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उदयपुरवाटी बस स्टैंड की जमीन पर पालिका की कार्रवाई:50 साल पुरानी दुकानों को हटाया, कई सालों से चल रहा था विवाद


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उदयपुरवाटी बस स्टैंड की जमीन पर पालिका की कार्रवाई:50 साल पुरानी दुकानों को हटाया, कई सालों से चल रहा था विवाद

उदयपुरवाटी बस स्टैंड की जमीन पर पालिका की कार्रवाई:50 साल पुरानी दुकानों को हटाया, कई सालों से चल रहा था विवाद

उदयपुरवाटी : उदयपुरवाटी में एक विवादित जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुक्रवार सुबह नगर पालिका और प्रशासन ने बस स्टैंड पर स्थित लकड़ी और लोहे की दुकानों को हटा दिया। उपखंड अधिकारी के आदेश पर की गई इस कार्रवाई में सभी चबूतरों को खाली करवा दिया गया।

कार्रवाई के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एसएचओ कस्तूर वर्मा पुलिस के साथ मौजूद रहे। प्रशासन ने खाली करवाई गई जमीन को नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी के सुपुर्द कर दिया। हालांकि, कार्रवाई के मात्र 10 मिनट बाद ही अग्रवाल समाज के लोगों ने उसी जमीन पर अपना दावा करते हुए निर्माण कार्य शुरू कर दिया।

यह घटना स्थानीय प्रशासन के लिए एक नई चुनौती बन गई है, क्योंकि एक तरफ नगर पालिका इस भूमि को अपनी बता रही है, वहीं दूसरा पक्ष भी इस पर अपना अधिकार जता रहा है। इस विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।

नगर पालिका और प्रशासन ने बस स्टैंड पर स्थित लकड़ी और लोहे की दुकानों को हटा दिया।
नगर पालिका और प्रशासन ने बस स्टैंड पर स्थित लकड़ी और लोहे की दुकानों को हटा दिया।

दुकानदारों ने कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए किया विरोध

इस दौरान मौके पर कुछ दुकानदार पहुंचे और उन्होंने बिना नोटिस एक तरफा कार्रवाई बताते हुए विरोध प्रकट किया। उन्होंने कहा कि उनकी दुकानों को हटाने से पहले उनको नोटिस दिए जाने चाहिए थे और सुनवाई का मौका दिया जाना चाहिए था। दुकानदारों ने मौका मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार नीरज वर्मा को अपने कागजात दिखाए और कार्रवाई रोकने का निवेदन किया। उन्होंने दुकानदारों के अनुरोध को ठुकरा कर कार्रवाई को जारी रखा।

लंबे समय से अग्रवाल समाज व दुकानदारों में चल रहा था विवाद

बस स्टैंड पर धर्मशाला के पास नोहरे के बाहर सड़क की तरफ खाली जमीन का विवाद लंबे समय से चल रहा था। धर्मशाला और खाली जमीन अग्रवाल समाज को दान दी हुई थी। बाहर सड़क की तरफ चबूतरे पर 50 साल से लकड़ी और लोहे की दुकानें पड़ी थी। कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकान की जमीन पर 50 साल से अधिक का कब्जा बताते हुए पट्‌टा बनवाने के लिए आवेदन भी कर दिया था।

दूसरी तरफ अग्रवाल समाज के लोग अपनी धर्मशाला के सामने से अतिक्रमण हटवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे थे। अग्रवाल समाज के लोगों ने अतिक्रमण हटाने के लिए एसडीओ से आग्रह किया। दूसरी तरफ नगर पालिका और राजस्व कर्मचारियों ने विवादित जमीन को नगर पालिका की मानते हुए रिपोर्ट की थी। इस आधार पर उपखंड अधिकारी ने नायब तहसीलदार नीरज वर्मा को मौका मजिस्ट्रेट बनाकर नगर पालिका को अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी कर दिए। अधिकारियों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मौके पर पहुंचकर विवादित जमीन से अतिक्रमण हटा दिया। प्रशासन की कार्रवाई के 10 मिनट बाद ही अग्रवाल समाज के लोगों ने खाली जमीन को अपनी मानते हुए निर्माण कार्य शुरू करवा दिया।

उपखंड अधिकारी के आदेश पर की गई इस कार्रवाई में सभी चबूतरों को खाली करवा दिया गया।
उपखंड अधिकारी के आदेश पर की गई इस कार्रवाई में सभी चबूतरों को खाली करवा दिया गया।

ईओ तौफिक अहमद ने बताया कि बस स्टैंड पर नगर पालिका की जमीन थी। अतिक्रमण हटाने के लिए उपखंड अधिकारी को लिखा गया था। एसडीओ के आदेश पर अतिक्रमण हटा दिया गया। दूसरे पक्ष द्वारा विवादित जमीन पर अतिक्रमण करने की सूचना उनके पास नहीं है। अगर ऐसा है तो निर्माण कार्य वापस बंद करवा देंगे।

मौका मजिस्ट्रेट व नायब तहसीलदार नीरज वर्मा ने बताया कि नगर पालिका की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए मुझे मौका मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था। उपखंड अधिकारी के आदेश से अतिक्रमण हटाया गया है। नगर पालिका की जमीन से अतिक्रमण हटाकर पालिका ईओ को सुपुर्द कर दिया है।

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