[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

इस जगह होती है चट्टान की पूजा, 4 km के दायरे में शराब पीना और बेचना जुर्म, चढ़ाई जाती है चांदी की आंख


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
टॉप न्यूज़राजस्थानराज्यसीकर

इस जगह होती है चट्टान की पूजा, 4 km के दायरे में शराब पीना और बेचना जुर्म, चढ़ाई जाती है चांदी की आंख

अविनाशी धाम, सीकर में स्थित एक अद्भुत स्थान है जहां 100 फीट ऊंची शिवलिंग आकार की पहाड़ी की पूजा होती है. यहां हर साल ध्वजाबंद महाराज का मेला लगता है और मन्नत पूरी होने पर चांदी की आंख चढ़ाई जाती है.

सीकर : अविनाशी धाम में चैत्र तीज के अवसर पर भव्य मेले का आयोजन हुआ। इस दौरान एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने ध्वजाबंध महाराज के दर्शन किए। सांवलपुरा तंवरान के अविनाशी गांव में स्थित यह धाम अपनी विशेष परंपरा के लिए जाना जाता है। यहां लगभग 100 फीट ऊंची और दो किलोमीटर में फैली पहाड़ी की पूजा की जाती है। मेले में सैकड़ों की संख्या में झांकियां और डीजे के साथ श्रद्धालु पहुंचे। कार्यक्रम में चंग धमाल और नहेड़ा का रंगारंग प्रस्तुति हुई।

मेले की सुरक्षा व्यवस्था के लिए ड्रोन कैमरों से निगरानी की गई। अजीतगढ़ थाना प्रभारी मुकेश सेपट पुलिस जाब्ते के साथ मौजूद रहे। उपतहसीलदार झुंडाराम कुड़ी भी मेले में पहुंचे। अविनाशी धाम पर्यावरण संरक्षण का भी प्रतीक है। तीन किलोमीटर क्षेत्र में 7000 से अधिक पेड़ हैं। यहां अवैध खनन पर पूर्ण प्रतिबंध है। चार किलोमीटर के दायरे में शराबबंदी का कड़ाई से पालन किया जाता है।

600 साल पुरानी मान्यता के अनुसार यह पहाड़ी स्वयं धरती से प्रकट हुई थी। तब से यह स्थल संतों की तपोभूमि रहा है। अविनाशी धाम आस्था के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक अनुशासन का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है।

मन्नत पूरी होने पर भेट करते है चांदी की आंख 
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, अविनाशी धाम स्थित यह मंदिर लगभग 700 साल पुराना है. कहा जाता है कि यह शिवलिंग के आकार की पहाड़ी स्वाभाविक रूप से प्रकट हुई थी, जिसके बाद कई महान संतों ने यहां आकर तपस्या की. इस पहाड़ी पर स्थित ध्वजाबंद महाराज का मंदिर अनोखा है, क्योंकि यहां किसी मूर्ति की बजाय एक चट्टान की पूजा की जाती है. मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से प्रार्थना करते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. श्रद्धालु अपनी इच्छाओं की पूर्ति होने पर यहां चांदी की आंख चढ़ाते हैं, इसी कारण मंदिर में स्थित चट्टान पर कई चांदी की आंखें लगी हुई दिखाई देती हैं.

Related Articles