चाइनीज-मांझे में दौड़ा करंट, 15 साल के मासूम की मौत:11 हजार केवी की लाइन पर लटकी पतंग निकाल रहा था; छत की दीवार भी काली पड़ी
चाइनीज-मांझे में दौड़ा करंट, 15 साल के मासूम की मौत:11 हजार केवी की लाइन पर लटकी पतंग निकाल रहा था; छत की दीवार भी काली पड़ी

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : श्रवण कुमार फगेडिया
सीकर : निर्माणाधीन मकान की छत पर पतंग लूटने चढ़े 15 साल के मासूम की करंट लगने से मौत हो गई। 11 हजार केवी की लाइन पर लटकी पतंग के चाइनीज मांझे को खींच रहा था। इसी दौरान उसे तेज झटका लगा, बच्चे दोनों हाथ और पेट का कुछ हिस्सा भी जल गया। आस-पड़ोस में रहने वाले लोगों ने बच्चे की चीख सुनी तो पुलिस को सूचना दी। करंट इतनी तेज था कि छत की दीवार भी काली पड़ गई। मामला सीकर के कोतवाली थाना इलाके का रविवार दोपहर 2 बजे का है। आस पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को एसके अस्पताल की मॉर्च्युरी में शव रखवाया।

तारों पर उलझी पतंग निकाल रहा था
ASI राधेश्याम मीणा के अनुसार पतंग लूटने के दौरान यह घटना हुई है। फिलहाल मामले की जांच कर रहे हैं। मीणा ने बताया- बच्चे का नाम प्रिंस (15) पुत्र संतोष कुशवाहा निवासी नोगमा, मध्यप्रदेश है। जो आज पतंग लूट रहा था। इसी दौरान तिलक नगर में वह एक निर्माणाधीन मकान की छत पर चढ़ा। जहां पर वह चाइनीज मांझे से पास से ही गुजर रही बिजली की 11 हजार केवी की लाइन पर से पतंग निकल रहा था। इसी दौरान करंट की चपेट में आ गया। करंट इतना तेज दौड़ा कि बच्चे के दोनों हाथ और पेट का कुछ हिस्सा भी जल गया।

छुट्टियों में पिता के पास आया हुआ था प्रिंस
प्रिंस के पिता संतोष सीकर में बायोस्कोप मॉल के सामने ही पिछले 10 सालों से अंडे का ठेला लगाते हैं। प्रिंस गांव में रहकर पढ़ाई कर रहा था। जो बीते दिनों यहां पिता के पास आ गया था। आज ठेले पर आने के बाद वह पतंग लूटने चला गया और इसी दौरान यह हादसा हो गया। घटनास्थल से करीब 100 मीटर की दूरी पर ही प्रिंस के पिता शाम को ठेला लगाते हैं। घर में वे ठेला लगाने की तैयारी कर रहे थे। हादसे वाली जगह से 300 मीटर की दूरी पर ही किराए पर रहते हैं।
बता दें कि चाइनीज मांझे की बिक्री अवैध है। इसके बावजूद भी शहर में चाइनीज मांझा बिक रहा है। बीते दिनों सीकर में नगर परिषद की टीम ने धोद रोड इलाके में एक दुकान पर दबिश देते हुए 500 से ज्यादा चाइनीज मांझे की चरखी जब्त की थी। जबकि इससे पहले 23 दिसंबर को सीकर में रामलीला मैदान इलाके में एक युवक भी मांझे की चपेट में आने के चलते घायल हो गया था।

क्यों है जानलेवा चाइनीज मांझा
चाइनीज मांझा धारदार होने के साथ ही इलेक्ट्रिक कंडक्टर भी होता है। इसी वजह से इसमें करंट आ जाता है। इसके अलावा ये मांझा आसानी से नहीं टूटता है और कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें देखा गया है कि टू-व्हीलर चालकों के गले में यह फंस जाने से कई बार चालक की मौत भी हो जाती है। कई पक्षी भी इससे कट जाते हैं।
नायलॉन-मैटेलिक पाउडर से बनता है
चाइनीज मांझे को प्लास्टिक मांझा भी कहा जाता है। यह प्लास्टिक का मांझा या चाइनीज मांझा अन्य मांझों की तरह धागों से नहीं बनता है। यह नायलॉन और एक मैटेलिक पाउडर से मिलकर बनाया जाता है। नायलॉन के तार में कांच आदि लगातार इसे और भी ज्यादा धारदार बनाया जाता है। यह स्ट्रेचेबल भी होता है, इस वजह से कटता भी नहीं हैं। वहीं, जब इसे उड़ाते हैं तो इसमें हल्का से कंपन होता है।
सिंपल मांझे से होता है अलग
बता दें कि सिंपल मांझा धागे से बनता है और उस पर कांच की लेयर चढ़ाई जाती है। साधारण मांझे की धार भी तेज होती है, लेकिन यह कम खतरनाक होता है। लेकिन, लोग ज्यादा से ज्यादा पतंग काटने के चक्कर में चाइनीज मांझा इस्तेमाल में लेते हैं।