गांव और तालाबों में गंदगी पाए जाने पर संबंधित कार्मिको के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने की अनुशंसा उच्च अधिकारियों से की जाएगी : के के गुप्ता
जनप्रतिनिधि और कार्मिको के सामूहिक प्रयासों के साथ गांव को स्वच्छ बनाएं : के के गुप्ता, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) प्रदेश समन्वयक गुप्ता ने दोवड़ा ब्लॉक की 2 ग्राम पंचायत का किया निरीक्षण, ग्राम पंचायत पुनाली में तालाब और सार्वजनिक स्थान को गंदा पाया, ग्राम पंचायत नरणिया में तालाब पर लाखों रुपए खर्च लेकिन स्थिति अभी भी बदहाल
डूंगरपुर : स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) राजस्थान सरकार में प्रदेश समन्वयक के के गुप्ता द्वारा शनिवार प्रातः पंचायत समिति दोवड़ा की ग्राम पंचायत पुनाली और रोल मॉडल के रूप में चयनित ग्राम पंचायत नरणिया का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पंचायत समिति अतिरिक्त विकास अधिकारी गिरीश कुमार कलाल सहित संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी उपस्थित रहे।
प्रदेश समन्वयक गुप्ता ने यह भी जानकारी मांगी है कि दोनों ग्राम पंचायत के तालाब के जीर्णोद्धार और रखरखाव के लिए वर्तमान तक कुल कितनी धनराशि व्यय की गई है? जिस पर अतिरिक्त विकास अधिकारी कलाल ने आगामी 2 दिन के भीतर संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। वहीं आगामी 25 दिसंबर तक दोनों तालाबों की समुचित साफ सफाई करने का भी आश्वासन दिया गया है।
ग्राम पंचायत पुनाली में निरीक्षण के दौरान यह देखा गया कि गांव के तालाब में बहुत गंदगी फैली हुई है जिसको तुरंत ही साफ सफाई करने के निर्देश ग्राम विकास अधिकारी को दिए गए। ग्राम पंचायत में सार्वजनिक स्थान और प्रमुख मार्गों पर भी गंदगी फैली हुई थी और गांव की गलियों में नाली में पानी भी अवरुद्ध हो रखा था जिस कारण मच्छर आदि हो रहे थे। स्वच्छ भारत मिशन अभियान में प्लास्टिक उपयोग की रोकथाम करना है। ग्राम पंचायत के संबंधित कार्मिक को यह भी स्पष्ट हिदायत दी गई थी कि गांव के प्रत्येक घर तक प्लास्टिक कैरी बैग संग्रहण के रूप में एक कट्टा (प्लास्टिक बैग) पहुंचाया जाए लेकिन धरातल पर वास्तविक स्थिति यह देखने को मिली कि यह संग्रहण कट्टा किसी भी घर तक नहीं पहुंचा है। इस पर समन्वयक गुप्ता ने अत्यंत नाराजगी जताते हुए संबंधित कार्मिक को निर्देश दिए कि आगामी 48 घंटे के भीतर पुनाली गांव के प्रत्येक घर में प्लास्टिक संग्रहण कट्टे पहुंचा दिए जाएं। गांव में कुछ जगह पर गीला और सूखा कचरा एक साथ एकत्र पड़ा हुआ दिखा तथा उसमें आग भी जला रखी थी जिस कारण पूरे गांव के वातावरण में प्रदूषण फैल रहा था। इस संबंध में भी ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम स्वच्छता समन्वयक को इसकी पुनरावृत्ति नहीं होने की हिदायत दी गई।
डूंगरपुर जिले की समस्त 12 पंचायत समिति में प्रत्येक पंचायत समिति में से एक-एक ग्राम पंचायत को रोल मॉडल ग्राम पंचायत के रूप में चयनित किया गया है। जिसके तहत दोवड़ा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत नरणिया में भी प्रदेश समन्वयक गुप्ता द्वारा सघन निरीक्षण किया गया। गांव में बने हुए एक तालाब के निरीक्षण के दौरान यह देखा गया कि तालाब की स्थिति बहुत ही बदहाल है तालाब में गंदगी फैली हुई है तथा इसके आसपास भी गंदगी का अंबार लगा हुआ है। पंचायत समिति अतिरिक्त विकास अधिकारी ने इस तालाब के संबंध में अवगत कराया कि पूर्व में भी तालाब के जीर्णोद्धार और साफ-सफाई के लिए बजट आवंटन किया गया था और संबंधित कार्यकारी एजेंसी द्वारा कार्य भी किया गया था। लेकिन इस तालाब की वर्तमान स्थिति को देखते हुए प्रदेश समन्वयक गुप्ता ने अत्यंत नाराजगी व्यक्त करते हुए यह दिशा निर्देश जारी किए हैं कि ग्राम पंचायत के जिम्मेदार कार्मिक के विरुद्ध पंचायती राज विभाग के उच्च अधिकारियों तक शिकायत पहुंचाई जाएगी और उनके विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्यवाही किए जाने की अनुशंसा की जाएगी।
दोनों ग्राम पंचायत के निरीक्षण के पूर्व स्वच्छ भारत मिशन प्रदेश समन्वयक गुप्ता द्वारा ग्राम पंचायत भवन में बैठक को संबोधित किया गया।
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत के सभी जनप्रतिनिधि और कार्मिको के पारस्परिक सहयोग के साथ में हमारे गांव को स्वच्छ और सुंदर बनाया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के कुछ महत्वपूर्ण तत्व है जिनकी पूर्ति और पालना किए बिना हम हमारे स्वच्छता के लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि गांव में जिस किसी घर में चार पशु हैं वहां बायोगैस प्लांट लगाया जा सकता है, यह बायोगैस भोजन पकाने के लिए ईंधन के रूप में उपयोग की जाती है तथा यह एलपीजी गैस सिलेंडर से कम कीमत की पड़ती है। यह प्लांट लगाने के लिए डूंगरपुर जिले की एक स्वयंसेवी संस्था पीडो माड़ा द्वारा कई वर्षों से कार्य किया जा रहा है वहीं, रतन टाटा ट्रस्ट द्वारा यह प्लांट लगाने के लिए 34 हजार रूपए की सब्सिडी भी दी जाती है, इस प्लांट की कुल लागत लगभग 40 हजार रूपए आती है जिसमें से व्यक्ति को सिर्फ 6 हजार रूपए की राशि वहन करनी है। गांव के प्रत्येक नागरिक को भी स्वच्छता के प्रति अपने दायित्व को समझना होगा और अपने घरों से निकलने वाले गीले तथा सूखे कचरे को अलग-अलग करके एकत्र करके कचरा संग्रहण वाहन में डालना चाहिए। गीले कचरे से खाद बनाई जाती है जिसका उपयोग वृक्षारोपण में भी किया जा सकता है वहीं सूखे कचरे को सीमेंट कंपनियों को बेचा जा सकता है। कचरा किसी खुली हुई जगह पर एकत्र नहीं करें और कचरे में आग लगाना एक प्रकार के अपराध की श्रेणी में भी आता है।
बैठक के दौरान ग्राम पंचायत के सरपंच, उप सरपंच, वार्ड पंच, ग्राम विकास अधिकारी, कनिष्ठ सहायक, ग्राम व ब्लॉक स्वच्छता समन्वयक सहित सैकड़ो की संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।