साहित्य संसद की ओर से शिक्षक सम्मान और पोथी-चर्चा कार्यक्रम आयोजित
साहित्य संसद की ओर से शिक्षक सम्मान और पोथी-चर्चा कार्यक्रम आयोजित

फतेहपुर : साहित्यकारों व साहित्यानुरागियों की प्रतिनिधि संस्था साहित्य संसद द्वारा शिक्षक सम्मान एवं पोथी-चर्चा कार्यक्रम निजी स्कूल में बनवारी लाल रेवाड़ की अध्यक्षता में हुआ। मुख्यवक्ता वरिष्ठ साहित्यकार बजरंगलाल जेठू, डॉ. पितरामसिंह गोदारा, भंवरलाल महरिया ‘भंवरो’, रामनिवास शर्मा ने साहित्य के विभिन्न पक्षों पर विचार प्रस्तुत किए। जेठू ने संबोधित करते हुए कहा कि आज के युग में साहित्यकार कोई नहीं है सभी पाठक हैं।
वहीं राजस्थानी भाषा की मान्यता के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब तक हम लोग राजस्थानी बोलेंगे और लिखेंगे ही नहीं तो मान्यता से क्या होगा। दूसरे प्रदेशों में उनकी भाषा के बोर्ड मिल जाएंगे लेकिन राजस्थानी भाषा का कोई बोर्ड लगा होगा तो उसे पढ़ने वाले बहुत कम लोग मिलेंगे ।
सुरेश कुमार रयाड़ तथा कपिल देव आर्य ने भंवरलाल महरिया ‘भंवरो’ की राजस्थानी कृति गाभा पर, आचार्य रामगोपाल शास्त्री ने पितरामसिंह गोदारा के राजस्थानी गीत संग्रह गजरों पर पत्रवाचन किया। बलबीर सिंह आंतरोली ने कर्मयोगी के अमिट निशां के लेखन की भूमिका समझाई। राकेश पटवारी, प्रेम प्रकाश छकड़ा, गोगराज जोशी, सुरेंद्र थालोर, भंवरलाल प्रभाकर प्रधानाध्यापक, बीरबल चिरानिया आदि ने वक्ताओं, साहित्यकारों, अतिथियों का साहित्य भेंट कर सम्मान सत्कार किया। डॉ शबनम भारतीय शिक्षिका को राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान तथा पीएचडी की प्राप्त होने पर सम्मान पत्र दिया।