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‘बेटे की याद आती है, लेकिन रो नहीं सकती’:धार्मिक कार्यक्रम में झुलसी थी महिला डॉक्टर; पति बोला-80 दिन से इलाज जारी, FIR दर्ज


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‘बेटे की याद आती है, लेकिन रो नहीं सकती’:धार्मिक कार्यक्रम में झुलसी थी महिला डॉक्टर; पति बोला-80 दिन से इलाज जारी, FIR दर्ज

'बेटे की याद आती है, लेकिन रो नहीं सकती':धार्मिक कार्यक्रम में झुलसी थी महिला डॉक्टर; पति बोला-80 दिन से इलाज जारी, FIR दर्ज

पाली : यह दर्द है मुंबई में एड एजेंसी चलाने वाले चेतन जैन का। उनकी पत्नी डॉक्टर प्रियंका का मुंबई के हॉस्पिटल में 80 दिन से इलाज चल रहा है। वह पाली के नाडोल में एक धार्मिक कार्यक्रम में झुलस गई थी। चेतन जैन ने 24 फरवरी को रानी थाने में धार्मिक कार्यक्रम के 7 आयोजकों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। रविवार को दैनिक भास्कर संवाददाता से बात करते हुए उनका दर्द छलक पड़ा।

हादसे से पहले और हादसे के बाद की तस्वीर…

डॉ. प्रियंका जैन मुंबई में होम्योपैथी डॉक्टर और डाइटीशियन हैं। 80 दिन से इलाज चल रहा है। (फाइल फोटो)
डॉ. प्रियंका जैन मुंबई में होम्योपैथी डॉक्टर और डाइटीशियन हैं। 80 दिन से इलाज चल रहा है। (फाइल फोटो)

आयोजकों ने निमंत्रण दिया, मुंबई से नाडोल लाने की व्यवस्था की

रानी थाने के SHO पन्नालाल ने बताया- महिला के पति चेतन जैन (37) पुत्र सुरेंद्र जैन निवासी बड़ावास (नाडोल, पाली) ने रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में बताया कि मैं परिवार के साथ मुंबई के बोरेवली इलाके में लक्ष्मी अपार्टमेंट में रहता हूं। मेरी पत्नी डॉ. प्रियंका जैन मुंबई में होम्योपैथिक डॉक्टर और डायटिशियन है। पिछले साल 5 से 9 दिसंबर तक पाली के नाडोल स्थित मंदिर में 26 वां गुरुमेला और वार्षिक ध्वजा कार्यक्रम था।

9 साल के बेटे को हॉस्पिटल में झुलसी डॉ. प्रियंका याद करती है। हादसे में वह 55 फीसदी तक झुलस गई थी। 2 बार सर्जरी कर स्किन ट्रांसप्लांट किया गया है। डॉक्टर कहते हैं कि रो नहीं सकते। त्वचा को नुकसान होगा।

आयोजकों ने कार्यक्रम के लिए मुंबई से नाडोल आने-जाने की व्यवस्था की थी। कार्यक्रम में हिस्सा लेने मेरी पत्नी डॉ. प्रियंका (37), बेटा युवांश (9), पिता सुरेंद्र जैन, दादी पुष्पा, बहन मनीषा, चाची चंदा आदि 5 दिसंबर को नाडोल पहुंचे थे। 7 दिसंबर को नाडोल मंदिर में वार्षिक ध्वजा महोत्सव कार्यक्रम था।

पति चेतन और बेटे युवांश के साथ डॉ. प्रियंका जैन।
पति चेतन और बेटे युवांश के साथ डॉ. प्रियंका जैन।

7 दिसंबर की सुबह 10 बजे मेरी पत्नी प्रियंका, बेटा युवांश, बहन मनीषा शिखर पर पहुंचे थे। अचानक मंदिर में रंगीन आतिशबाजी की गई। इस दौरान पत्नी के कपड़ों में आग लग गई। वह दौड़ते और चिल्लाते हुए सीढ़ियों से उतरी।परिजन ने जलते कपड़े फाड़े और उसे दूसरा कपड़ा ओढ़ाकर नाडोल हॉस्पिटल ले गए।

