्रसाद जोशी और साहित्य-मंडल, श्रीनाथद्वारा (राजस्थान) के प्रधानमंत्री श्यामप्रकाश देवपुरा को 5000-5000/- के मातादीन-मूर्तिदेवी स्मृति-पुरस्कार से नवाजा गया, वहीं जादूगर-सम्राट् शंकर मोदी (नई दिल्ली) और गोविंद भारद्वाज (नारनौल) को मातादीन-मूर्तिदेवी शिखर-सम्मान से तथा समाजसेवी रामप्रसाद पराजुली (लुंबिनी, नेपाल), शिक्षाविद् डॉ. खगेंद्रनाथ बियोगी (झोटा बजांग, नेपाल), कवयित्री डॉ. कृष्णा मणिश्री (मैसूर), साहित्यसेवी डॉ. माताप्रसाद शुक्ल (ग्वालियर), मातृसेवी राममेहर ‘कमेरा’ (जींद), कवि संजय पाठक (अलवर), अधिवक्ता मनीष वशिष्ठ, समाजसेवी मनीष गोगिया, विधिवेत्ता राकेश मेहता, संस्कृतविद् दलजीत शास्त्री, पर्यावरणविद् कृष्णकुमार शर्मा और प्रगतिशील किसान ख्यालीराम चंदेला (सभी नारनौल) को, विभिन्न क्षेत्रों में उनके विशिष्ट योगदान के दृष्टिगत, मातादीन-मूर्तिदेवी स्मृति-सम्मान प्रदान किया गया। लगभग आधा दर्जन अन्य लोगों को भी अंगवस्त्र और स्मृति-चिह्न भेंटकर सम्मानित किया गया।

इनकी रही उल्लेखनीय उपस्थिति : अढ़ाई घंटों तक चले इस महत्त्वपूर्ण समारोह में हरमहेंद्रसिंह यादव (टोरंटो, कनाडा), सिंघानिया विश्वविद्यालय, पचेरी बड़ी (राजस्थान) के उपकुलपति सुनील सोबती, कैम्पस डायरेक्टर डॉ. पीएस जस्सल, लोक-संपर्क अधिकारी डॉ. मोनिका सैनी और प्रोफेसर डाॅ. शर्मिला यादव, केपीएस काॅलेज, रतनगढ़ (राजस्थान) के प्रिंसिपल डॉ. यशवीर दहिया, पूर्व जिला बाल-कल्याण अधिकारी, नारनौल विपिन शर्मा, सैनी सभा के अध्यक्ष बिशनकुमार सैनी, बाबा खेतानाथ महिला महाविद्यालय, भिटेड़ा के पूर्व प्राचार्य डॉ. सुमेरसिंह यादव, अनीता कुमारी और नरपत सिंह (जयपुर), डॉ. अशोककुमार ‘मंगलेश’ (दादरी), डॉ. धर्मवीर यादव (रेवाड़ी), डॉ. सीएस वर्मा (मंडी अटेली, भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष सरला यादव, नारनौल के डॉ. जितेंद्र भारद्वाज, सुरेशचंद शर्मा, अशोक सैनी, गौतम सैनी, डॉ. वंदना कुमारी, चौहान डॉ. शर्मिला यादव आदि गणमान्य नागरिकों की उपस्थित उल्लेखनीय रही।

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