पिलानी के बेरी गांव में किसानों का प्रदर्शन, बीमा कंपनियों पर नाराजगी जताई
पिलानी के बेरी गांव में किसानों का प्रदर्शन, बीमा कंपनियों पर नाराजगी जताई

पिलानी : झुंझुनूं के पिलानी क्षेत्र के बेरी गांव में किसानों ने भारी ओलावृष्टि से अपनी फसल की बर्बादी के खिलाफ प्रदर्शन किया और बीमा कंपनियों से मुआवजे की मांग की। किसानों का कहना है कि इस बार हुई ओलावृष्टि ने उनकी पकी हुई फसल को पूरी तरह से नुकसान पहुंचाया है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है और उनका जीवन संकट में पड़ गया है। किसानों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में हुई तेज ओलावृष्टि ने उनकी तैयार फसलों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। गेहूं, सरसों और अन्य फसलों पर भारी असर पड़ा है, और उन्हें इससे बहुत नुकसान हुआ है। किसान इस नुकसान से निराश और परेशान हैं, क्योंकि इस वर्ष उनकी फसल का बहुत बड़ा हिस्सा बर्बाद हो गया है। उनका कहना है कि यदि उन्हें समय पर मुआवजा नहीं मिलता, तो उनके पास आत्मनिर्भरता और भरण-पोषण के लिए कोई रास्ता नहीं बचेगा। किसानों ने बीमा कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि प्रत्येक वर्ष वे बीमा प्रीमियम को समय पर काटती हैं, लेकिन जब आपत्ति के समय किसानों को कोई सहायता नहीं मिलती। किसानों ने बताया कि बीमा कंपनियों से उन्हें हमेशा उम्मीद होती है कि बर्बाद फसल के बदले उन्हें उचित मुआवजा मिलेगा, लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी है। किसानों ने कहा कि बीमा कंपनियों का यह रवैया उनके लिए अत्यंत निराशाजनक और अन्यायपूर्ण है।
बेरी गांव के किसानों ने बीमा कंपनियों से कड़े शब्दों में अपनी मांग रखी है। उनका कहना है कि अगर इस बार उन्हें पूरी मुआवजा राशि नहीं मिलती, तो वे आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। किसानों ने चेतावनी दी है कि वे और अधिक उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे, ताकि उनके अधिकारों का सम्मान हो और उन्हें राहत मिल सके। किसानों का कहना है कि यदि उनकी मांगों का उचित समाधान नहीं होता, तो वे आने वाले समय में और अधिक उग्र आंदोलन की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। इस समय उनका मुख्य उद्देश्य है कि उनकी कड़ी मेहनत की फसल का नुकसान उन्हें उचित मुआवजा मिले, ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण ठीक से कर सकें और कृषि क्षेत्र में हो रहे नुकसान से उबर सकें। अब देखना यह है कि क्या बीमा कंपनियां और प्रशासन किसानों की मांगों पर गंभीरता से विचार करते हैं और उचित कदम उठाते हैं, या यह संघर्ष और बढ़ेगा।
इस प्रदर्शन में पूर्व सरपंच जगदीश सिंह शेखावत, धर्मपाल सिंह, मोहन सिंह, जयकुमार सिंह, भरत सिंह, भीम सिंह, महिपाल सिंह, शेर सिंह, नरेंद्र सिंह, देवी सिंह, रामावतार सिंह युधिष्ठिर सिंह सहित अन्य किसान शामिल थे।