साहित्यिक समारोह में कवियों का जमावड़ा:चिड़ावा में राजेश ‘कमाल’ पर केंद्रित अनुकृति पत्रिका का विमोचन, काव्य गोष्ठी में कवियों ने बिखेरे रंग
साहित्यिक समारोह में कवियों का जमावड़ा:चिड़ावा में राजेश 'कमाल' पर केंद्रित अनुकृति पत्रिका का विमोचन, काव्य गोष्ठी में कवियों ने बिखेरे रंग

चिड़ावा : चिड़ावा के झाझड़िया फार्म हाउस में साहित्यकार राजेश ‘कमाल’ पर केंद्रित ‘अनुकृति’ साहित्यिक पत्रिका के विशेषांक का भव्य विमोचन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार श्याम जांगिड़ ने की, जबकि अनुकृति की संपादक और राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान की अध्यक्ष डॉ. जय श्री शर्मा मुख्य अतिथि रहीं।
इस विमोचन समारोह में पूर्व मंत्री एवं लेखक बाबू लाल खांडा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. एल.के. शर्मा और संतोष अरड़ावतिया ने किया। मंच पर उपस्थित सभी प्रतिष्ठित साहित्यकारों ने विशेषांक का संयुक्त रूप से विमोचन किया।
राजेश ‘कमाल’ का सम्मान
भारत स्वाभिमान न्यास एवं पतंजलि योग समिति, झुंझुनूं की ओर से राजेश ‘कमाल’ को अभिनंदन-पत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस पूरे कार्यक्रम के संयोजक पर्यावरण प्रेमी एवं शारीरिक शिक्षक जय सिंह झाझड़िया थे।
काव्य गोष्ठी: हास्य, व्यंग्य और संवेदनाओं की शानदार प्रस्तुति
विमोचन समारोह के बाद काव्य गोष्ठी आयोजित हुई, जिसमें कवियों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया—
- नगेंद्र शर्मा ‘निकुंज’ ने अपनी राजस्थानी कविता ‘फूफा’ से श्रोताओं को खूब हंसाया।
- सीमा लोहिया की मार्मिक कविताओं ने सभी का दिल छू लिया।
- मदन सिंह बारहठ ने ‘कलम तू चुप क्यों है’ कविता से खूब वाहवाही लूटी।
- संतोष अरड़ावतिया ‘अंगद’ और डॉ. एल.के. शर्मा ने अपनी हास्य कविताओं और पैरोडी से समां बांध दिया।
- पुरुषोत्तम जोशी ने राजनीति पर व्यंग्य किया, जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा।
- डॉ. जय श्री शर्मा ने ईश्वर की प्रार्थना में आंसुओं के महत्व पर आधारित कविता सुनाई।
- बिहारी लाल जांगिड़ ने राजस्थानी गीत से और राजेश ‘कमाल’ ने ‘रेलगाड़ी’ पर संवेदनशील कविता सुनाकर श्रोताओं का मन मोह लिया।
अध्यक्षीय संबोधन और आभार प्रदर्शन
पूर्व मंत्री बाबू लाल खांडा ने अपने राजनीतिक अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष श्याम जांगिड़ ने अपने उद्बोधन में समाज में साहित्य की महत्ता पर जोर दिया। अंत में संयोजक जय सिंह झाझड़िया ने सभी अतिथियों और उपस्थित साहित्य प्रेमियों का आभार प्रकट किया।
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस साहित्यिक आयोजन में हजारी लाल बुडानियां, प्रताप सिंह बुडानियां, गुलझारी लाल जांगिड़, राजपाल चाहर, आकाश कटेवा, राजेश सिंह, संतोष, रोहिताश झाझड़िया, विद्याधर झाझड़िया, ईश्वर कुमावत, विनोद लोहिया, जमन सिंह सैनी, बीरबल सिंह, विजेंद्र शास्त्री, मदन लाल सैनी, राय सिंह तोगड़ा, मातादीन, ओम जांगिड़ सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने सहभागिता की। यह आयोजन चिड़ावा की साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत को संजोने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।