ट्यूबवेल में धंसे ट्रक और मशीन को निकालना रिस्की!:ओएनजीसी ने सौंपी कलेक्टर को रिपोर्ट, बताया- दुबारा ना हो जाए वही हालात
ट्यूबवेल में धंसे ट्रक और मशीन को निकालना रिस्की!:ओएनजीसी ने सौंपी कलेक्टर को रिपोर्ट, बताया- दुबारा ना हो जाए वही हालात

जैसलमेर : जैसलमेर के मोहनगढ़ इलाके के 27 बीडी चक इलाके में ट्यूबवेल खुदाई के दौरान अचानक निकली गैस और पानी के मामले में ONGC की क्राइसिस मैनेजमेंट टीम ने कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में बताया- ट्रक और मशीन को बाहर निकालना बड़े खतरे को न्योता देना होगा। संभावना यह भी जताई जा रही है कि ट्रक और 22 टन वजनी मशीन के कारण ही पानी व गैस का प्रेशर के साथ रिसाव बंद हुआ हो।
रिपोर्ट में बताया गया कि मशीन निकलने से एक बार फिर प्रेशर के साथ कही पानी और मिट्टी निकलना शुरू न हो जाए। धरती में दबे ट्रक और बोरिंग मशीन को निकाला जाए या नहीं, इस संबंध में ओएनजीसी टीम ने तकनीकी रिपोर्ट कलेक्टर प्रताप सिंह को दी है। अब प्रशासन आगे क्या किया जाए इसको लेकर अधिकारियों के साथ बैठक कर मंथन करेगा।

ONGC की क्राइसिस मैनेजमेंट टीम ने दी रिपोर्ट
गौरतलब है कि, बीते 28 दिसंबर को मोहनगढ़ इलाके में विक्रम सिंह के खेत में ट्यूबवेल खुदाई के दौरान अचानक भारी मात्रा में पानी और गैस निकलने लगी। ट्यूबवेल की बोरिंग के दौरान भारी दबाव के कारण ट्रक और 22 टन वजनी मशीन जमीन में समा गए। इसके बाद जमीन से पानी और गैस क साथ कीचड़ का तेज प्रेशर बाहर निकलने का सिलसिला शुरु हुआ। 29 दिसंबर की रात को अचानक ये सिलसिला बंद हो गया। इस घटना को लेकर 31 दिसंबर को ONGC की क्राइसिस मैनेजमेंट टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान सामने आए तथ्यों को लेकर क्राइसिस मैनेजमेंट टीम ने कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत को एक रिपोर्ट भी सौंपी है। जिसमें इसे फिलहाल ना ही छेड़ने की सलाह दी गई है।
प्रेशर के साथ दुबारा पानी और मिट्टी निकलना शुरू न हो जाए
मिली जानकारी के अनुसार तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) की क्राइसिस मैनेजमेंट टीम ने बोरवेल की स्थिति को देखा और मौके का जायजा लिया और घटना स्थल से दूरी बनाए रखने की नसीहत दी। बताया गया कि ट्रक और मशीन को बाहर निकालना बड़े खतरे को न्योता देना होगा। संभावना यह भी जताई जा रही है कि ट्रक और 22 टन वजनी मशीन के कारण ही पानी व गैस का प्रेशर के साथ रिसाव बंद हुआ हो। मशीन निकलने से एक बार फिर प्रेशर के साथ कही पानी और मिट्टी निकलना शुरू न हो जाए। धरती में दबे ट्रक और बोरिंग मशीन को निकाला जाए या नहीं, इस संबंध में ओएनजीसी टीम ने तकनीकी रिपोर्ट कलेक्टर प्रताप सिंह को दी है। हालांकि इसको लेकर प्रशासन की तरफ से कोई भी जानकारी शेयर नहीं की गई है।

क्या ट्रक व मशीन रहेगी जमीन के अंदर
खेत मालिक विक्रम सिंह ने बताया कि इस मामले को लेकर 3 जनवरी को एडीएम ने उन्हें बुलाया था। एडीएम ने उन्हें 3 महीने तक घटना स्थल से दूर रहने के लिए कहा है। वहीं मशीन-ट्रक के संबंध में ADM ने कहा कि वो अंदर ही रहेगी, उसे बाहर निकालने का कोई प्रयास न करें। विक्रम सिंह ने बताया- मशीन मालिक उनके रिश्तेदार है और उनकी रोजी रोटी का एक मात्र साधन यह बोरिंग मशीन थी। उसकी लागत 50- 60 लाख रुपए है जो कि एक हफ्ते से जमीन में धसी है।