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सीमेंट प्लांट का विरोध कर रहे ग्रामीणों पर लाठीचार्ज:लोगों ने पत्थर फेंके, खेत में आग लगाई; बेनीवाल ने लिखा-एसपी ने कंपनी से पैसे लिए


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सीमेंट प्लांट का विरोध कर रहे ग्रामीणों पर लाठीचार्ज:लोगों ने पत्थर फेंके, खेत में आग लगाई; बेनीवाल ने लिखा-एसपी ने कंपनी से पैसे लिए

सीमेंट प्लांट का विरोध कर रहे ग्रामीणों पर लाठीचार्ज:लोगों ने पत्थर फेंके, खेत में आग लगाई; बेनीवाल ने लिखा-एसपी ने कंपनी से पैसे लिए

नागौर : नागौर के सरासनी गांव में सीमेंट प्लांट का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज कर लोगों को खदेड़ा। इस दौरान कई लोगों के चोटें आई है। मामला रोल थाना क्षेत्र का है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार- लाठीचार्ज में करीब 10-12 लोगों के चोटें आई, जिन्हें प्राथमिक इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उधर, धरनास्थल से सभी ग्रामीणों को हटा दिया गया है।

ग्रामीणों और पुलिस में हुआ टकराव

जानकारी के अनुसार सरासनी और हरिमा क्षेत्र में प्रस्तावित जेएसडब्ल्यू कंपनी के सीमेंट प्लांट के विरोध में किसान धरना दे रहे थे। बुधवार को कंपनी के प्रतिनिधि खनन के लिए प्लांट स्थल पर जा रहे थे। इसी बीच ग्रामीणों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया। ग्रामीणों को हटाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंचा। ग्रामीणों ने विरोध किया और पत्थर फेंके।

पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिसकर्मियों ने बल प्रयोग किया। इस दौरान ग्रामीणों ने एक खेत में आग लगा दी। घटना के बाद सरासनी गांव में 6 थानों की पुलिस, आरएसी की कंपनी, क्यूआरटी समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। हालांकि शाम तक स्थिति सामान्य होने के बाद अतिरिक्त पुलिस बल को मौके से हटा दिया गया। फिलहाल मौके पर 4 से 5 पुलिसकर्मी तैनात हैं।

मौके पर स्थिति तनाव पूर्ण बनी हुई है। भारी पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है।
मौके पर स्थिति तनाव पूर्ण बनी हुई है। भारी पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है।

हम शांतिपूर्वक तरीके से धरना दे रहे थे, पुलिस ने लाठीचार्ज किया

किसान पुरखाराम ने बताया- कलेक्टर, एडीएम समेत कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ कई बार बैठकें हो चुकी है, लेकिन वो हमारी शर्त मानने को तैयार नहीं है। महीनों से जमीन अधिग्रहण में वाजिब मुआवजे की मांग को लेकर शांतिपूर्वक तरीके से धरना दे रहे थे। आज सुबह करीब 5 बजे जब हम सोये हुए थे, तब ही पुलिस के 200 जवान और कंपनी की गाड़ियां आ गई। उन्होंने हमें बाहर जाने से मना कर दिया।

हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। हमने 12 बजे तक काम बंद करने की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। खेतों में आग लगा दी। महिलाओं के गहने छीन लिए। इसमें कई ग्रामीण घायल हो गए। बिना किसानों की सहमति और मुआवजे के यहां खनन का काम शुरू किया जा रहा है, इसी को लेकर हमारा विरोध है।

डीएसपी बोले- धक्का-मुक्की हुई थी

जायल डीएसपी खेमाराम बिजारणियां ने बताया- आज सुबह जेएसडब्ल्यू कंपनी के प्रतिनिधि खनन के लिए प्लांट स्थल पर जा रहे थे। इसी बीच ग्रामीणों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया। किसानों का कहना था कि मुआवजे को लेकर जब तक गतिरोध खत्म नहीं हो जाता, उसके बाद ही खनन शुरू किया जाए। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव शुरू किया तो किसान और पुलिस आमने-सामने हो गए।

पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों को समझाते हुए शांतिपूर्ण धरना देने की अपील की, लेकिन किसानों ने मुआवजे की मांगें मानने तक विरोध करना जारी रखने की बात कही। इसी बीच दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की हो गई। हालांकि अब शांति है।

घटना के दौरान पथराव में पुलिस की गाड़ियां टूट गई। वहीं धरनास्थल पर लगी कुर्सियां भी टूट गई।
घटना के दौरान पथराव में पुलिस की गाड़ियां टूट गई। वहीं धरनास्थल पर लगी कुर्सियां भी टूट गई।

