कोटा : कोटा में ढाई साल पुराने थप्पड़कांड मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक को 3 साल की जेल हुई है। एससी/एसटी कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत और बीजेपी कार्यकर्ता महावीर सुमन को उप वन संरक्षक (डीसीएफ) को थप्पड़ मारने का दोषी माना। दोनों को 3-3 साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई। फैसले के बाद मीडिया से बातचीत में राजावत ने कहा- वे हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
मामला मार्च 2022 का है। तब दाढ़ देवी माता मंदिर रोड पर यूआईटी की ओर से करवाए जा रहे पैचवर्क को वन विभाग ने रुकवाया था। इस बात से नाराज होकर 31 मार्च 2022 की दोपहर 3:30 बजे पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत समर्थकों के साथ राजभवन रोड स्थित वन विभाग के ऑफिस में गए थे। तत्कालीन डीसीएफ रविकुमार मीणा राजावत को कुर्सी पर बैठने और चाय पीने का आग्रह करते रहे। बातचीत के दौरान राजावत ने डीसीएफ रविकुमार को थप्पड़ मार दिया था।
रविकुमार ने कोटा के नयापुरा थाने में भवानी सिंह राजावत, भाजपा कार्यकर्ता महावीर सुमन सहित 10-15 लोगों पर थप्पड़ मारने, धक्का-मुक्की करने और राजकार्य में बाधा के आरोप लगाए थे। पुलिस ने धारा 332 (गैर जमानती), 353, 34 और 3 (2)(va) एससी/एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया था। राजावत 1 अप्रैल 2022 को गिरफ्तार हुए। 10 दिन जेल में रहे थे। बाद में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली थी, तब से जमानत पर थे।
राजावत और सुमन को 3-3 साल की सजा
कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए भवानी सिंह राजावत व महावीर सुमन को राजकार्य में बाधा डालने और थप्पड़ मारने के मामले में दोषी माना। धारा 332 (गैर जमानती) में 3-3 साल कारावास की सजा सुनाई। 30-30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। वहीं, धारा-3 (एससी-एसटी) में दोनों को बरी किया है।
राजावत के वकील पृथ्वीराज शेखावत ने बताया- कोर्ट में हमने सजा सस्पेंशन एप्लिकेशन लगाई थी। जिसको कोर्ट ने स्वीकार किया। कोर्ट ने सस्पेंशन अपील लिए एक महीने का वक्त दिया है।
राजावत बोले- हाईकोर्ट में अपील करूंगा
कोर्ट के फैसले के बाद राजावत ने मीडिया से कहा- मैंने उसको कहा था नादानी मत करो। मैंने केवल कंधे पर हाथ रखा था। उसने मुझ पर थप्पड़ मारने का आरोप लगा दिया। मुझे कोर्ट पर भरोसा था। आज कोर्ट ने फैसला दे दिया। कोर्ट ने धारा-3 में बरी कर दिया। थप्पड़ मारने के मामले में हाईकोर्ट में अपील करूंगा। मुझे भरोसा है, मेरे साथ न्याय होगा।