SC-ST कोर्ट ने 11 को सुनाई 10 साल की सजा:11 लोग को किया बरी, किशनपुरा में हुआ था खूनी संघर्ष
SC-ST कोर्ट ने 11 को सुनाई 10 साल की सजा:11 लोग को किया बरी, किशनपुरा में हुआ था खूनी संघर्ष

झुंझुनूं : जिले के खेतड़ी थाना क्षेत्र के किशनपुरा गांव में हुए खूनी संघर्ष के मामले में एससी-एसटी विशेष न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अवैध खनन की शिकायत करने वाले व्यक्ति के घर में घुसकर मारपीट और तोड़फोड़ करने के आरोप में 11 लोगों को दोषी मानते हुए 10 साल की सजा सुनाई है। वहीं, दूसरे पक्ष के 11 लोगों को बरी कर दिया गया है।
पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता मनोहरलाल ने बताया कि यह फैसला पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की दिशा में एक अहम कदम है। कोर्ट ने गवाहों के बयान, मेडिकल रिपोर्ट और घटनास्थल के साक्ष्य को आधार बनाकर यह निर्णय किया गया है।
11 दोषी करार
झुंझुनूं स्थित विशेष एससी-एसटी न्यायालय ने इस मामले में गवाहों के बयान और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने 11 लोगों को दोषी मानते हुए प्रत्येक को 10 साल की सजा सुनाई है। दोषियों में महेश, महेन्द्र सिंह, भूपेन्द्र सिंह, सचिन, रामचन्द्र, रामपाल, सावल सिंह, रामवतार, राजेन्द्र, राजपाल और गुलाब सिंह शामिल हैं। इनमें से रामचन्द्र को आर्म्स एक्ट के तहत भी सजा सुनाई गई है।
11 लोग बरी
11 लोगों को कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ क्रॉस एफआईआर दर्ज कराई थी। कुल मिलाकर 23 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।
एक आरोपी अभी भी फरार
इस मामले में एक अन्य आरोपी राहुल पिछले 6 वर्षों से फरार है, जिसे अभी तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। कोर्ट ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है।
अवैध खनन बना झगड़े की जड़
यह मामला किशनपुरा गांव का है, जहां अवैध खनन की शिकायत को लेकर दो पक्षों के बीच पुरानी रंजिश चली आ रही थी। 28 मई 2019 की रात करीब साढ़े नौ बजे यह विवाद खूनी संघर्ष में बदल गया। दोनों पक्षों के बीच मारपीट इतनी गंभीर थी कि महिलाओं समेत एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। सभी घायलों को पहले खेतड़ी के राजकीय अजीत अस्पताल लाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें झुंझुनूं रेफर कर दिया गया।