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चिड़ावा में ब्लॉक स्तरीय शिक्षा अधिकारियों की बैठक, सामाजिक, भावनात्मक एवं नैतिक शिक्षण के प्रभाव और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा


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चिड़ावा में ब्लॉक स्तरीय शिक्षा अधिकारियों की बैठक, सामाजिक, भावनात्मक एवं नैतिक शिक्षण के प्रभाव और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा

चिड़ावा में ब्लॉक स्तरीय शिक्षा अधिकारियों की बैठक, सामाजिक, भावनात्मक एवं नैतिक शिक्षण के प्रभाव और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा

चिड़ावा : पीरामल फाउंडेशन देश के अनेक प्रदेशों में शिक्षा, स्वास्थ, जल, आदि के क्षेत्रों में अपने योगदान देती आई है और अपने नवाचारों और लोगों के परस्पर सहयोग से देश को एक आदर्श इकाई के रूप में आगे बढाने में अपनी भूमिका निभाती रही है। इसी क्रम में पंचायत समिति चिड़ावा में सामाजिक, भावनात्मक एवं नैतिक शिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण उदय-मार्गदर्शन बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें चिड़ावा, पिलानी और सूरजगढ़ ब्लॉकों के शिक्षा अधिकारियों, पीरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधियों एवं गांधी फेलोज ने भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य अब तक की प्रगति की समीक्षा करना, अधिकारियों को सामाजिक, भावनात्मक एवं नैतिक शिक्षण (सी लर्निंग) कार्यक्रम हस्तक्षेप से परिचित कराना और भविष्य की कार्ययोजनाओं को सुदृढ़ करना था। कार्यक्रम प्रबंधक राजेंद्र सिंह ने उपस्थित सभी अधिकारियों, शिक्षाविदों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की पृष्ठभूमि और सी लर्निंग एवं गाँधी फ़ेलोशिप कार्यक्रम की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

प्रोग्राम लीडर मुहम्मद खुलूस खान ने उपलब्धियों पर विस्तार से बताया कि यह कार्यक्रम किस प्रकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को समर्थन देता है और शिक्षा में सामाजिक, भावनात्मक व नैतिक मूल्यों के एकीकरण पर बल देता है। यह कार्यक्रम शिक्षकों और विद्यार्थियों को केवल विषयवस्तु तक सीमित न रखते हुए, उन्हें एक संवेदनशील एवं सहयोगी नागरिक बनने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करता है। यह कार्यक्रम शिक्षा विभाग के सहयोग से झुंझुनूं जिले में लागू किया जा रहा है, जिसमें 110 सरकारी विद्यालय शामिल हैं, जिनमें से 55 विद्यालय तीन ब्लॉकों (चिड़ावा, पिलानी, सूरजगढ़) में स्थित हैं। इस कार्यक्रम के अंतर्गत गांधी फेलोज विद्यालयों में शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ मिलकर शिक्षा सशक्तिकरण की दिशा में कार्य कर रहे हैं। बैठक के दौरान तीनों ब्लॉकों के 55 हस्तक्षेप विद्यालयों में सी लर्निंग कार्यक्रम के तहत हुए कार्यों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं फेलोज द्वारा किए गए नवाचारों और उनके प्रभाव को प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर गांधी फेलोज साजमीन, नंदिता, राहुल, नाहिद और अनामिका ने अपनी 19 माह की यात्रा साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि किस प्रकार उन्होंने विद्यालयों में शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ मिलकर शिक्षा को अधिक संवेदनशील और समावेशी बनाने की दिशा में कार्य किया।

बैठक में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों ने इस प्रयास की सराहना करते हुए शिक्षा नेतृत्व, विद्यालय सशक्तिकरण और संस्थागत प्रक्रियाओं को प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

पूर्व उपनिदेशक कैलाश शर्मा ने कहा कि सी लर्निंग एक ऐसा कार्यक्रम है जो केवल ज्ञान देने तक सीमित नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों को भावनात्मक और नैतिक रूप से मजबूत करने में सहायक है।

चिड़ावा ब्लाक शिक्षा ऑफिस से पधारे मुकेश सैनी ने कहा कि गांधी फेलोज द्वारा विद्यालयों में किया जा रहा कार्य सराहनीय है और उनके प्रयासों से शिक्षा में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। इसके अलावा, बैठक में ‘मनोभाव – करुणा’ पर एक विशेष सोशल मीडिया अभियान की भी शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य करुणा और सकारात्मक संवाद को बढ़ावा देना है।

इस अभियान के माध्यम से विद्यार्थियों, शिक्षकों और समुदाय को स्कूलों में एक सहयोगी एवं संवेदनशील वातावरण विकसित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आगे भी इस प्रकार के संवाद और मार्गदर्शन सत्र आयोजित किए जाएंगे, ताकि शिक्षा नेतृत्व को और अधिक मजबूत किया जा सके। सभी अधिकारियों एवं शिक्षकों ने सी लर्निंग कार्यक्रम को और अधिक विद्यालयों तक पहुँचाने एवं शिक्षा प्रणाली को अधिक संवेदनशील एवं प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रयास करने का संकल्प लिया। इस प्रकार, यह मार्गदर्शन बैठक न केवल शिक्षा की वर्तमान स्थिति पर मंथन का एक महत्वपूर्ण अवसर बनी, बल्कि यह सरकारी विद्यालयों में संवेदनशीलता, नेतृत्व और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हुई।

आज की शिक्षा को सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं किया जा सकता। हमें ऐसे कार्यक्रमों की जरूरत है जो विद्यार्थियों को मानसिक और भावनात्मक रूप से भी तैयार करें। पीरामल फाउंडेशन की यह पहल निश्चित रूप से सराहनीय है। – मनीष चाहर (अति मुख्य ब्लाक शिक्षा अधिकारी, पिलानी

गांधी फेलोज जिस प्रकार स्कूलों में जाकर बच्चों के साथ काम कर रहे हैं, वह अतुलनीय है। फेलोज की प्रतिबद्धता और मेहनत काबिल-ए-तारीफ है। – सुशील शर्मा, मुख्य ब्लाक शिक्षा अधिकारी, चिडावा

सामाजिक, भावनात्मक एवं नैतिक शिक्षण केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि शिक्षा में संवेदनशीलता और करुणा को पुनःस्थापित करने की एक प्रेरक यात्रा है। हम चाहते हैं इसको कोर्स का एक अनिवार्य हिस्सा बनाया जाये। – डॉ. कय्यूम अली, अति मुख्य ब्लाक शिक्षा अधिकारी, चिड़ावा

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