पुलिस और ग्रामीणों ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप

पुलिस का कहना है कि खेतों में ग्रामीणों ने आग लगाई। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने लाठीचार्ज कर आगजनी की। पुलिस ने लाठीचार्ज की घटना से इनकार किया है। मौके पर सदर, रोल, श्रीबालाजी, पांचौड़ी, जायल थाने के अलावा पुलिस लाइन से भी जाब्ता मौके पर पहुंचा। हालांकि शाम को माहौल शांतिपूर्ण होने के बाद अतिरिक्त पुलिस बल को हटा दिया गया। फिलहाल मौके पर 4 से 5 पुलिसकर्मी तैनात हैं।

134 दिन से धरना दे रहे थे ग्रामीण सरासनी गांव के लोगों के अनुसार सीमेंट कंपनी के प्रतिनिधियों ने 8 लाख रुपए प्रति बीघा की दर से जमीन खरीदी थी, लेकिन हरिमा समेत अन्य गांवों में 11 लाख रुपए की दर से जमीन खरीदी गई। ऐसे में सरासनी गांव के ग्रामीणों ने 3 लाख रुपए बीघा के हिसाब से और रुपए देने की मांग को लेकर 22 अगस्त 2023 से धरना देना शुरू किया। विरोध में स्थानीय ग्रामीण 134 दिन से धरना दे रहे थे‌।

किसानों का कहना है कि कंपनी अब 20 लाख रुपए प्रति बीघा की दर से जमीन की खरीद रही है। हालांकि मामले में कंपनी के प्रतिनिधियों का कहना है कि वे अब जमीन नहीं खरीद रहे हैं। पूर्व में खरीदी जा चुकी जमीन पर ही खनन कार्य शुरू किया जाएगा।

बेनीवाल ने लिखा- एसपी ने काम शुरू करवाने का ठेका लिया

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के अध्यक्ष और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने एसपी पर कंपनी से रुपए लेने का आरोप लगाया है। बेनीवाल ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट लिखा- नागौर जिले में सरासनी गांव की सरहद पर विगत काफी दिनों से JSW सीमेंट कंपनी की मनमर्जी के विरुद्ध किसान लोकतांत्रिक रूप से धरने पर बैठे हैं। आंदोलित किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने कई बार जिला प्रशासन को लिखित में अपनी मांगों से अवगत करवाते हुए सकारात्मक समाधान निकलवाने की मांग की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकाला गया।

अभी भारी संख्या में पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर जिला पुलिस अधीक्षक नागौर और जिला प्रशासन के कई अधिकारियों और सत्ता में बैठे कई दलालों के इशारे पर लाठीचार्ज किया गया है। इससे दलित महिलाओं सहित कई वर्गों के लोगो को चोटें आई हैं। किसानों के हितों का संरक्षण करने के स्थान पर एक निजी कंपनी के हित में आपकी पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने जो लाठीचार्ज करने जैसा जो कदम उठाया है, वो निंदनीय है। पुलिस के ऐसे कृत्य का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है।

उन्होंने लिखा- विश्वनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नागौर के जिला पुलिस अधीक्षक और जिला प्रशासन के कई अफसरों ने सत्ता में बैठे कुछ दलाल प्रवृति के नेताओं के साथ मिलकर JSW कंपनी से 1 करोड़ रुपए लेकर किसानों का धरना हटाते हुए कंपनी का कार्य शुरू कराने का ठेका लिया है। चूंकि पुलिस प्रशासन में बैठे अफसरों का दायित्व सत्ता में सक्षम स्तर पर वार्ता करके किसी भी आंदोलन का सकारात्मक हल निकालने का होता है, मगर नागौर जिले में एसपी और कई अधिकारी यहां के उन नेताओं के नक्शे कदम पर चलने लग गए जो सीमेंट कम्पनियों की कई वर्षों से दलाली करने में लगे हुए है।

दो दिनों में बाद मैं स्वयं राजस्थान आते ही नागौर पहुंचकर आंदोलित किसानों के साथ बैठकर इस आंदोलन को किसानों की मांगे नहीं माने जाने तक आगे बढ़ाने के संदर्भ में विस्तृत चर्चा करूंगा और JSW कंपनी के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे। आरएलपी कार्यकर्ताओं से भी आह्वान करता हूं कि आगामी दिनों में इस कंपनी के खिलाफ बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहें। किसानों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कार्मिकों के खिलाफ कार्यवाही करवाने और किसानों के हक में लड़ाई लड़ने के लिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सदैव किसानों के साथ खड़ी है। जनहित के लिए RLP सड़क पर सत्ता के खिलाफ लोकतांत्रिक रूप से मजबूती से लड़ाई लड़ेगी।

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