शहीद हवलदार हरिराम रेवाड़ की अंत्येष्टि:जायल से राजोद तक निकली तिरंगा यात्रा, 6 साल के बेटे नवीन ने दी मुखाग्नि
शहीद हवलदार हरिराम रेवाड़ की अंत्येष्टि:जायल से राजोद तक निकली तिरंगा यात्रा, 6 साल के बेटे नवीन ने दी मुखाग्नि
नागौर : जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में हुए हादसे में जान गंवाने वाले नागौर के शहीद हवलदार हरिराम रेवाड़ की गमगीन माहौल में अंत्येष्टि कर दी गई। शहीद की पार्थिव देह जैसे ही गांव रालोद पहुंची तो सबकी रूलाई फूट पड़ी। पहुंचेगी। पार्थिव देह शाम 4 बजे जायल पहुंची। जायल से तिरंगा यात्रा मुख्य मार्गों से होकर उनके गांव राजोद पहुंची। राजोद में गगनभेदी नारों के बीच घर के आंगन में तिरंगे से लिपटे हरिराम को रखा गया। वीरांगना प्रीति देवी और बहन संतू देवी, सुप्यारी देवी और मन्नी देवी पर तो जैसे पहाड़ टूट पड़ा, चीख-पुकार मच गई।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में शनिवार (4 जनवरी) को सेना का ट्रक खाई में गिर गया था। हादसे में राजस्थान के दो जवान शहीद हो गए। इनमें नागौर के हरिराम के अलावा बहरोड़ (कोटपूतली-बहरोड़) के लांस नायक नितीश कुमार यादव भी थे। दोनों थल सेना में थे।
हरिराम की पत्नी और मामं को आज सुबह तक उनके शहीद होने की खबर नहीं दी गई थी। घर के बाहर पसरे सन्नाटे ने सब कुछ बयान कर दिया। इसके बाद घर में चीख-पुकार मच गई। शहीद हवलदार हरिराम की पार्थिव देह बीकानेर के नाल एयरपोर्ट से रवाना हुई। गांव पहुंचने के बाद शहीद हरिराम की सैन्य सम्मान से अंत्येष्टि की जाएगी।
शहीद के बेटे नवीन ने चिता को मुखाग्नि दी। सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। सैन्य अधिकारियों ने बेटे नवीन को तिरंगा सौंपा। वीरांगना प्रीति देवी शहीद की बहनों के साथ मोक्षधाम भी पहुंची। बेटी वंदना भी साथ थी। युवाओं ने शहीद हरिराम रेवाड़ अमर रहे के नारे लगाए। अंतिम संस्कार में महिला बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. मंजू बाघमार पूर्व सांसद व भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. ज्योति मिर्धा, खींवसर विधायक रेवंतराम डांगा, नागौर जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित, पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस, खींवसर प्रधान प्रतिनिधि जगदीश बिड़ियासर समेत सैकड़ो लोगों ने शहीद हरिराम को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
हरिराम के बड़े भाई रामेश्वर रेवाड़ ने बताया- हरिराम परिवार के प्रति बहुत समर्पित थे। हर समय परिवार की चिंता करते थे। शनिवार शाम को उनकी पत्नी के पास 13 आरआर के सीओ का फोन आया और शहादत की खबर दी। इसके बाद से घर में मातम का माहौल है। शहीद हरिराम पांच भाइयों में सबसे छोटे थे।