खेतड़ी : खेतड़ी में राजस्थान सरकार और खेतड़ी ट्रस्ट के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। शनिवार शाम को खेतड़ी ट्रस्ट ने तहसीलदार सुनील कुमार के खिलाफ पुलिस थाने में परिवाद दर्ज कराकर मामले को और गंभीर बना दिया।
सीआई भंवरलाल कुमावत ने बताया कि खेतड़ी ट्रस्ट ने तहसीलदार सुनील कुमार, गिरदावर सुखलाल, पटवारी सत्यवीर सिंह, पटवारी सहायक पवन कटारिया, और तहसीलदार के रीडर मनोज पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 20 नवंबर को जय निवास कोठी पर धावा बोला। ट्रस्ट के अनुसार, इन अधिकारियों ने गैरकानूनी तरीके से ट्रस्ट के कर्मचारियों को बेदखल कर कोठी पर कब्जा करने की नीयत से दो दरवाजों पर ताले लगा दिए।
ट्रस्ट का दावा है कि जय निवास कोठी को 1987 में लावारिस संपत्ति घोषित कर कब्जे में लेने का दावा किया गया था, लेकिन यह संपत्ति 1987 से 2000 तक खेतड़ी ट्रस्ट द्वारा खनिज अन्वेषण निगम लिमिटेड (एमईसीएल) को किराए पर दी गई थी। सितंबर 2000 में एमईसीएल ने विधिवत दस्तावेजों के साथ यह संपत्ति खेतड़ी ट्रस्ट को वापस सौंप दी। तब से यह संपत्ति ट्रस्ट के कब्जे में है।
तहसीलदार सुनील कुमार का कहना है कि यदि खेतड़ी ट्रस्ट जय निवास कोठी के वैध दस्तावेज प्रस्तुत करता है, तो वह इस संपत्ति को अपनी रिसीवरी से मुक्त कर अपनी रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंप देंगे।
विवाद का बढ़ता दायरा
6 जनवरी 2023 को तहसीलदार ने जय निवास कोठी को कब्जे में लेने का प्रयास किया था। इस पर खेतड़ी ट्रस्ट ने 17 जनवरी 2023 को जयपुर कलेक्टर को पत्र लिखकर विरोध जताया था। हाल ही में तहसीलदार ने जय निवास कोठी के दो ताले तोड़ने का प्रयास किया, जिसके बाद खेतड़ी ट्रस्ट ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।
दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप
तहसीलदार द्वारा खेतड़ी ट्रस्ट के दो सदस्यों पर जबरन ताला तोड़ने का मामला भी पुलिस थाने में दर्ज करवाया गया है। इसके बाद कोठी को सील कर दिया गया। वहीं, ट्रस्ट का कहना है कि उनके पास संपत्ति के सभी वैध दस्तावेज हैं और यह पूरी तरह उनके अधिकार क्षेत्र में है।
मामला अब प्रशासन और ट्रस्ट के बीच कड़ी कानूनी लड़ाई में बदलता दिख रहा है। तहसीलदार और ट्रस्ट दोनों ने अपनी-अपनी दावेदारी को लेकर मजबूत रुख अपनाया है। अब इस विवाद का हल जिला प्रशासन या न्यायालय के माध्यम से निकलने की उम्मीद है।