झुंझुनूं डिपो में रोडवेज भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा, 13 कर्मचारियों को बिना ड्यूटी वेतन देने का मामला सामने आया
झुंझुनूं डिपो में रोडवेज भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा, 13 कर्मचारियों को बिना ड्यूटी वेतन देने का मामला सामने आया

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका
झुंझुनूं : रोडवेज डिपो में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है, जिसमें बिना ड्यूटी किए 13 कर्मचारियों को वेतन दिए जाने का मामला उजागर हुआ है। इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब रोडवेज एमडी पुरुषोत्तम शर्मा के निर्देश पर एक पांच सदस्यीय जांच टीम ने डिपो का दौरा किया। टीम को मिले तथ्यों के अनुसार 11 चालक-परिचालक और दो लिपिक लंबे समय से ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे, इसके बावजूद उन्हें नियमित वेतन मिल रहा था। यह मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि रोडवेज में व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर भी इशारा करता है।
यह जांच एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को जून 2024 में मिली शिकायत के आधार पर शुरू की गई थी। ACB ने इस मामले की जानकारी रोडवेज प्रशासन को दी, जिसके बाद एमडी पुरुषोत्तम शर्मा ने जांच के आदेश दिए। मुख्यालय से आई टीम ने हाल ही में झुंझुनूं डिपो का दौरा कर तथ्यों की पड़ताल की और पाया कि अधिकतर शिकायतें सही हैं। यह मामला इसलिए और भी गंभीर हो जाता है क्योंकि जिन कर्मचारियों को ड्यूटी पर दिखाया गया, वे हकीकत में कहीं और कार्यरत हैं या वर्षों से अनुपस्थित हैं।
सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक कर्मचारी को लगभग 15-15 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन के रूप में मिल रहे थे, जो कुल मिलाकर विभाग को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचा चुका है। शिकायत में चीफ मैनेजर की बोलेरो के चालक नरेंद्र झाझड़िया, यातायात निरीक्षक महेश वर्मा और तीन बस सारथियों के नाम भी शामिल हैं। यह संदेह भी उठ रहा है कि क्या यह सब कुछ मुख्य प्रबंधक गणेश शर्मा की जानकारी के बिना हो सकता है या फिर कहीं न कहीं प्रशासनिक मिलीभगत भी रही है।
इस पूरे मामले पर पूछे जाने पर रोडवेज डिपो के मैनेजर गणेश शर्मा ने कहा कि कुछ लोग शिकायत कर रहे हैं और विभागीय स्तर पर इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
अब सभी की नजरें रोडवेज एमडी पुरुषोत्तम शर्मा पर टिकी हैं कि क्या वे इस गंभीर भ्रष्टाचार के मामले में कड़ी कार्रवाई करके सिस्टम में विश्वास बहाल करेंगे या मामला भी पहले की तरह फाइलों में दब जाएगा।
इस घटना ने राजस्थान रोडवेज की छवि को धक्का पहुंचाया है और यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि ऐसे मामलों में जिम्मेदार अधिकारियों पर कब सख्त कदम उठाए जाएंगे। यदि दोषियों को सजा नहीं मिली, तो यह भ्रष्टाचार को और बढ़ावा देगा और ईमानदारी से काम करने वाले कर्मचारियों के मनोबल को गिराएगा।
अब देखना होगा कि जांच के बाद रोडवेज प्रशासन इस मामले में कौन से ठोस कदम उठाता है और क्या इस घोटाले में शामिल लोगों को सजा मिलती है या नहीं।