वहां से प्राथमिक उपचार के बाद पाली रेफर कर दिया गया। एंबुलेंस से हम उसे पाली के बांगड़ हॉस्पिटल ले गए। वहां बर्न वार्ड न होने के कारण उसे जोधपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। जहां 7 से 9 दिसंबर तक जोधपुर में इलाज चला। फिर हम प्रियंका को मुंबई के मसीना हॉस्पिटल ले गए। तब से वह वहां भर्ती है। दो बार सर्जरी कर स्किन ट्रांसप्लांट किया गया है।

हादसे में डॉ. प्रियंका जैन बुरी तरह झुलस गई थीं। उनकी 2 बार सर्जरी की जा चुकी है। डॉक्टर रोने से मना करते हैं।
हादसे में डॉ. प्रियंका जैन बुरी तरह झुलस गई थीं। उनकी 2 बार सर्जरी की जा चुकी है। डॉक्टर रोने से मना करते हैं।

FIR में कहा- पदाधिकारी जिम्मेदार

चेतन जैन ने आयोजन कर्ता 7 पदाधिकारियों को घटना का जिम्मेदार बताया। चेतन ने अध्यक्ष राजेंद्र, उपाध्यक्ष मानेक, पारसमल, कोषाध्यक्ष प्रदीप, मांगीलाल सचिव दिनेश और अशोक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

रिपोर्ट में कहा है कि पत्नी को इनके कारण शारीरिक कष्ट झेलना पड़ रहा है। हमें मानसिक और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसे में आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

मुंबई के हॉस्पिटल में प्रियंका की हालत देख परिजन रो उठते हैं।
मुंबई के हॉस्पिटल में प्रियंका की हालत देख परिजन रो उठते हैं।

मुंबई में सर्जरी हुई, स्किन ट्रांसप्लांट किया गया

डॉ. प्रियंका जैन के पति चेतन ने बताया- मुंबई में पत्नी की 2 सर्जरी की गई हैं। इसके लिए चमड़ी डोनेट गई थी। घटना के बाद से वह अस्पताल में इलाजरत है। उसे 42 दिन ICU में रखा गया। स्किन ट्रांसप्लांट किया गया। डॉक्टर ने करीब 45 लाख रुपए का खर्च बताया। इलाज में अब तक 34 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं।

चेतन का आरोप है कि उसकी पत्नी की हालत के लिए धार्मिक आयोजन करने वाले पदाधिकारी जिम्मेदार हैं।
चेतन का आरोप है कि उसकी पत्नी की हालत के लिए धार्मिक आयोजन करने वाले पदाधिकारी जिम्मेदार हैं।

बेटे की याद आती है, डॉक्टरों ने रोने से मना किया

चेतन ने बताया- मेरा बेटा युवांश 9 साल का है। हॉस्पिटल में भर्ती प्रियंका उसे याद करती है। बेटे की याद में भावुक हो जाती है। लेकिन डॉक्टरों ने रोने से मना किया है। कहा है कि इससे ट्रांसप्लांट की गई स्किन को नुकसान होगा। युवांश भी पूछता है कि मां हॉस्पिटल से कब लौटेगी। वह मां से मिलने की जिद करता है।

प्रियंका की हालत देखते हुए बेटे को मां से नहीं मिलाया जा रहा है। उसकी दो बार सर्जरी हुई है। हादसे के बाद से पूरा परिवार परेशान है। मैं मुंबई में एड एजेंसी चला रहा हूं। इस काम के साथ साथ बेटे को स्कूल के लिए तैयार करना, उसे संभालना और खाना बनाने का काम करना पड़ रहा है।

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