डिग्गी-कल्याण मंदिर दानपात्रों से 2 दिन में निकले 30 लाख:10 कर्मचारी कर रहे काउंटिंग, अब सोमवार को गिने जाएंगे रुपए
डिग्गी-कल्याण मंदिर दानपात्रों से 2 दिन में निकले 30 लाख:10 कर्मचारी कर रहे काउंटिंग, अब सोमवार को गिने जाएंगे रुपए
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टोंक : देश के बड़े मंदिरों में शुमार डिग्गी के श्री कल्याण जी महाराज के मंदिर के दान पात्रों से दो दिन में तीस लाख रुपए निकले हैं। शनिवार और रविवार को अवकाश होने से गिनती बंद रहेगी। अब सोमवार से फिर से नोटों की चढ़ावे के इन रुपयों की गिनती फिर से शुरू की जाएगी। सालाना करीब एक करोड़ का चढ़ावा आ जाता है।
मंदिर का प्रबंधन सरकार की ओर से बना ट्रस्ट करता है। ऐसे में इसके दान पात्रों से रुपयों की गिनती भी प्रशासनिक अधिकारी की देखरेख में होती है। इन रुपयों को गिनने के लिए दस कर्मचारी लगाये गए हैं। अब ये दो दिन बाद फिर गिनती शुरू करेंगे।
डिग्गी के नायब तहसीलदार हंसराज चौधरी ने बताया कि गुरुवार एवं शुक्रवार दो दिन में पटवारी, गिरदावरों दान पात्रों को खोलकर रुपयों की गिनती की है। उसमें 30 लाख रुपए तो गिन लिए हैं। गुरुवार को 17 लाख रुपए के नोट गिने गए थे। शुक्रवार को करीब 13 लाख रुपए के नोट गिने गए। गुरुवार को जहां दो छोटे दान पात्र खोले गए तो शुक्रवार को बड़े दानपात्र का आधा हिस्सा खोला गया है।
नायब तहसीलदार हंसराज चौधरी ने बताया की शुरुआत में बड़े नोटों की गिनती की जाती है। उसके बाद छोटे नोटों को गिना जाता है। सिक्कों की गिनती बाद में की जाती है। दान पात्र में से अन्य चीजों के मिलने पर उन्हें भी गिनती के साथ में ही लिखा जाता है।

दान के रुपए मेले, गोशाला व अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च होते हैं
श्री डिग्गी कल्याण मंदिर के दान पात्र से निकाले हुए नोटों को श्री कल्याण मंदिर ट्रस्ट के खाते में जमा करवाया जाता है एवं मंदिर ट्रस्ट द्वारा मेले में व्यवस्था, गोशाला व्यवस्था सहित अन्य खर्च कर व्यवस्थाएं करता है। श्री कल्याण मंदिर ट्रस्ट की आय का मुख्य साधन दान पात्र एवं मंदिर में लगाए हुआ ट्रस्ट कार्यालय है जहां पर दानदाता नगद राशि देकर रसीद कटवाते हैं। मंदिर ट्रस्ट के द्वारा लाइट का बिल, गोशाला, कर्मचारियों का वेतन सहित अन्य मंदिर के निर्माण से संबंधित कार्य करवाए जाते हैं। मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष एसडीएम मालपुरा की अनुमति से यह पैसा खर्च किया जाता है। मंदिर में बाउंसर लगाना, साफ सफाई कार्य, रेलिंग, नल पाइप, लाइट, सीसीटीवी कैमरे एवं अन्य कई व्यवस्थाएं मंदिर ट्रस्ट के द्वारा की जाती हैं।