तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों पर 7 साल से प्रतिबंध:कब खत्म होगा 4 लाख शिक्षकों के ट्रांसफर खुलने का इंतजार? न तबादला नीति बन रही, न रोक ही खुल रही
तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों पर 7 साल से प्रतिबंध:कब खत्म होगा 4 लाख शिक्षकों के ट्रांसफर खुलने का इंतजार? न तबादला नीति बन रही, न रोक ही खुल रही

जयपुर : तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों पर 7 साल से प्रतिबंध। वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता और प्रिंसिपल के ट्रांसफर पर 2 साल से रोक। यह स्थिति सरकार के सबसे बड़े माने जाने वाले शिक्षा विभाग की है। 4 लाख शिक्षकों का यह दर्द अब आक्रोश का रूप ले रहा है। शिक्षक संगठन तबादले नहीं खोलने के विरोध में उतर आए हैं। ऐसा इसलिए भी कि भाजपा सरकार बनने के बाद हाल में दूसरी बार तबादलों से रोक हटाई गई लेकिन शिक्षा विभाग को फिर छोड़ दिया गया। इस सरकार में 2024 में 10 से 20 फरवरी तक और अब 1 से 10 जनवरी तक रोक हटाई गई है।
दूसरी ओर, विभाग में डेपुटेशन के जरिए चहेतों को मनचाही पोस्टिंग दी जा रही है। पिछले दिनों ही पाठ्यपुस्तक मंडल और साक्षरता विभाग में बड़ी संख्या में डेपुटेशन किए गए। कई तृतीय श्रेणी शिक्षकों को भी एक जिले से दूसरे में भेजा गया। कई बाहर के जिलों से जयपुर भी आए हैं। हालांकि, विभाग के पास डेपुटेशन का कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं है, लेकिन शिक्षक संगठनों का दावा है कि एक हजार से अधिक शिक्षक डेपुटेशन पर हैं। मालूम हो कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले अंतिम बार जुलाई 2018 में तत्कालीन शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी के समय खोले गए थे। इसके बाद 5 साल तक कांग्रेस सरकार ने तबादले नहीं खोले। यानी 7 साल से तबादले नहीं हुए।
85 हजार आवेदन 3 साल से पेंडिंग
गोविंद सिंह डोटासरा ने शिक्षामंत्री रहते अगस्त 2021 में एक बार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों के लिए आवेदन लिए थे। तब 85 हजार शिक्षकों ने आवेदन किए। लेकिन, इन पर आज तक कोई निर्णय नहीं हुआ। इसके बाद नवंबर 2021 में डोटासरा की जगह बीडी कल्ला शिक्षामंत्री बने। कल्ला ने अगस्त 2022 से जनवरी 2023 तक शिक्षा विभाग में तबादले खोले थे। इस दौरान व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक, प्रिंसिपल के बड़ी संख्या में तबादले भी हुए। इन तबादलों पर 15 जनवरी 2023 को रोक लगी थी। इसके बाद से दो साल से इनके तबादलों पर भी रोक लगी हुई है।
बातें सबने कीं, नीति किसी ने नहीं बनाई कांग्रेस सरकार हो या भाजपा। शिक्षकों की तबादला नीति बनाने की बात करती है, लेकिन आज तक तबादला नीति नहीं बनाई गई। पिछले दिनों मंत्री दिलावर ने भी नीति बनाने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक यह कागजों से बाहर नहीं निकली है।
5,67,668 कुल पद शिक्षक-कर्मचारियों के हैं 4,18,549 पद भरे हुए हैं 1,72,641 शिक्षक हैं प्रारंभिक शिक्षा में 1,97,632 शिक्षक माध्यमिक शिक्षा में कार्यरत हैं 3,70,273 कुल शिक्षक कार्यरत हैं विभाग में 1,85,030 तृतीय श्रेणी शिक्षक हैं इनमें
मंत्री ने कहा- परीक्षा के कारण नहीं खोला बैन, नीति बन रही शिक्षामंत्री मदन दिलावर का कहना है कि फरवरी में रीट और मार्च में बोर्ड परीक्षाएं हैं। इसलिए फिलहाल तबादले नहीं खोले गए हैं। डेपुटेशन पर सीएम की रोक है। लेकिन, परिस्थितियां देखते हुए डेपुटेशन किया जाता है। कांग्रेस सरकार ने तो बिना जरूरत बड़ी संख्या में डेपुटेशन किए थे, जिन्हें हमने रद्द किया है। अब शाला दर्पण पोर्टल के जरिए प्रतिनियुक्ति होती है। तबादला नीति बनाने का काम प्रक्रियाधीन है।
शर्मा ने कहा- परेशानी समझे सरकार राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ प्रदेशाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि एक हजार से अधिक डेपुटेशन हो रखे हैं। यह गलत है। तबादले नहीं खोलने सेे शिक्षकों में आक्रोश है। दिव्यांग, एकल महिला और गंभीर रोग से पीड़ित शिक्षकों के परेशानी सरकार को समझनी चाहिए।