झुंझुनूं में 15 साल से जंजीरों में कैद दिव्यांग:बहन और भांजा कर रहे देखभाल, बोले- इलाज में सबकुछ खर्च हुआ, प्रशासन करें मदद
झुंझुनूं में 15 साल से जंजीरों में कैद दिव्यांग:बहन और भांजा कर रहे देखभाल, बोले- इलाज में सबकुछ खर्च हुआ, प्रशासन करें मदद

मंडावा : झुंझुनूं के मंडावा कस्बे में एक युवक की जिंदगी पिछले 15 वर्षों से जंजीरों में कैद होकर गुजर रही है। मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण मंडावा के मुस्तफा को घर के पास खेत में एक पेड़ से बांधकर रखा गया है। उसकी बहन शाबिरा और भांजा सोयल उसकी देखभाल कर रहे हैं। लेकिन गरीबी के चलते उचित इलाज नहीं करवा पा रहे। परिजनों ने बताया कि मुस्तफा की शादी भी हुई थी। लेकिन उसके बीमार रहने के कारण पत्नी छोड़कर चली गई। परिवार वालों का कहना है कि जब भी उसे खोला जाता है, वह लोगों के साथ मारपीट करने लगता है, इसलिए मजबूरन उसे जंजीरों में बांधकर रखना पड़ता है।
पूर्व सरपंच सज्जन पूनिया के अनुसार- प्रशासन को इस युवक का सरकारी खर्चे पर इलाज करवाना चाहिए। पहले भी एक सामाजिक संस्था ने भरतपुर में उसका इलाज करवाया था, जिससे वह ठीक भी हो गया था। लेकिन इलाज जारी न रहने से उसकी स्थिति फिर से बिगड़ गई।
पूनिया ने कहा- मुस्तफा को मानसिक रोग की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए प्रशासन और समाज को आगे आकर उसकी मदद करनी होगी। सही इलाज और सहारे से शायद वह फिर से सामान्य जीवन जी सके। मुस्तफा के परिजनों ने बताया कि मुस्तफा के इलाज के लिए सब कुछ लगा चुके है। अब इलाज के लिए पैसे नहीं बचे हैं। उन्होंने प्रशासन से इलाज की गुहार लगाई है।