एसएफआई और डीवाईएफआई ने निकाला कैंडल मार्च:शहादत दिवस की पूर्व संध्या पर निकाला मार्च
एसएफआई और डीवाईएफआई ने निकाला कैंडल मार्च:शहादत दिवस की पूर्व संध्या पर निकाला मार्च

झुंझुनूं : शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहादत दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार रात शहर में एसएफआई (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) और डीवाईएफआई (डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया) के संयुक्त तत्वावधान में कैंडल मार्च निकाला गया।
इस मार्च के माध्यम से युवाओं ने देश के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
यह कैंडल मार्च शिक्षक भवन से प्रारंभ हुआ, जिसका नेतृत्व एसएफआई के जिलाध्यक्ष आशीष पचार और डीवाईएफआई के जिलाध्यक्ष पंकज गुर्जर ने किया। मार्च में सैकड़ों युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। यह मार्च शहर के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए भगत सिंह सर्किल पर पहुंचा, जहां शहीदों की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
भगत सिंह को आदर्श मानने का आह्वान
इस अवसर पर डीवाईएफआई के प्रदेशाध्यक्ष सौरभ जानू ने कहा कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु जैसे क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। आज के युवाओं को उनका अनुसरण करना चाहिए और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगत सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि तभी मिलेगी जब देश के नौजवानों का आदर्श भगत सिंह होंगे, न कि कोई ऐसा व्यक्ति जो नशे और गलत आदतों में लिप्त हो।
डीवाईएफआई के पूर्व नेता महिपाल सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में युवा वर्ग नशे की ओर बढ़ रहा है, जो समाज के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि शहीदों ने जिस समतामूलक और स्वतंत्र भारत का सपना देखा था, उसे साकार करने के लिए युवाओं को नशे और अन्य सामाजिक बुराइयों से दूर रहकर अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा।
कार्यक्रम में सैकड़ों युवाओं की भागीदारी
कैंडल मार्च और श्रद्धांजलि सभा में डीवाईएफआई के जिला महासचिव योगेश कटारिया, अनीश धायल, हेमलता शर्मा, सचिन चोपड़ा, साहिल कुरैशी, अमित शेखावत, तौफीक खोखर, कृष्ण सैनी, सिकंदर पहाड़ियान, सोहेल बहलीवान, बाबूलाल सैनी और कुलदीप सैनी सहित कई पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे।