सिनेमा-ओटीटी ने छीनी कठपुतलियों-बहरूपियों की कला:सीकर में ‘शेखावाटी उत्सव-2025’ में आए लोक कलाकार बोले- रोजी रोटी का संकट, सरकार ध्यान दे
सिनेमा-ओटीटी ने छीनी कठपुतलियों-बहरूपियों की कला:सीकर में 'शेखावाटी उत्सव-2025' में आए लोक कलाकार बोले- रोजी रोटी का संकट, सरकार ध्यान दे

सीकर : सीकर में जयपुर रोड स्थित चल रहे ‘शेखावाटी उत्सव-2025’ का आज दूसरा दिन है। रविवार सुबह स्मृति वन में योग कराया गया। अरबन हाट में फोटो प्रदर्शनी लगाई गई। इसके बाद ओपन थियेटर में मेहंदी, रंगोली, चित्रकला की प्रतियोगिता हुई। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के बीच में रस्साकशी की प्रतियोगिता भी हुई।

शाम को आईटीआई ग्राउंड में वॉलीबॉल के मैच होंगे। 6 बजे सांस्कृतिक संध्या में प्लेबैक सिंगर रविंद्र उपाध्याय आईटीआई ग्राउंड में परफॉर्मेंस देंगे। रात 10 बजे भव्य आतिशबाजी के साथ आईटीआई ग्राउंड में कार्यक्रम का समापन होगा।

लुप्त होते भांड बहरूपिए
शेखावाटी उत्सव में चित्तौड़गढ़ से अपनी कला दिखाने आए भांड जाति के बहरूपिया कलाकार विक्रम भांड बहरूपिया ने बताया कि बदलते जमाने के साथ-साथ उनकी बहरूपिया की कला लुप्त होती जा रही है। बहरूपिए अपनी कला और वेशभूषा से लोगों का मनोरंजन करते थे, लेकिन आज मोबाइल फोन ने उनकी जगह ले ली और लोग इन्हें भूल गए हैं। बहरूपियों की कला लुप्त होती जा रही है, जिसके कारण उनके सामने रोजी-रोटी का संकट भी पैदा हो गया है।
4 पीढ़ियों से कठपुतलियां नचा रहे
कठपुतलियों का खेल दिखा रहे कलाकार विकास भाट ने बताया कि उनकी चार पीढ़ियां से लोक संस्कृति कार्यक्रमों में कठपुतली नृत्य दिखाने का काम किया जा रहा। अभी सिनेमा-ओटीटी प्लेटफॉर्म का जमाना है और वेब सीरीज ने कठपुतलियों की आहट छीन ली है। लेकिन उनके गांव के युवाओं ने अपनी विलुप्त हो रही इस प्राचीन कला को सुरक्षित करने का बीड़ा उठाया है। कार्यक्रमों में जाकर कठपुतलियां नचाते हैं।